रेल मंत्रालय का ' मिशन स्पीड'- सिर्फ 12 घंटो में तय होगा दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा का सफर
मोदी सरकार 2.0 देश मे सड़क से लेकर रेल, हवाई सफर से लेकर पानी के रास्ते सभी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के मकसद से 100 दिन का एक्शन प्लान तय किया है.
रेलवे मंत्रालय का अगला फोकस ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर है. (फोटो: PTI)
रेलवे मंत्रालय का अगला फोकस ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर है. (फोटो: PTI)
मोदी सरकार 2.0 देश मे सड़क से लेकर रेल, हवाई सफर से लेकर पानी के रास्ते सभी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के मकसद से 100 दिन का एक्शन प्लान तय किया है. रेलवे मंत्रालय ने भी अपने लिए 100 दिन एक्शन प्लान के तहत जो लक्ष्य तय किए हैं, उससे आने वाले वक्त में भारतीय रेलवे और मुसाफिरों के अच्छे दिन का सपना हकीकत में तब्दील होता नजर आ रहा है.
रेलवे मंत्रालय के टॉप ऑफिशल्स के मुताबिक, रेलवे में अगला फोकस ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे बेहद बिजी रूट पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा ले जाने का लक्ष्य रेलवे ने तय किया है. मतलब यह कि आने वाले वक्त में आप दिल्ली से मुंबई या फिर दिल्ली से हावड़ा तक का सफर सिर्फ 11 से 12 घंटो में तय कर सकते हैं.
14000 करोड़ का निवेश करेगा रेलवे
सूत्रों के मुताबिक, रेलवे ने इसे 'मिशन स्पीड' नाम दिया है. इस मिशन के तहत ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया है. सरकार इसके लिए 14000 करोड़ रुपए के भारी भरकम निवेश के जरिए मौजूद रेल इंफ्रा में सुधार और बदलाव लाएगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसके लिए एक कैबिनेट नोट भी तैयार करा रहे हैं, जिसे जल्द ही कैबिनेट कमिटी ऑन इकनोमिक अफेयर्स (CCEA) से हरी झंडी मिल सकती है.
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क्या है रेलवे का 'मिशन स्पीड'?
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार 2.0 में सभी मंत्रियों और मंत्रालय को लक्ष्य तय करने को कहा है, जो आम जनता के लिए अच्छे दिन की कहानी को सच साबित करने में मदद करें. रेलवे ने भी अपने लिए मिशन स्पीड के तहत ट्रेन की एवरेज स्पीड बढ़ाने के लिए रोडमैप तैयार किया है. इसमें लाइन डबलिंग, ट्रिपलिंग से लेकर सिंग्नल प्रणाली को अपग्रेड करना, रोलिंग स्टॉक यानी ट्रेन इंजन को आधुनिक और उच्च क्षमता का बनाना शामिल है. रेलवे को उम्मीद है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिये भी स्पीड बढ़ाने का लक्ष्य अगले 3-4 साल में हासिल हो सकता है.
कहां कितना होगा खर्च?
रूट दूरी इंफ्रा पर खर्च
दिल्ली-हावड़ा 1525 किमी 6684 करोड़ रुपए
दिल्ली-मुंबई 1483 किमी 6806 करोड़ रुपए
दूसरे रूट्स पर भी बढ़ेगी स्पीड !
- बाकी रूट्स पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जाएगी.
- तेजस, वंदे मातरम ट्रेनें कई और रूट्स पर चलेंगी.
- तेजस, वंदे मातरम ट्रेनें कई सुविधाओं से लैस हैं.
- इन ट्रेनों को ज्यादा से ज्यादा रूट्स पर चलाएंगे.
किन रूट्स पर दौड़ेगी तेजस, वंदे मातरम ?
- दिल्ली-चंडीगढ़
- बंग्लुरु-चेन्नई
- मुंबई-पुणे
- लखनऊ-गोरखपुर
इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा बड़ा सुधार
- ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने का रोडमैप तैयार.
- रेलवे लाइन की डबलिंग, ट्रिपलिंग प्रणाली अपग्रेड होगी.
- सिग्नल सिस्टम को भी अपग्रेड किया जाएगा.
- ट्रेन इंजन को आधुनिक, उच्च क्षमता वाला बनाया जाएगा.
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भी रेलवे को मदद मिलेगी.
- फ्रेट कॉरिडोर से रफ्तार बढ़ाने का लक्ष्य हासिल होगा.
03:16 PM IST