Published: 7:25 AM, Oct 9, 2025
|Updated: 7:25 AM, Oct 9, 2025
How to rent house first time: पहली बार घर किराये पर देने से पहले 10 जरूरी बातें जरूर जानना बहुत जरूरी है. असल में रेंट एग्रीमेंट से लेकर सिक्योरिटी डिपॉज़िट और कानूनी नियमों तक, छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान करा सकती है, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.

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अगर आप पहली बार अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देने की सोच रहे हैं, तो रुकिए! यह जितना आसान लगता है, ये उतना है नहीं। एक छोटी सी गलती भी आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है और कोर्ट-कचहरी के चक्कर कटवा सकती है. मकान मालिक होने के नाते आपको कुछ जरूरी बातें हमेशा याद रखनी चाहिए. आइए, उन 10 सबसे जरूरी बातों को आसान भाषा में समझते हैं, ताकि आप बिना किसी टेंशन के अपना घर किराए पर दे सकें.

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अपना घर किराए पर देना एक अच्छा फैसला हो सकता है, जिससे आपको हर महीने तय इनकम मिलती है. लेकिन, गलत किराएदार चुनना या जरूरी कागजी कार्यवाही पूरी न करना, आपको भारी पड़ सकता है. इससे न सिर्फ आपकी प्रॉपर्टी को नुकसान हो सकता है, बल्कि कानूनी उलझनें भी पैदा हो सकती हैं. हर मकान मालिक को याद रखनी चाहिए ये 10 जरूरी बातें:

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यह सबसे पहली और सबसे अहम बात है कि किराएदार मिलने के बाद सबसे पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं. इसके लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में किराएदार की जानकारी (नाम, पता, आईडी प्रूफ आदि) दें. यह फ्री होता है और ऑनलाइन भी किया जा सकता है. इससे आपको किराएदार के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पता चलता है और फ्यूचर में किसी भी समस्या से बचा जा सकता है.

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अगर आप पहली बार अपना घर किराए पर देने जा रहे हैं, तो बिना रेंट एग्रीमेंट बनाए कभी भी घर किराए पर न दें. यह एक कानूनी डाक्यूमेंट्स होता है जो मकान मालिक और किराएदार दोनों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को साफ रूप से तय करता है. इसमें किराए की अवधि (जैसे 11 महीने या उससे अधिक), मंथली किराया, सिक्योरिटी डिपॉजिट, और पेमेंट की तारीख जैसी बातें लिखना जरूरी होता है. साथ ही, इसमें यह भी तय करें कि बिजली-पानी का बिल कौन देगा, घर की मरम्मत कौन करेगा और किराया बढ़ाने की प्रक्रिया कैसी होगी. अगर किरायानामा 11 महीने से अधिक का है, तो उसका रजिस्टर्ड कराना जरूरी है, ताकि फ्यूचर में किसी भी विवाद की स्थिति में यह दस्तावेज कानूनी सबूत के रूप में काम आ सके. रजिस्टर्ड एग्रीमेंट से न केवल दोनों पक्ष सुरक्षित रहते हैं, बल्कि यह कोर्ट-कचहरी के झंझटों से भी बचाता है. इसलिए, किरायेदारी शुरू करने से पहले सभी शर्तें साफ कर लें और लिखित समझौता जरूर करें.

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किराएदार के आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान पत्रों की फोटोकॉपी लें. उसका मौजूदा और पिछला पता, फोन नंबर और ईमेल आईडी भी नोट करें,और हो सके तो उसकी नौकरी या प्रोफेशन के बारे में भी जानकारी लें.

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सिक्योरिटी डिपॉजिट एक सेफ्टी नेट है. किराएदार से कम से कम 1-2 महीने का किराया सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर लें. यह पैसे आपको घर को हुए किसी भी नुकसान या किराएदार द्वारा बिल न चुकाने की स्थिति में काम आएंगे. किराएदार के घर खाली करते समय, अगर कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो यह रकम वापस करनी होगी.

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किराएदार को घर देने से पहले, घर की हर चीज की कंडीशन की फोटो या वीडियो बना लें. दीवारों, फर्नीचरी (अगर है तो), बिजली के फिटिंग, पानी की फिटिंग आदि की फोटो लें. इसे रेंट एग्रीमेंट में अटैच करें, इससे किराएदार के घर खाली करते समय किसी भी नुकसान को साबित करना आसान होगा.

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रेंट एग्रीमेंट में यह साफ लिखें कि कितने समय बाद और कितने प्रतिशत किराया बढ़ाया जाएगा. असल में आमतौर पर हर साल 5-10% किराया बढ़ाया जाता है. यह पहले से तय होने से फ्यूचर में कोई विवाद नहीं होता.

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किरायानामा में यह भी लिखें कि आप या कोई और व्यक्ति किस कंडीशन में घर में आ सकते हैं. किराएदार की प्राइवेसी का सम्मान करें और बिना बताए या बिना उसकी इजाजत के घर में घुसने से बचें, इसके अलावा मरम्मत या निरीक्षण के लिए उचित नोटिस दें.

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रेंट एग्रीमट में साफ करें कि बिजली का बिल, पानी का बिल, मेंटेनेंस चार्ज, गैस कनेक्शन आदि का भुगतान कौन करेगा. आमतौर पर ये किराएदार को भरने होते हैं, लेकिन यह साफ होना चाहिए.

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कई शहरों में अब ऑनलाइन टेनेंट वेरिफिकेशन की सुविधा है. कुछ ऐप्स या वेबसाइट्स भी हैं जो किराएदार की बैकग्राउंड चेक करने में मदद करती हैं. यह प्रक्रिया को और आसान बना सकता है.

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किराएदार के किसी रिश्तेदार या करीबी दोस्त का इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर भी जरूर लें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके.

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अपना घर किराए पर देना एक बड़ा कदम है, और सही जानकारी के साथ आप इसे बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकते हैं. इन 10 बातों को ध्यान में रखकर आप न केवल अपने निवेश को सुरक्षित रखेंगे, बल्कि भविष्य में होने वाली कानूनी उलझनों से भी बचेंगे. याद रखें, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी, तो, स्मार्ट बनें और नियमों का पालन करें.(नोट: खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है)