7वें वेतन आयोग की सिफारियों पर रेलवे यूनियन का प्रदर्शन, जानिए रनिंग भत्तों और पेंशन पर क्या होगा असर?
रेल कर्मचारियों के संगठन नारदर्न रेलवे मैन्स यूनियन (एनआरएमयू) के रनिंग स्टाफ ने 7वें वेतन आयोग के तहत भत्ता दिए जाने और पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग करते हुए नई दिल्ली स्थिति संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया.
यूनियन के मुताबिक लोको व ट्रैफिक रनिंग कर्मचारियों के रनिंग भत्तों को बढ़ाने में देरी की जा रही है.
यूनियन के मुताबिक लोको व ट्रैफिक रनिंग कर्मचारियों के रनिंग भत्तों को बढ़ाने में देरी की जा रही है.
रेल कर्मचारियों के संगठन नारदर्न रेलवे मैन्स यूनियन (एनआरएमयू) के रनिंग स्टाफ ने 7वें वेतन आयोग के तहत भत्ता दिए जाने और पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग करते हुए नई दिल्ली स्थिति संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया. एनआरएमयू ने रनिंग कर्मचारियों को रनिंग अलाउंस देने तथा अन्य भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर रेल मंत्रालय पर उदासीन रवैये का आरोप लगाया है.
एनआरएमयू द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक लोको व ट्रैफिक रनिंग कर्मचारियों के रनिंग भत्तों को बढ़ाने में देरी की जा रही है. इसके अलावा सहायक लोको पायलट को अतिरिक्त भत्ता भुगतान करने में भी मंत्रालय के द्वारा देरी की जा रही है. यूनियन की अन्य मांगे इस तरह हैं-
1. रनिंग कर्मचारियों पर निर्धारित काम के घंटे से अधिक समय तक गाड़ी चलाने के लिए अनुचित दबाव न डाला जाए.
2. इंजन कैब और गार्ड ब्रेकवान में मूलभूत सुविधाओं का अभाव दूर किया जाए.
3. रनिंग कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएं.
4. कर्मचारियों को विश्राम के लिए पर्याप्त समय दिया जाए.
5. महिला रनिंग स्टाफ के लिए रनिंग रूप में अलग से समुचित व्यवस्था की जाए.
6. रनिंग कर्मचारियों को लगातार 4 रात से अधिक काम करने के लिए विवश न किया जाए.
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इससे पहले ऑल इंडिया लोको रंनिग स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने एक ज्ञापन देकर रेलमंत्री व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को बताया था कि 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को शीघ्र दूर किया जाए, लोको पायलेट का माइलेज दर आएसी 1980 के अनुसार निर्धारण करने, सहायक लोको पायलेट का फिक्सेशन ग्रेड पे 2800 की दर से देने, सहायक लोको पायलेट का नाम परिवर्तन कर कॉ-पायलेट करने सहित अन्य मांग इस ज्ञापन में शामिल थीं.
रनिंग स्टाफ को 7वें वेतन आयोग के हिसाब 100 किमी पर 848 रुपया भत्ता मिलना चाहिए जबकि मिलता है 250 रुपया. इसके अलावा स्टाफ की कमी की समस्या भी है. इस कारण मौजूदा स्टाफ को 10 घंटे से ज्यादा काम करना पड़ता है और कई बार 6-7 घंटे की लगातार नाइट ड्यूट लगाई जाती है. रनिंग स्टाफ को बेहद मुश्किल हालात में कई बार तो 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा के तापमान में काम करना पड़ता है. यूनियन की मांग है कि इस बजट में रेल बजट में इंजन में एसी लगाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं किया जा रहा है. इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
06:31 PM IST