मुद्रा लोन: MBA ग्रेजुएट ने 5 लाख में शुरू किया ये बिजनेस, हर महीने हो रही है शानदार इनकम
Mudra loan success story: अगर आप अपना कोई स्माल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपको इसमें सरकार से मदद मिल जाएगी.
(Representational)
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SBI Mudra Loan: अगर आप अपना कोई स्माल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपको इसमें सरकार से मदद मिल जाएगी. मोदी सरकार की मुद्रा स्कीम (MUDRA scheme) के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाएगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) मुद्रा स्कीम के अंतर्गत स्माल बिजनेस की वर्किंग कैपिटल और टर्म लोन की फंडिंग कर रहा है. इस स्कीम का फायदा उठाकर कई लोग हर महीने अच्छी इनकम कर रहे हैं.
MBA ग्रेजुएट कर रही मंथली 20 हजार नेट इनकम
मु्द्रा लोन के जरिए सफल बिजनेस करने वालों की सक्सेज स्टोरी एसबीआई ने शेयर की है. SBI की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, विजयवाड़ा की गोपू सिरीशा ने एसबीआई की एसएमई सेंटर ब्रांच से 5 लाख रुपये का टर्म लोन लेकर पेपर कप्स मैन्युफैक्चरिंग की यूनिट लगाई. सिरीशा MBA ग्रेजुएट हैं लेकिन फैमिली दिक्कतों के चलते हाउसवाइफ बनी रही. उन्होंने फैमिली को सपोर्ट करने के लिए अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला किया.
सिरीशा ने बैंक से 5 लाख रुपये का टर्म लोन और 1.50 लाख रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट लेकर पेपर कप बनाने की यूनिट लगाई. बिजनेस सफल हुआ. बाद में उनके पति ने भी अपनी प्राइवेट जॉब छोड़कर उनके बिजनेस से जुड़ गए. एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध डिटेल के मुताबिक, सिरीशा का 2017-18 में अनुमानित टर्नओवर 33.12 लाख रुपये था. सभी तरह की देनदारी और खर्चे काटकर हर महीने नेट प्रॉफिट 20 हजार रुपये है.
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मुद्रा लोन: बिना कोलेटरल सिक्युरिटी मिलता है फंड
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) को 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया. इसका मकसद नॉन-कॉरपोरेट, नॉन-फॉर्म स्माल/माइक्रो इंटरप्राइजेज के लिए 10 लाख रुपये तक का आसान लोन उपलब्ध कराना है. मुद्रा लोन कॉमर्शियल बैंक, RRBs, स्माल फाइनेंस बैंक, कोऑपरेटिव बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी से लिया जा सकता है. इसमें तीन तरह के लोन प्रोडक्ट 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण' है.
शिशु कैटेगरी में 50,000 रुपये तक, किशोर में 50,001 रुपये से 5 लाख रुपये तक और तरुण कैटैगरी में 5,00,001 से 10 लाख रुपये तक लोन मिलता है. एसबीआई के मुताबिक, वर्किंग कैपिटल/टर्म लोन को 3-5 साल में करना होता है. इसमें 6 महीने तक का मॉरेटोरियम भी शामिल है. एमएसई यूनिट के लिए शिशु और किशोर लोन पर प्रोसेसिंग फीस/अपफ्रंट फीस नहीं देनी होती है. वहीं, तरुण कैटेगरी के लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस लोन अमाउंट का 0.50 फीसदी (प्रभावी टैक्स भी) देनी होती है.
03:43 PM IST