पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए शुरू हुआ एक्सपोर्ट, किसान और व्यापारियों को रेलवे की बड़ी सुविधा
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Jul 13, 2020 09:39 AM IST
भारतीय रेलवे (Indian Railways ) ने पहली बार देश की सीमा से बाहर पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन (Parcel express train) चलाई. ये पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के गुंटूर जिले (Guntur district) में स्थित रेड्डीपलेम (Reddypalem) से सूखी मिर्च लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) के बेनापोल के लिए रवाना हुई.
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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में पैदा होने वाली मिर्च दुनिया भर में मशहूर है
आंध्र प्रदेश के गुंटूर और इसके आस-पास के इलाके मिर्च की खेती (Chili farming) के लिए जाने जाते हैं. मिर्च के स्वाद और ब्रांड के लिए ये इलाका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है. इससे पहले, गुंटूर और आसपास के इलाके के किसान और व्यापारी कम मात्रा में सूखी मिर्च सड़क के जरिए बांग्लादेश एक्सपोर्ट कर रहे थे. इस पर लागत लगभग 7000 रुपये प्रति टन आती है.
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एक बार में व्यापारी 500 टन तक माल भेज सकते हैं.
लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान, सड़क के जरिए सामान भेजने में आने वाली मुश्किल को देखते हुए व्यापारियों ने रेलवे से संपर्क किया. कुछ समय तक व्यापारियों ने मालगाड़ियों (Goods trains) के जरिए सामान बांगलादेश भेजा. लेकिन मालगाड़ी में सामान भेजने के लिए कम से कम 1500 टन सामान होना चाहिए. ऐसे में व्यापारियों के अनुरोध पर रेलवे ने पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन (Parcel express train) को शुरू करने का फैसला लिया. इस ट्रेन के जरिए एक बार में व्यापारी 500 टन तक माल भेज सकते हैं.
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रेलवे की इस सुविधा से किसानों और व्यापारियों को होगा फायदा
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पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए 384 टन मिर्च को बांगलादेश भेजा गया
इस सुविधा को शुरू करने के लिए रेलवे ने 16 पार्सल वैन की एक विशेष पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी तैयार की है जिसे बांग्लादेश के बेनापोल भेजा जा रहा है. प्रत्येक पार्सल वैन को सूखी मिर्च की 466 बोरियों से भरा जा रहा है, जिसका वजन लगभग 19.9 टन होता है. पहली बार चलाई गई इस विशेष पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी के जरिए कुल 384 टन मिर्च को बांगलादेश भेजा गया. विशेष पार्सल एक्सप्रेस द्वारा माल ले जाने की लागत प्रति टन 4,608 रुपये आई जो सड़क के जरिए माल भेजने की तुलना में काफी कम है.
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