Shark Tank India-3: कई दिनों तक खाया जला हुआ खाना, फिर बनाया AI Upliance, छोड़ दी ₹60 लाख के पैकेज वाली Job
खाना बनाना सबके बस की बात नहीं होती, ये तो सभी जानते हैं. यहां सवाल ये है कि फिर करें क्या? खरीद कर खाएं या कुक से बनवाएं? खरीदने में दिक्कत ये है पता नहीं फ्रेश होगा या नहीं, कस्टमाइज नहीं होगा.
खाना बनाना सबके बस की बात नहीं होती, ये तो सभी जानते हैं. यहां सवाल ये है कि फिर करें क्या? खरीद कर खाएं या कुक से बनवाएं? खरीदने में दिक्कत ये है पता नहीं फ्रेश होगा या नहीं, कस्टमाइज नहीं होगा. वहीं कुक से बनवाएंगे तो पता नहीं उसे क्या बनाना आता होगा और क्या नहीं. वहीं कुक की टाइमिंग एक अलग ही दिक्कत पैदा कर सकती है. लोग बनाना तो बहुत कुछ चाहते हैं, लेकिन इक्का-दुक्का चीजों के अलावा उन्हें कुछ बनाना नहीं आता. कुछ ऐसी ही समस्या का सामना किया मोहित शर्मा ने और कई दिनों तक जला हुआ खाना खाया, लेकिन आपको जला हुआ खाना नहीं खाना पड़ेगा, क्योंकि खाना बनाने का काम करेगा Upliance. हाल ही में शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) यह स्टार्टअप (Startup) आया था.
Upliance की शुरुआत जुलाई 2021 में महेक मोदी और मोहित शर्मा ने की थी. करीब 35 साल की उम्र के दोनों ही को-फाउंडर्स ने इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए अपनी 60-70 लाख के पैकेज वाली नौकरी तक छोड़ दी. महेक एथर एनर्जी में थे, जबकि मोहित शर्मा चायोस में थे. बता दें कि दोनों एक दूसरे को करीब 17 साल से जानते हैं और आईआईटी बॉम्बे से पढ़े हुए हैं. जनवरी 2023 में कंपनी ने प्रोडक्ट्स को शिप करना शुरू किया और अब तक वह करीब 1.7 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर चुके हैं. कंपनी अभी अपना प्रोडक्ट पूरे देश में शिप कर रही है. महेक मोदी मुंबई में रहते हैं और मोहित शर्मा बेंगलुरु के रहने वाले हैं.
कहां से आया Upliance का आइडिया?
जब मोहित शुरुआत में खाना बनाना सीख रहे थे, तो रोज जला हुआ खाना खाते थे. उसके बाद उन्होंने ऐसी एक मशीन पर काम करना शुरू किया. उस वक्त उन्होंने चाय बनाने वाली एक मशीन बनाई, जिसे बाद में चायोस ने ले लिया. बाद में एक वक्त ऐसा आया जब मोहित और महेक ने कुछ अलग करने की सोची. दोनों ने देखा कि खाने के मार्केट में अभी लोगों ने टेक्नोलॉजी बहुत कम देखी है और इसमें कॉम्पटीशन भी कम है. इसके बाद दोनों ने फैसला किया कि Upliance जैसा प्रोडक्ट बनाया जाए. महेक कहते हैं कि खाने के साथ हमारा इमोशन जुड़ा होता है. यही ध्यान में रखते हुए Upliance बनाया गया, जो खुद ही खाना बनाने का सारा काम नहीं करता है, बल्कि खाना बनाने में आपकी मदद करता है.
कैसे काम करता है ये प्रोडक्ट?
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यह प्रोडक्ट दिखने में किसी मिक्सर जैसा है, लेकिन काम बहुत सारे करता है. इसके जार में ब्लेड लगे हैं, जो कटिंग-चॉपिंग के साथ-साथ खाने को चलाने यानी हिलाते रहने का काम भी करते हैं. इसके ब्लेड की स्पीड को भी कंट्रोल किया जा सकता है, जिसका कंपनी के पास पेटेंट भी है. इसमें बाइब्रेशन के सेंसर लगे हुए हैं. साथ ही इसमें हीटिंग का भी विकल्प है, जिससे खाना पकता है और कंपनी के पास उसका भी पेटेंट है.
डिवाइस पर एक टच स्क्रीन भी है, जो बताती रहती है कि आपको अलग-अलग रेसिपी के हिसाब से कब क्या डालना है और कितना डालना है. खाना पकाने का सारा काम ये अप्लाएंस खुद करता है और अपने हिसाब से ही टेंप्रेचर कम-ज्यादा कर लेता है. इस डिवाइस में करीब 500 रेसिपी पहले ही फीड हैं. जैसे-जैसे लोग इसे इस्तेमाल करते जाते हैं, वैसे-वैसे इंप्रूवमेंट होता रहता है. इसमें मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होता है. लोगों के इस्तेमाल करने के हिसाब से एआई को ट्रेन किया जाता है. अभी इस प्रोडक्ट की कीमत 23,999 रुपये है.
चुनौतियां भी कम नहीं
सबसे बड़ी चुनौती इस प्रोडक्ट की स्वीकार्यता है. लोगों को पहले भी ऐसे प्रोडक्ट बेचे गए हैं, जो लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. ऐसे में शुरुआत में लोग थोड़ा हिचक रहे हैं. बता दें कि शार्क टैंक इंडिया में भी तमाम शार्क ने कंपनी के प्रोडक्ट को उतना प्रभावी नहीं माना, जितनी उम्मीद थी. यही वजह है कि अपने प्रोडक्ट को पॉपुलर करने के लिए वह वाट्सऐप ग्रुप और फोरम का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि लोग अपना अनुभव साझा करें और दूसरों का भी इस पर भरोसा बढ़े.
फंडिंग और फ्यूचर प्लान
अब तक कंपनी ने कुल 11.5 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है. वहीं 50 लाख रुपये का ग्रांट मिला हुआ है. आने वाले दिनों में कंपनी एक ऐसा फीचर लाने की सोच रही है कि आपको सिर्फ यूट्यूब का लिंक इसमें डालना होगा और आपकी रेसेपी जनरेट हो जाएगी. कंपनी क्रिएटर्स के साथ कोलेबोरेट करने की भी सोच रही है. साथ ही आने वाले दिनों में कंपनी यूजर्स को मॉनेटाइज करने के तरीकों के बारे में भी सोचेगी.
शार्क टैंक में कैसा रहा अनुभव?
शार्क टैंक इंडिया में इस स्टार्टअप ने 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की मांग की थी. यानी कंपनी ने 100 करोड़ रुपये के वैल्युएशन की बात की थी. हालांकि, सिर्फ पीयूष बंसल ने ही ऑफर दिया. बाकी लोगों को या तो प्रोडक्ट समझ नहीं आया या महंगा लगा या फिर मार्केट साइज समझ नहीं आया, जिसे वह अपने रिटर्न को कैलकुलेट कर पाते. पीयूष बंसल ने 20 करोड़ रुपये की वैल्युएशन लगाते हुए 0.5 फीसदी इक्विटी के बदले 10 लाख रुपये और 14 फीसदी ब्याज की दर पर 2 साल के लिए 90 लाख रुपये का कर्ज ऑफर किया. हालांकि, कंपनी ने यह ऑफर लेने से मना कर दिया.
01:15 PM IST