Shark Tank India-4:इतिहास में पहली बार.. दोबारा आया कोई फाउंडर, ₹10 की पिच से जज हुए भावुक, हुई ऑल 5 शार्क डील
शो पर आते ही फाउंडर ने कहा- 'शार्क मुझे भूल गए क्या? मैं आज यहां हूं तो सिर्फ आपकी वजह से. आपने मुझ पर इतना भरोसा दिखाया, जतना मुझे खुद को अपने ऊपर नहीं था. आपने मुझे अपने हक के लिए लड़ने का भरोसा दिलाया और आज उसी भरोसे की वजह से मैं यहां हूं.'
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शार्क टैंक इंडिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई स्टार्टअप फाउंडर (Startup Founder) दोबारा से शो पर आया हो. शो पर आते ही फाउंडर ने कहा- 'शार्क मुझे भूल गए क्या? मैं आज यहां हूं तो सिर्फ आपकी वजह से. आपने मुझ पर इतना भरोसा दिखाया, जतना मुझे खुद को अपने ऊपर नहीं था. आपने मुझे अपने हक के लिए लड़ने का भरोसा दिलाया और आज उसी भरोसे की वजह से मैं यहां हूं.' पिछली बार यह फाउंडर दूसरे सीजन में आए थे और अब वह चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में आए हैं.
इस स्टार्टअप का नाम है Offmint, जिसकी शुरुआत की है बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले आशुतोष रॉय ने. इनका स्टार्टअप हाई स्ट्रीट फैशन को अफॉर्डेबल कीमत पर टीयर 2-3 शहरों के युवाओं तक पहुंचाता है. यह स्टार्टअप जैकेट, ड्रेस, टीशर्ट, कॉर्डसेट जैसे कपड़े बनाता है. आशुतोष ने अपने स्टार्टअप की 1 फीसदी इक्विटी के बदले महज 10 रुपये की फंडिंग मांगी, जिसे सुनकर जज हैरान हो गए. हालांकि, असली हैरानी तो सभी शार्क को दूसरे सीजन की कहानी जानकर हुई.
दूसरी बार शो पर आया कोई फाउंडर
पहली बार आशुतोष शार्क टैंक इंडिया के दूसरे सीजन में गैविन पेरिस ब्रांड के साथ आए थे. उसके फाउंडर का नाम था किशोर जयरामका, जो कोलकाता से थे. उनके पास कंपनी की 100 फीसदी इक्विटी थी और आशुतोष के पास कोई इक्विटी नहीं थी. वहीं कंपनी का सारा काम और मार्केटिंग आशुतोष ही कर रहे थे. जब जजों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसे गलत कहा और आशुतोष से अपने हक के लिए लड़ने को कहा.
बच्चे को लूट लिया.. आप मासूम हो..
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अमित जैन बोले- 'धंधा तो आप चलाते हो.. लग रहा है बच्चे को लूट लिया.' वहीं अनुपम ने आशुतोष की ओर देखते हुए कहा- 'आप मासूम हो' और किशोर से कहा- 'आप ज्यादा ही स्मार्ट लग रहे हो.' वहीं किशोर से ये भी पूछा कि इक्विटी कितनी दोगे तो वह बोले के 10 फीसदी की हमारी बात हुई है. इस पर अनुपम मित्तल ने आशुतोष से कहा- 'साथ बैठें और हक जमाएं.' विनीता ने कहा- 'अपने हक के लिए लड़ना बहुत जरूरी है.' अमन बोले- 'इनसे शेयर ले लो, ना दें तो मैं 50 लाख रुपये देता हूं, यही बिजनेस मेरे साथ मिलकर शुरू करो.'
जिस दिन आया शो, उसी दिन हो गई पिता की मौत
आशुतोष ने बताया कि पिछली बार जिस दिन शो शार्क टैंक पर आया था, उसी दिन उनके पिता की एक ट्रेन एक्सिडेंट में मौत हो गई. वह बोले सोचा था कि दोनों साथ बैठकर देखें पिच टीवी पर. सुबह टीम ने फोन कर के बताया कि आज शो आएगा और उसके महज आधे घंटे बाद पुलिस ने फोन कर बताया कि रेलवे स्टेशन पर उनके पिता का शव है. करीब एक महीने तक आशुतोष उस पिच को देख नहीं पाए. अमन ये सब सुनकर बोले- 'रोंगटे खड़े हो गए.' विनीता बोलीं- 'लाइफ इज हार्ड' यानी जिंदगी बहुत संघर्षों से भरी है.
