Business Ideas: बाजार में ब्रांडेड और अन-ब्रांडेड ट्रैक सूट (Tracksuit) मौजूद हैं. लोग अपने बजट के हिसाब से खरीदते हैं. ट्रैक सूट का मार्केट धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसलिए इसमें कमाई के अवसर भी बने है. इसे देखते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने ट्रैक सूट मैन्युफैक्चरिंग पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें प्रोजेक्ट कॉस्ट और प्रॉफिट का हिसाब-किताब बताया गया है.
Business Ideas: ट्रैक सूट (Tracksuit) इन दिनों काफी ट्रेंड में है. ट्रैकसूट को वार्म-अप सूट के रूप में भी जाना जाता है. ट्रैक सूट एक विशेष प्रकार का गारमेंट है जिसका उपयोग आउटरवियर के रूप में किया जाता है, जिसे आमतौर पर खिलाड़ी, जॉगर्स पहनते हैं. ठंड के मौसम में अपने शरीर को गर्म रखने के लिए भी पहना जाता है. जिम हो या फिर मॉर्निंग और इवनिंग वॉक, लोग ट्रैक सूट पहने वर्कआउट करते दिख जाएंगे. अगर आप बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो ट्रैक सूट मैन्युफैक्चरिंग (Tacksuit Manufacturing Business) का काम शुरू करते हैं. Tracksuit के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए इसमें कमाई का मौका बनता है.
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कितने में शुरू हो जाएगा ट्रैक सूट मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस (Project Cost of Tracksuit Manufacturing Business)
बता दें कि Tracksuit आमतौर पर कॉटन, नायलॉन, पॉलीवस्र सिंथेटिक फैब्रिक से बनाया जाता है. ये आसानी से धोए जा सकते हैं. ट्रैक सूट बनाने का काम आसान और आसानी से मैनेजेबल है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रैक सूट मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस 8 लाख 71 हजार रुपए में शुरू हो जाएगा. इसमें इक्विमेंट पर 4.46 लाख रुपए और वर्किंग कैपिटल के लिए 4.25 लाख रुपए शामिल है.
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प्रोडक्शन और मुनाफा (Production & Profit)
केवीआईसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में 48,000 Tracksuit मैन्युफैक्चर होगा. 106 रुपए के रेट से इसकी कुल वैल्यू 51,22,440 रुपए होगी. 100 फीसदी उत्पादन क्षमता से कुल 56,00,000 रुपए की बिक्री हो सकती है. ग्रॉस सरप्लस 4,77,560 रुपए होगी. रिपोर्ट के अनुसार, सभी खर्चे घटाकर सालाना 4,33,000 रुपए की कमाई हो सकती है. यानी हर महीने करीब 40,000 रुपए तक कमाई होगी.
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पीएम मुद्रा योजना से ले सकते हैं लोन (PM Mudra Yojana)
अगर आपके पास बिजनेस शुरू करने के पैसे नहीं हैं तो आप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) से लोन ले सकते हैं. इस स्कीम से तहत ग्रामीण इलाकों में गैर-कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों को शुरू करने या उसके विस्तार के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन मिलता है. KVIC ने कहा कि यह आंकड़े सांकेतिक हैं और अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर बिल्डिंग पर निवेश को किराये में ट्रांसफर किया जाए तो प्रोजेक्ट कॉस्ट कम हो जाएगी और मुनाफा बढ़ा जाएगा.
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