Coronavirus: ट्रेन के 5000 डिब्बे आइसोलेशन कोच में होंगे तबदील, वायरस को हराने के लिए तैयार हैं कारखाने
Written By: विवेक तिवारी
Tue, Mar 31, 2020 10:05 AM IST
भारतीय रेलवे (Indian Railways) कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी covid 19 से लड़ाई में हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहा है. हालात को देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों के पांच हजार डिब्बों को आईसोलेशन सेंटर (Isolation Center) में बदलने की योजना बनाई है. इसके लिए रेलवे के कारखानों को निर्देश दिए जा चुके हैं. वहीं रेलवे ने अपने अस्पतालों को भी हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है.
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रेलवे ने उठाए ये कदम
कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए, भारतीय रेलवे सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में हर संभव मदद देने का प्रयास कर रहा है. इसके तहत कोचों को आइसोलेशन वॉर्ड के रूप में बदलना, मौजूदा रेलवे अस्पतालों को कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए आवश्यक उपकरण कराना , अचानक जरूरत पड़ने पर अस्पताल में बेड उपलब्ध करना, अतिरिक्त डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की भर्ती करना आदि शामिल है.
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5000 डिब्बों को आइसोलेशल वॉर्ड में बदला गया
भारतीय रेलवे के सभी जोन के जीएम और चिकित्साकर्मियों की देखरेख में तैयारियां की जा रही है. आईसोलेशन सेंटर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 5000 यात्री डिब्बों को आइसोलेशन सेंटर में बदला जा रहा है. ये कोच डॉक्टरों के दिशा-निर्देशों के अनुसार आइसोलेशन के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे. आवश्यकता पड़ने पर और अधिक डिब्बों में बदलाव किए जाएंगे. कोच में मच्छरदानी लगी होगी, मोबाइल और लैपटॉप के लिए चार्जिंग प्वाइंट होगा और पैरामेडिक्स के लिए जगह आदि की सुविधा होगी.
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रेलवे अस्पतालों में तैयार किए गए 6500 बेड
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सेनेटाइजर और मास्क का उत्पादन भी किया जा रहा है
उत्तर रेलवे के सभी कारखानों में सेनेटाइजर का उत्पादन शुरू कर दिया गया है. उत्तर रेलवे के कारखाने रोज लगभग 740 liters सेनेटाइजर का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं उत्तर रेलवे के कारखानों में रोज लगभग 700 फेस मास्क बनाए जा रहे हैं. रेलवे की वर्कशॉप में मेडिकल स्टॉफ के लिए एप्रेन का उत्पादन भी शुरू किया गया है.
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