नकदी संकट से जूझ रहे इस Startup के आए नतीजे, करीब 4 गुना बढ़कर नुकसान पहुंचा ₹1800 करोड़ के पार
नकदी के संकट से जूझ रहे स्टार्टअप Dunzo के वित्त वर्ष 2023 के नतीजे आ गए हैं. कंपनी के 1800 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. इस स्टार्टअप (Startup) का ये नुकसान पिछले साल की तुलना में 288 फीसदी अधिक है. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि कंपनी का नुकसान करीब 4 गुना बढ़ चुका है.
नकदी के संकट से जूझ रहे स्टार्टअप Dunzo के वित्त वर्ष 2023 के नतीजे आ गए हैं. कंपनी के 1800 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. इस स्टार्टअप (Startup) का ये नुकसान पिछले साल की तुलना में 288 फीसदी अधिक है. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि कंपनी का नुकसान करीब 4 गुना बढ़ चुका है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार डंजो के ये नतीजे कंपनी की तरफ से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास दिए गए स्टेटमेंट से मिले हैं. कंपनी का ऑपरेशन्स से रेवेन्यू करीब 4.1 गुना बढ़ा है और 226 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2022 में सिर्फ 54 करोड़ रुपये था.
बदतर हो चुकी है कंपनी की हालत
डंजो की हालत पिछले कुछ महीनों में बद से बदतर हो गई है. ये साल कंपनी के लिए बहुत ही बुरा साबित हुआ है. कंपनी ने कई राउंड में बहुत सारे कर्मचारियों की छंटनी की है. वहीं कंपनी के को-फाउंडर दलवीर सूरी ने भी कंपनी का साथ छोड़ दिया है. दलवीर सूरी ने डंजो को मई 2015 में ज्वाइन किया था, जब यह स्टार्टअप सिर्फ वाट्सऐप के जरिए ही ऑर्डर लिया करता था. को-फाउंडर की उन्होंने कबीर विश्वास, अंकुर अग्रवाल और मुकुंद झा के साथ मिलकर काफी काम किया. बता दें कि इस स्टार्टअप में भले ही 4 को-फाउंडर हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ कबीर विश्वास के पास ही इक्विटी है और वह भी बहुत कम 3.6 फीसदी है. उनके अलावा दलवीर सूरी, अंकुर अग्रवाल और मुकुंद झा सिर्फ सैलरी लेते हैं, उनके पास कंपनी की इक्विटी नहीं है.
करीब 250 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी
पिछले दिनों खबर आई थी कि अब कंपनी 25-30 मिलियन डॉलर यानी करीब 250 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाने की तैयारी कर रही है. नकदी से संकट से जूझ रहा ये स्टार्टअप (Startup) कई बार कर्मचारियों की सैलरी भी टाल चुका है. ये सब कुछ हो रहा था फंडिंग विंटर (Funding Winter) के बीच फंडिंग ना मिल पाने की वजह से. जब फंडिंग की खबर आई तो ऐसा लगा कि हालात सुधरेंगे, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. हालांकि, इस फंडिंग को लेकर अभी तक कंपनी की तरफ से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
कई बार टाली है कर्मचारियों की सैलरी
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फंडिंग ना मिल पाने की वजह से कंपनी अपने पूर्व कर्मचारियों को उनके बकाया का भुगतान नहीं कर पा रही है. कुछ दिन पहले तो यह भी खबर आई थी कि कंपनी ने वनटैप से फाइनेंसिंग लेने का फैसला किया है, ताकि कर्मचारियों की सैलरी चुकाई जा सके. वहीं कंपनी की तरफ से पुराने कर्मचारियों की जून-जुलाई की सैलरी सितंबर में भी टाल दी गई थी. कंपनी ने कहा था कि 4 सितंबर को उनके बकाया का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन फिर कंपनी ने नई तारीख दे दी और कहा कि अब सैलरी के पैसे 12 फीसदी ब्याज के साथ अक्टूबर के पहले हफ्ते में मिलेंगे. उसके बाद हाल ही में कंपनी ने सैलरी टालते हुए कहा था कि नवंबर के महीने में भुगतान किया जाएगा.
करीब 700-800 कर्मचारियों की छंटनी
इस पूरे साल में कंपनी करीब 4 बार छंटनी कर चुकी है. इन छंटनी में कंपनी ने लगभग 700-800 कर्मचारियों के बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कंपनी के सामने कैश फ्लो की दिक्कत होना सबसे बड़ी वजह है, जिसके चलते बार-बार छंटनी करनी पड़ रही है. कंपनी की हालत अभी भी बहुत खराब है, ऐसे में अगर आने वाले दिनों में फिर से छंटनी होती है तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए. सवाल तो यहां तक उठ रहे हैं कि कहीं ब्लिंकइट की तरह डंजो का बिजनेस भी कुछ दिन के लिए बंद ना हो जाए. या कहीं ऐसा ना हो कि इस स्टार्टअप को ही बंद करना पड़े.
डंजो को मिल चुका है लीगल नोटिस भी
कंपनी को बकाया भुगतान ना करने की वजह से दो कंपनियों ने लीगल नोटिस (Legal Notice) भी भेजा जा चुका है. फेसबुक इंडिया ऑलाइन सर्विसेस प्राइवेज लिमिटेड (Facebook India) और बेंगलुरु की सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी फर्म निलेंसो (Nilenso) ने डंजो को ये कानूनी नोटिस भेजे थे.
दूसरी सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी भेज चुकी है नोटिस
डंजो की हालत कितनी खराब है, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इस कंपनी के दूसरे सबसे बड़े निवेशक गूगल ने भी कंपनी को लीगल नोटिस भेजा है और बकाया का भुगतान करने को कहा है. ऐसे समय में फेसबुक और निलेंसो की तरफ से भी नोटिस आ जाना डंजो की वित्तीय हालत को दिखाता है. डंजो को दोनों कंपनियों ने जो कानूनी नोटिस भेजा है, उसके तहत करीब 4 करोड़ रुपये बकाया हैं.
आखिर क्यों भेजना पड़ा लीगल नोटिस?
डंजो को भेजे गए लीगल नोटिस में लिखा है कि कंपनी को बार-बार लिखित और मौखित रूप से बकाया की जानकारी दी गई. हालांकि, बार-बार याद दिलाने के बावजूद कंपनी ने भुगतान नहीं किया, ऐसे में ये नोटिस भेजना पड़ा. खबर है कि अब डंजो ने फेसबुक को भुगतान शुरू तो कर दिया है, लेकिन बहुत बड़ा भुगतान करना अभी तक बाकी है. कुछ सूत्रों तो ये यहां तक खबर मिल रही है कि डंजो को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत एक डिमांड नोटिस भी भेजा गया है.
2015 में हुई थी डंजो की शुरुआत
डंजो की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. इस स्टार्टअप में रिलायंस, गूगल, लाइटरॉक, लाइटबॉक्स, ब्लूम वेंचर्स समेत कई संस्थाएं पैसे लगा चुकी हैं. इन सब से डंजो ने करीब 50 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई है. अगर कंपनी में हिस्सेदारी की बात करें तो सबसे बड़ा निवेशक रिलायंस है, जो करीब 25.8 फीसदी का मालिक है. वहीं दूसरे नंबर पर आता है गूगल, जिसके बाद कंपनी की करीब 19 फीसदी हिस्सेदारी है.
07:01 PM IST