Startup के लिए Funding जुटाना चाहते हैं तो क्या करें, जानिए स्टेप-बाई-स्टेप पूरी प्रोसेस
तमाम स्टार्टअप अपनी कुछ इक्विटी (Equity) निवेशकों को देकर उनसे फंडिंग जुटाते हैं और फिर उस फंडिंग के पैसों से बिजनेस करते हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर फंडिंग हासिल कैसे करें?
हर स्टार्टअप (Startup) को आगे बढ़ने के लिए पैसों की जरूरत होती है. शुरुआती दौर में स्टार्टअप कमाई नहीं कर रहा होता है, ऐसे में अगर वह बैंक से लोन लेकर बिजनेस (Business) करना चाहता है तो ब्याज चुकाने में परेशानी होती है. यही वजह है कि तमाम स्टार्टअप अपनी कुछ इक्विटी (Equity) निवेशकों को देकर उनसे फंडिंग जुटाते हैं और फिर उस फंडिंग के पैसों से बिजनेस करते हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर फंडिंग हासिल कैसे करें? आइए जानते हैं स्टार्टअप इंडिया (Startup India) के अनुसार फंडिंग उठाने की प्रक्रिया क्या है.
पहले समझिए फंडिंग की क्या जरूरत है
सबसे पहले तो स्टार्टअप को ये समझने की कोशिश करनी चाहिए कि फंडिंग उठानी भी है या नहीं. उसके बाद आपको ये जानना होगा कि कितनी फंडिंग की जरूरत है और किस काम के लिए फंडिंग चाहिए. आपको उस फंडिंग को इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में भी पहले से तय करना होगा, क्योंकि निवेशक पूछेंगे कि आप पैसों का क्या करोगे? ये तय करें कि फंडिंग के पैसों से आपको क्या करना है. सब फंडिंग उठा रहे हैं, सिर्फ इसलिए आप भी फंडिंग ना उठाएं, क्योंकि फंडिंग के बदले आपको अपनी कंपनी की कुछ हिस्सेदारी देनी होगी. ध्यान रहे, कंपनी की ग्रोथ के साथ-साथ उसकी वैल्युएशन बढ़ेगी और उसकी के साथ-साथ कंपनी की हिस्सेदारी की वैल्यू भी बढ़ती चली जाएगी.
चेक करें कि क्या आप फंडिंग उठाने के लिए रेडी हैं
जैसे ही आप किसी निवेशक से फंडिंग मांगेंगे, उसका सबसे पहला सवाल यही होगा कि आपको पैसे क्यों दें? तो आपको पहले ये चेक करना होगा कि आप फंडिंग उठाने के लिए रेडी हैं भी या नहीं, वरना निवेशक आपको हल्के में लेने लगेंगे. फंडिंग देते वक्त निवेशक कुछ खास चीजें देखता है.
- रेवेन्यू ग्रोथ और मार्केट पोजीशन
- इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न
- बिजनेस कितना बड़ा हो सकता है
- आइडिया यूनीक है या नहीं
- स्टार्टअप को मुनाफे में आने में कितना वक्त लगेगा
- आंत्रप्रेन्योर का विजन और फ्यूचर प्लान
अपनी पिच तैयार करें
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
जब ये तय हो जाए कि आप फंडिंग उठाने के लिए रेडी हैं तो आपको अपनी पिच तैयार करनी होगी. पिच तैयार करने का मतलब है कि आपको अपने स्टार्टअप के बारे में एक अच्छी सी कहानी तैयार करनी होगी. एक स्टार्टअप प्रजेंटेशन बनानी होगी, जिसमें अपने बिजनेस से जुड़े तमाम प्वाइंट कवर करने होंगे. अगर आपने शार्क टैंक इंडिया देखा है तो आपको कुछ हद तक अंदाजा लग भी गया होगा कि आपको किस तरह अपनी कहानी निवेशकों को सुनानी है. आपको अपनी कहानी में कमाई बताने से लेकर ये भी समझाना होगा कि आपका विजन कितना बड़ा है और कैसे आप एक बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व कर रहे हैं.
इन्वेस्टर्स को करें टारगेट
पिच तैयार होने के बाद आपको इन्वेस्टर्स को टारगेट करना होगा. आपको ये समझना होगा कि इस वक्त मार्केट में कौन-कौन से इन्वेस्टर एक्टिव हैं और वह आपको क्या दे सकते हैं. यहां ध्यान रखें कि आप सिर्फ पैसे जुटाने के मकसद से फंडिंग उठाने ना जाएं. यह भी देखें कि जो निवेशक आपको पैसे दे रहा है, वह आपकी क्या मदद कर सकता है. कोशिश करें कि स्ट्रेटेजिंग पार्टनर ढूंढें, जो फंडिंग तो दे ही, साथ ही आपके बिजनेस को कई गुना करने में आपकी मदद भी करे. यह मदद वह अपनी टीम, नेटवर्क या कॉन्टैक्ट्स के जरिए कर सकता है. आपको जो इन्वेस्टर सही लगे, उस पर फोकस करें और उसके सामने अपनी पिच रखें.
निवेशकों के सामने साबित करें अपना बिजनेस
अगर आपके बिजनेस में कोई निवेशक रुचि दिखाता है और निवेश के लिए तैयार हो जाता है तो आपको अपने बिजनेस की हकीकत साबित करनी होगी. आपको उसे साबित करना होगा कि जो भी बातें कहकर आपने निवेश लिया है, उनमें कुछ भी गलत नहीं है. इन्वेस्टर भी आपका बिजनेस, बैकग्राउंड, टीम सबके बारे में अच्छे से चेकिंग करेगा, उसी के बाद आपको निवेश के पैसे या मदद देगा.
टर्म शीट साइन करें
टर्म शीट में बिजनेस एग्रीमेंट से जुड़े कुछ जरूरी प्वाइंट होते हैं. आप ये भी कह सकते हैं टर्म शीट किसी बिजनेस एग्रीमेंट की समरी होता है. इसमें कंपनी का वैल्युएशन, निवेश की वैल्यू, इन्वेस्टमेंट का स्ट्रक्चर, मैनेजमेंट का स्ट्रक्चर और शेयर कैपिटल में बदलाव की सारी जानकारी होती है. आपको और निवेशक को ये टर्म शीट साइन करनी होगी.
05:04 PM IST