Train 18 : एक सप्ताह बाद ही पटरी पर उतर पाएगी देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी
देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी Train 18 को भले ही सोमवार को झंडी दिखा दी गयी हो, लेकिन इस रेलगाड़ी को ( ICF) कोच फैक्ट्री से निकलने में काम से कम 1 सप्ताह का समय लग सकता है.
Train 18 रेलगाड़ी को फैैक्ट्री से निकलने में लग सकता है कुछ और समय (फाइल फोटो)
Train 18 रेलगाड़ी को फैैक्ट्री से निकलने में लग सकता है कुछ और समय (फाइल फोटो)
देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी Train 18 को भले ही सोमवार को झंडी दिखा दी गयी हो, लेकिन इस रेलगाड़ी को ( ICF) कोच फैक्ट्री से निकलने में काम से कम 1 सप्ताह का समय लग सकता है. इस रेलगाड़ी में अभी कुछ तकनीकी काम पूरे किए जाने हैं. साथ ही इस गाड़ी का तकनीकी परीक्षण अभी फैक्ट्री में ही किया जाएगा. दरअसल Train 18 जैसी रेलगाड़ी रेलवे ने पहली बार बनाई है. ऐसे में इस गाड़ी में किसी तरह की तकनीकी खामी न रह जाए इसकी जांच कोच फैक्ट्री में ही की जाएगी. अब तक ये ट्रेन मात्र 1 से 1.5 किलोमीटर ही चली है वो भी बहुत धीमी गति पर. अब इस ट्रेन को थोड़ा तेज चला कर परखा जाएगा.
क्यों होगा फैक्ट्री में परीक्षण
दरअसल Train 18 अपनी तरह की अकेली गाड़ी है. ये एक ट्रेन सेट है. इस गाड़ी में कई ऐसी सुविधाएं है जो अब तक किसी ट्रेन में नहीं है. ऐसे में यदि बाहर इस गाड़ी में कोई खामी आती है तो न तो पुर्जे मिलेंगे और न ही बनाने वाले लोग. ऐसे में इस गाड़ी का एक तकनीकी ट्रायल फैक्ट्री में ही होगा .Train 18 को ट्रायल के लिए फैक्ट्री से निकलने के बाद रेलवे के शोध संस्थान RDSO को सौंप दिया जाएगा. इस रेलगाड़ी का परीक्षण मुरादाबाद मंडल में किया जाना है.
ये है देश की इस सबसे अधिक आधुनिक रेलगाड़ी की खूबियां
Train 18 की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घटा हेागी. यह गाड़ी देश की सबसे तेज चलने वाली गाड़ी होगी. इन गाड़ियों को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार Train 18 शताब्दी गाड़ियों की तुलना में 15 फीसदी से अधिक समय बचाएगी.
Train 18 भारतीय रेलवे का और देश में चलने वाला पहला ट्रेन सेट है. यह गाड़ी 16 डिब्बों की हैं. हर 4 डिब्बे एक सेट में हैं. ट्रेन सेट होने के चलते इस गाड़ी के दोनों ओर इंजन हैं. इंजन भी मेट्रो की तरह छोटे से हिस्से में हैं. ऐसे में इंजन के साथ ही बचे हिस्से में 44 यात्रियों के बैठने की जगह है.
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुधांशू मनी के अनुसार Train 18 को विकसित करने में 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस गाड़ी को यदि बाहर से आयात किया जाता तो 200 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार गाड़ी के नियमित तौर पर उत्पादन के दौरान गाड़ी की लागत काफी काफी कम हो जाएगी.
16 डिब्बों की इस रेलगाड़ी में 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बे हैं. एक्जीक्यूटिव क्साल के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस गाड़ी में लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम जाती हैं. वहीं इस गाड़ी में सेंसर लगे हैं जो गाड़ी में यात्रियों की संख्या के अनुसार गाड़ी के अंदर एसी का तापमान मेंटेन करते हैं.
Written By:
विवेक तिवारी
Updated: Wed, Oct 31, 2018
12:30 PM IST
12:30 PM IST
नई दिल्ली
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