भारतीय रेलवे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है. रेलवे ने ईस्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर (DFCCIL) के दिल्ली से कानपुर सेक्शन पर भदान और खुर्जा के बीच इलेक्ट्रिक लोको का स्पीड ट्रायल किया. इस स्पीड ट्रायल के दौरान क्रॉस ओवर पर इंजन की स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा रही. इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है.
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बढ़ेगी मालगाड़ियों की स्पीड
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पर इसके पहले क्रॉस ओवर या टर्नआउट पर इंजन की स्पीड 15 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाती थी. इस ट्रायल के बाद रेलवे को मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे सामान जो जल्द पहुंचाया जा सकेगा.
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जल्द माल पहुंचाने के लिए हो रहे हैं कई प्रयास
मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ने पिछले कुछ समय में काफी प्रयास किए हैं. रेलवे ने हाल ही में लखनऊ मंडल में मालगाड़ियों को 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक की स्पीड से चलाया गया हैं.
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माल देरी से पहुंचने पर मिल सकता है हरजाना
भारतीय रेलवे अपने मालभाड़ा कारोबार को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. इसी दिशा में सामान की डिलीवरी को लेकर रेलवे में पिज्जा डिलीवरी जैसा मॉडल अपने पर विचार किया जा रहा है. इसके तहत अगर सामान की डिलीवरी तय समय पर नहीं होगी तो ग्राहक को इसके लिए हरजाना मिलेगा.
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इस आधार पर मिल सकता है हरजाना
खबरों के मुताबिक रेलवे सामान की डिलीवरी को लेकर हर 4 घंटे की देरी के हिसाब से जुर्माना निर्धारित कर सकता है. ऐसे में अगर आपने रेलवे में माल बुक कराया है और आपका सामान निर्धारित समय से 4 घंटे या उससे अधिक देरी से पहुंचता है तो आपको हरजाना मिलेगा.
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इन कंपनियों को होगा फायदा
रेलवे की ओर से अगर इस मॉडल को लागू किया जाता है तो आने वाले समय में इससे सीमेंट, स्टील, आयरन ओर और कोल कंपनियों को फायदा होगा. रेलवे नए ग्राहक के तौर पर ऑटो, ई कॉमर्स और फॉर्मा सेक्टर को भी जोड़ने का प्रयास कर रही है.
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