जिम्मेदारी आई तो शुरू किया खुद का बिजनेस
शार्क टैंक पर तमाम जजों ने जो भी बातें कही थीं, उन्हें आशुतोष ने बहुत ही गंभीरता से लिया और अपने हक के लिए लड़े. हक नहीं मिलने पर उन्होंने वह स्टार्टअप छोड़ दिया और अपना खुद का बिजनेस शुरू किया. पिता की मौत के बाद जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई और उन्होंने सोचा कि अब कुछ अपना करना चाहिए. उन्होंने बताया कि शार्क टैंक से वापस जाने के बाद भी किशोर ने उनसे इक्विटी को लेकर बात नहीं की.
और इस तरह आशुतोष को मिलीं को-फाउंडर रानी
आशुतोष ने बताया कि जिस दिन शार्क टैंक इंडिया के दूसरे सीजन का एपिसोड लाइव हुआ था, उसके बाद उन्हें दुनिया भर से करीब 500 से ज्यादा फोन आए बिजनेस कोलेबोरेशन के लिए. इसी दौरान उन्हें उनकी को-फाउंडर रानी अहलुवालिया मिलीं. आशुतोष बताते हैं कि वह लंदन में अपने घर में शार्क टैंक इंडिया-2 का एपिसोड देख रही थीं. उसके बाद उन्होंने अपने पीए से आशुतोष को फोन करने के लिए कहा. बात होने के बाद वह भारत भी आईं और साथ काम करने को कहा. इसके बाद दोनों ने मिलकर ये बिजनेस शुरू किया.
कौन हैं रानी अहलुवालिया?
रानी अहलुवालिया लंदन में ही रहती हैं, जिनके पति का नाम सुखपाल सिंह अहलुवालिया है. सुखपाल सिंह अहलुवालिया डोमिनोज ग्रुप लंदन के चेयरपर्सन हैं. उनका रीयल एस्टेट का बिजनेस है. आशुतोष बताते हैं कि उनकी नेटवर्थ करीब 5500 करोड़ रुपये की है. शार्क टैंक के एपिसोड के लिए भी वह आना चाहती थीं, लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें अभी ट्रैवलिंग के लिए मना किया है. उन्होंने इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 5 करोड़ रुपये बिजनेस में लगाए हैं.
पैसा बहुत है.. एक्सपर्टीज चाहिए..
आशुतोष ने बताया कि उनके पास बैंक में 2.4 करोड़ रुपये हैं, इसलिए उन्हें पैसे नहीं चाहिए, लेकिन उन्हें एक्सपर्टीज चाहिए. आशुतोष ने इस बिजनेस को जनवरी 2024 में ही लॉन्च किया था और कंपनी के करीब 700 एसकेयू हैं. कंपनी में अभी 10 लोगों की टीम काम करती है. आशुतोष कहते हैं कि वजह जो ड्रेस 700-800 में बेचते हैं, वही दूसरे ब्रांड 2000 रुपये में बेचते हैं.
1 करोड़ मंथली का बिजनेस!
जनवरी से अक्टूबर तक ही कंपनी की कुल सेल 2.5 करोड़ रुपये की हो गई थी. आशुतोष का टारगेट है कि मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होते-होते मंथली रेवेन्यू 1 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है. सितंबर के महीने से कंपनी ने मार्केटप्लेस पर भी प्रोडक्ट बेचने शुरू कर दिए हैं. वहीं दिल्ली के वसंत कुंज में एक ऑफलाइन स्टोर भी खोल दिया है.
हुई सीजन की तीसरी ऑल-5 शार्क डील
आशुतोष ने तो 1 फीसदी इक्विटी के बदले सिर्फ 10 हजार रुपये मांगे थे, लेकिन विनीता ने प्रस्ताव रखा कि 10 लाख रुपये 2 फीसदी इक्विटी के बदले दिए जाएं. नमिता ने कहा कि क्यों ना इसे ऑल-5 शार्क डील की तरह किया जाए. फाउंडर ने कहा कि 2.5 फीसदी के बदले 10 लाख रुपये की डील कर लेते हैं, सबको 0.5 फीसदी की इक्विटी मिलेगी. वहीं अनुपम ने कहा कि 5 फीसदी इक्विटी के बदले 10 लाख रुपये की डील करें. वैसे तो आशुतोष ने उस पर भी हां कर दी थी, लेकिन नमिता और विनीता ने कहा कि यह गलत होगा. ऐसे में नमिता और विनीता ने 0.5-0.5 फीसदी इक्विटी ली और बाकी सब ने 1-1 फीसदी इक्विटी ली. इस तरह 4 फीसदी इक्विटी के बदल 10 लाख रुपये की फंडिंग पर सीजन की तीसरी ऑल-5 शार्क डील हो गई.
02:28 PM IST