इस Startup में फिर हुई छंटनी, पिछली बार निकाले थे 20% कर्मचारी, इस बार आधे लोगों का हुआ Layoff
शॉर्ट-वीडियो बनाने वाले प्लेटफॉर्म चिंगारी (Chingari) ने करीब 50 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. बता दें कि करीब 2 महीने पहले ही इस स्टार्टअप (Startup) ने करीब 20 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था.
शॉर्ट-वीडियो बनाने वाले प्लेटफॉर्म चिंगारी (Chingari) ने करीब 50 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. बता दें कि करीब 2 महीने पहले ही इस स्टार्टअप (Startup) ने करीब 20 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. खबर है कि इस बार की छंटनी में प्रोडक्ट, कस्टमर सपोर्ट, डिजाइन और मार्केटिंग टीम के कर्मचारियों पर छंटनी का असर पड़ा है. जी बिजनेस ने चिंगारी के प्रवक्ता से बात करने की कोशिश की, लेकिन इस मामले पर उन्होंने कोई कमेंट करने से मना कर दिया.
जब पिछली बार की छंटनी की गई थी, उस वक्त कंपनी में करीब 250 कर्मचारी थे. यानी उस बार लगभग 50 लोगों की नौकरी गई थी, जिसके बाद कंपनी में करीब 200 लोग बचे होंगे. इस बार कंपनी ने आधे लोगों को नौकरी से निकाला है, तो अब कंपनी में करीब 100 कर्मचारी ही बचे होंगे. मीडियो में तो कुछ खबरें ऐसी भी चल रही हैं कि अब कंपनी में सिर्फ 50-60 कर्मचारी ही बचे हैं.
चिंगारी ऐप इंस्टाग्राम और स्नैपचैट की राइवल कंपनी है. जून 2020 में टिक-टॉक पर बैन लगने के बाद से इस ऐप की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी थी. पिछली छंटनी से कुछ हफ्ते पहले ही कंपनी के को-फाउंडर आदित्य कोठारी ने कंपनी से इस्तीफा दिया था और उसके कुछ दिन बाद ही बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हो गई थी.
2018 में हुई थी चिंगारी की शुरुआत
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चिंगारी की शुरुआत साल 2018 में, जो जून 2020 में टिक-टॉक बैन होने से बाद तेजी से लोकप्रिय हुआ. ऐसा इसलिए क्योंकि चिंगारी ऐप काफी हद तक टिक-टॉक जैसा ही है. भारत में टिक-टॉक को भारत-चीन तनाव की वजह से बैन किया गया था. इस कंपनी की शुरुआत आदित्य कोठारी, बिश्वात्मा नायक, दीपक साल्वी और घोष ने की थी. चिंगारी ऐप के जरिए यूजर्स अपने वीडियो अपलोड कर सकते हैं और उसे शेयर भी कर सकते हैं. साथ ही लोग बहुत सारा कंटेंट भी ब्राउज कर सकते हैं.
मौजूदा वक्त में चिंगारी ऐप 16 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध है. इसके 50 लाख से भी अधिक डेली एक्टिव यूजर्स हैं. साथ ही 4 करोड़ तक मंथली एक्टिव यूजर्स हैं. अक्टूबर 2021 में चिंगारी ऐप ने करीब 19 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. इस बार की छंटनी को लेकर खबर ये भी है कि कंपनी की एक फंडिंग रुकने से भी लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है.
क्रिप्टोकरंसी टोकन GARI की भी ओनर है चिंगारी
इस एप्लिकेशन के पास एक नेटिव क्रिप्टोकरंसी टोकन GARI का भी मालिकाना हक है, जो कंटेंट बनाने वालों को ऐप्लिकेशन के जरिए कमाई का मौका देता है. अभी यह एप्लिकेशन भारत के अलावा यूएई, इंडोनेशिया, तुर्की और अमेरिका में मौजूद है. इस वक्त क्रिप्टोकरंसी और शॉर्ट वीडियो ऐप दोनों ही बिजनेस करने में संघर्ष कर रहे हैं. यही वजह है कि कंपनी को एक सख्त फैसला लेना पड़ा है.
04:29 PM IST