2019 में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में ऑटोमेशन, AI में भारी निवेश की उम्मीद
उद्योग संगठन ने 2018-19 के दौरान निर्यात में 7-9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है जो पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े के लगभग बराबर है.
नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा आने वाले वर्ष में कई परिवर्तनकारी संभावनाएं मौजूद हैं. (फाइल फोटो: जी न्यूज)
नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा आने वाले वर्ष में कई परिवर्तनकारी संभावनाएं मौजूद हैं. (फाइल फोटो: जी न्यूज)
भारतीय सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र बढ़ते संरक्षणवाद और आंकड़ों के प्रवाह पर रोक एवं प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव जैसी समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन नये वर्ष में आटोमेशन एवं कृत्रिम मेधा जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश की उम्मीद कर रहा है.
उद्योग संगठन नास्कॉम के मुताबिक 2018 डिजिटल उद्योग की दृष्टि से काफी अहम रहा क्योंकि सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों ने नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल और नवोन्मेष, नीति और साझेदारी की मदद से स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किये हैं.
नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा आने वाले वर्ष में कई परिवर्तनकारी संभावनाएं मौजूद हैं. उद्योग संगठन ने 2018-19 के दौरान निर्यात में 7-9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है जो पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े के लगभग बराबर है. हालांकि घरेलू आमदनी में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया गया है.
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अमेरिका, ब्रिटेन या ऑस्ट्रेलिया सहित हर जगह संरक्षणवाद बढ़ा है और सरकारें वीजा नियमों को अधिक कड़ा बना रही हैं. इसके जवाब में सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी भारतीय कंपनियां दूसरे देशों में स्थानीय व्यक्तियों की नियुक्ति कर स्थानीय स्तर पर अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं.
आम डेटा संरक्षण नियम (जीडीपीआर) को यूरोपीय संघ में इस साल मई में क्रियान्वियत किया गया, जो इस साल के सबसे प्रमुख घटनाक्रमों में शामिल रहा. इसका लक्ष्य निजी आंकड़ों की सुरक्षा को मजबूत करना है, जबकि इसके प्रावधानों के मुताबिक इसका अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. कुछ लोग इसे अवसर के तौर पर भी देख रहे हैं.
(भाषा से)
09:00 PM IST