Shark Tank India-4: कमाल का Business Idea, 50% तक सस्ते मिलेंगे प्रोडक्ट, जानिए कैसे ये Startup कर रहा मुमकिन
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो एक्सपायरी डेट के बेहद करीब पहुंच चुके प्रोडक्ट्स को बेचने में मदद करता है. इस स्टार्टअप का नाम है GoFig, जिसकी शुरुआत की है पुणे के गौरव शाह और उनकी पत्नी दिशा शाह ने.
)
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो एक्सपायरी डेट के बेहद करीब पहुंच चुके प्रोडक्ट्स को बेचने में मदद करता है. इस स्टार्टअप का नाम है GoFig, जिसकी शुरुआत की है पुणे के गौरव शाह और उनकी पत्नी दिशा शाह ने. फाउंडर्स का दावा है कि हर साल भारत में करीब 50 हजार करोड़ रुपये के प्रोडक्ट एक्सपायर हो जाते हैं, जिन्हें या तो फेंका जाता है, या जलाया जाता है. इसी समस्या का समाधान करने के लिए गोफिग स्टार्टअप शुरू हुआ है, जो ऐसे प्रोडक्ट्स को 50 फीसदी तक सस्ते में बेचते हैं.
दिशा गुजरात के गोधरा की रहने वाली हैं और वहीं से उन्होंने बैचलर्स तक की पढ़ाई की. इसके बाद शिकागो से उन्होंने अपनी मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने जर्मनी के एक टेक स्टार्टअप में करीब साल भर काम भी किया. उन्होंने जर्मनी की सरकार के साथ भी काम किया. दिशा बॉबल एआई में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुकी हैं. 2023 में उन्होंने गोफिग की शुरुआत की.
वहीं दूसरी ओर गौरव पुणे में पैदा हुए और वहीं से शुरुआती पढ़ाई की. इंजीनियरिंग के लिए वह पुणे से बाहर गए. वहीं फ्रांस जाकर एमबीए भी किया. इसके बाद जर्मनी में मैकेन्जी में 5 साल तक काम किया. इसके बाद उन्होंने 8 साल एक इंजीनियरिंग कंपनी चलाई, जो उनके पिता की थी. वहां से वह कंसल्टिंग के लिए हांगकांग चले गए.
कहां से आया आइडिया?
TRENDING NOW
साल 2022 में गौरव जर्मनी में थे और उसी दौरान दिशा जब उनसे मिलने वहां पहुंचीं तो उन्होंने वहां एक ग्रीनप्राइस स्टोर देखा. यह एक ऐसा स्टोर था, जहां तमाम प्रोडक्ट भारी डिस्काउंट पर बिक रहे थे. उन सभी पर एक्सपायरी डेट अच्छे से बताई गई थी, क्योंकि वह जल्द ही एक्सपायर होने वाले थे. इसके तहत लोगों को 50 फीसदी तक के डिस्काउंट मिल सकते हैं.
गौरव कहते हैं कि वह जैन फैमिली से हैं और उनके परिवार में शाम को कुछ भी वेस्ट नहीं किया जाता. अगर टेबल पर खाना बचा है, तो वह सभी को बराबर-बराबर बांट दिया जाता है, ताकि कोई वेस्टेज ना हो. इससे भी उन्हें लगा कि क्यों ना एफएमसीजी इंडस्ट्री की इस समस्या से निपटा जाए, जिसके तहत बहुत सारे प्रोडक्ट एक्सपायर होकर खराब होने से बचाए जा सकते हैं.
जुलाई 2023 में शुरू किया यह बिजनेस
जुलाई 2023 में पति-पत्नी ने मिलकर यह बिजनेस शुरू किया. मार्केट वैलिडेशन के लिए अभी यह प्रोडक्ट कंपनी की वेबसाइट से बिकते हैं. साथ ही कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेज में कियोस्क लगाकर भी इन्हें बेचा जाता है. इतना ही नहीं, कई जगह कंपनी ने परमानेंट कियोस्क भी लगाए हैं, जहां से भारी डिस्काउंट पर ये प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं.
5 स्टेप का क्वालिटी चेक होता है
जब भी किसी ब्रांड को अपने एक्सपायर हो रहे प्रोडक्ट बेचने होते हैं तो वह पहले कंपनी से संपर्क करते हैं. उसके बाद वह कंपनी को अपने प्रोडक्ट के सैंपल भेजते हैं, जो 5 स्टेप क्वालिटी चेक से गुजरते हैं. इसके बाद ही ये तय होता है कि कितना डिस्काउंट देना है. अगर सब ठीक रहता है तो कंपनी के प्रोडक्ट वेबसाइट पर लिस्ट होते हैं. बता दें कि कंपनी प्रोडक्ट्स को खरीदती नहीं है, बल्कि उसकी सप्लाई चेन बनाकर ब्रांड्स की मदद करती है.
40 ब्रांड्स के साथ है पार्टनरशिप
कंपनी ने 40 ब्रांड्स के साथ पार्टनरशिप की हुई है. हालांकि, भविष्य में कंपनी इसे बी2बी बिजनेस बनाना चाहती है, अभी सिर्फ पायलट प्रोजेक्ट की तरह वेबसाइट से बिजनेस कर रही है. कंपनी का मानना है कि इस मौके को देखते हुए जर्मनी के ग्रीनप्राइस की तरह यहां भी कुछ बिजनेस शुरू होंगे, जिनके जरिए कंपनी ये बिजनेस चलाएगी.
प्रीरेवेन्यू है कंपनी
अभी कंपनी प्रीरेवेन्यू है. यानी कंपनी अभी कमाई की तरह बिजनेस नहीं कर रही है. हालांकि, अपनी वेबसाइट और कियोस्ट के जरिए कंपनी ने जून 2024 में 90 हजार, जुलाई में 1.67 लाख, अगस्त में 2.27 लाख और सितंबर में करीब 3 लाख रुपये की सेल की है. फाउंडर्स का दावा है कि उनका मार्जिन करीब 35 फीसदी रहता है.
खाली हाथ लौटे फाउंडर्स
फाउंडर्स ने अपनी कंपनी की 2 फीसदी इक्विटी के बदल 50 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. अनुपम, रितेश और अमन का मानना रहा कि ग्रीनप्राइस की तरह ही उन्हें भी अपने स्टोर शुरू करने चाहिए और तीनों ही आउट हो गए. वहीं नमिता इस बात से सहमत तो नहीं हुईं, लेकिन उन्हें बिजनेस अभी बहुत शुरुआती लगा, इसलिए आउट हो गईं. पीयूष ने 33.33 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग का ऑफर दिया, लेकिन फाउंडर्स ने 5 फीसदी के बदले 1 करोड़ रुपये का काउंटर ऑफर दिया. आखिरकार कोई भी डील नहीं हुई और फाउंडर्स को खाली हाथ लौटना पड़ा.
10:19 PM IST