Shark Tank India-4: जब 14 साल की बच्ची ने दिया स्लाइम टॉय DEMO, चमक उठी जजों की आंखें, दे दी ₹66 लाख की फंडिंग
शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में इस बार बच्चों के खेलने की चीजें बनाने वाला स्टार्टअप (Startup) आया. इसका नाम है फंडूलैब्स (Fundoo Labs), जिसकी शुरुआत गुजरात के वडोदरा में रहने वाले नैतिक चोटाई (Naitik Chotai) ने की है.
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शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में इस बार बच्चों के खेलने की चीजें बनाने वाला स्टार्टअप (Startup) आया. इसका नाम है फंडूलैब्स (Fundoo Labs), जिसकी शुरुआत गुजरात के वडोदरा में रहने वाले नैतिक चोटाई (Naitik Chotai) ने की है. नैतिक ने कंपनी के Blobbie ब्रांड के तहत बने स्लाइम समेत कुछ खिलौनों से सबका ध्यान खींचा. फाउंडर का दावा है कि इस कंपनी ने उनके प्रोडक्ट 'सेफ स्लाइम' को न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके माता-पिता भी काफी पसंद करते हैं.
फंडूलैब्स क्रिएटिव लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड खासतौर पर केमिस्ट्री पर आधारित डीआईवाई साइंटिफिक किट और सेंसरी टॉयज बनाने में माहिर है. ये सुरक्षित और नॉन-टॉक्सिक स्लाइम, स्क्विशी और स्नो-मेकिंग किट्स 3 से 14 साल तक के बच्चों के लिए तैयार किए जाते हैं.
14 साल की बेटी ने दिखाया लाइव डेमो
शो के दौरान सबको तब और ज्यादा हैरानी हुई जब नैतिक की 14 साल की बेटी प्रियांशी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ एक लाइव डेमो पेश किया. बता दें कि प्रियांशी सारे प्रोडक्ट्स को टेस्ट करती हैं और दोस्तों को गिफ्ट देकर उनका फीडबैक लेकर अपने पापा को देती हैं. प्रियांशी पिछले 5 सालों से ये काम कर रही हैं और अपने पापा की मदद कर रही हैं. उनके प्रोडक्ट सभी जजों को काफी पसंद आए. वहीं अनुपम मित्तल ने तो नैतिक को 'बिना दाढ़ी वाला असली सांता क्लॉज़' कहकर उनकी तारीफ की.
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नैतिक ने अपने सफर के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने फंडूलैब्स की शुरुआत विज्ञान और टेक्नोलॉजी को मजेदार बनाने की सोच के साथ की थी. उनका उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और व्यावहारिक अनुभवों के जरिए जिज्ञासा और रचनात्मकता विकसित करने में मदद करना है.
बचपन से ही बिजनेस में थी दिलचस्पी
नैतिक के पिता का होलसेल किराना का बिजनेस था, जहां गल्ले पर वह पहली कक्षा से ही बैठने लगे थे. 12वीं तक आते-आते वह इस काबिल हो गए कि खुद ही दुकान चला लिया करते थे. उन्होंने बायोमेडिकल इंस्ट्रुमेंट्स में इंजीनियरिंग भी की और कुछ वक्त के बाद एल एंड टी में 6 साल तक नौकरी की. उस दौरान उन्हें लगा कि बच्चों के लिए साइंस को वह आसान बना सकते हैं.
2016 में नैतिक ने नौकरी छोड़ी और 2017 में कुछ वर्कशॉप बनाई, जिसमें बच्चे साइंस के एक्सपेरिमेंट कर सकते थे. इसके लिए वह स्कूलों के साथ पार्टनरशिप करते थे. 2020-21 के दौरान कोविड में उन्होंने बच्चों के साइंस सिखाने वाले एक्सपेरिमेंट से प्रोडक्ट बनाने की सोची. वह अपनी वर्कशॉप में करीब 200 यूनीक एक्सपेरिमेंट ऑफर करते थे. नैतिक ने उन्हीं में से स्लाइम को उठाया और उसी से बिजनेस शुरू कर दिया.
30 लाख रुपये से शुरू किया बिजनेस
शुरुआत में नैतिक ने कैंडी और गैलेक्सी स्लाइम किट बनाई. उन्होंने अपने करीब 30 लाख रुपये लगाकर दोनों की 10-10 हजार किट बना लीं और उसे बेचने निकल पड़े. रिटेलर छोटे ऑर्डर देते थे. तो उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रोडक्ट बेचने शुरू किए और 1.5 साल में सारे किट बिक गए. उसके बाद उन्होंने 14 और प्रोडक्ट बनाए, जो तेजी से बिक गए.
एक इंजीनियर से उद्यमी बनने तक का यह सफर उनके लिए बेहद संतोषजनक रहा है. उन्हें लगता है कि उनके इन डीआईवाई किट्स और सेंसरी टॉयज से बच्चों को कुछ नया खोजने और सीखने की प्रेरणा मिलती है.
कितनी कमाई कर रही है ये कंपनी?
मौजूदा वक्त में 25 डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए उनके प्रोडक्ट करीब 3000 रिटेल स्टोर्स में उपलब्ध हैं. कंपनी ने 2021-22 में 5 लाख रुपये की सेल की. वहीं अगले साल 50 लाख रुपये की कमाई की. वहीं 2023-24 में कंपनी की कमाई 1.5 करोड़ रुपये रही. बता दें कि इस साल कंपनी अभी तक 6 महीने में ही करीब 1.5 करोड़ रुपये की सेल कर चुकी हैं.
2030 तक बनाएंगे 200 करोड़ का बिजनेस
इस बिजनेस में वह अब तक अपने 30 लाख के अलावा दोस्तों-रिस्तेदारों से 60 लाख रुपये लेकर भी लगा चुके हैं. कंपनी पिछले 3 सालों में हर साल 200 फीसदी की दर से बढ़ रही है. 2030 तक कंपनी का प्लान 200 करोड़ की कंपनी बनाने का है. बता दें कि वह खुद को भी हर महीने 1 लाख रुपये की सैलरी देते हैं.
मिली 66 लाख रुपये की फंडिंग
शो में नैतिक ने 4% इक्विटी के बदले 60 लाख रुपये के निवेश की मांग की, जिससे वे अपनी प्रोडक्ट लाइन को और बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंच बना सकें. इस डील से नमिता, विनीता और पीयूष आउट हो गए. हालांकि, पीयूष ने जरूर कहा कि अगर उन्हें मैन्युफैक्चरिंग में कोई मदद चाहिए हो तो वह कॉल कर सकते हैं. वहीं अमन और अनुपम ने काफी मोलभाव करने के बाद 66 लाख रुपये दिए और बदले में 7 फीसदी इक्विटी ली.
09:25 PM IST