दिल्ली-मेरठ (Delhi Meerut Rapid Rail Network) के बीच रैपिड ट्रेन चलने वाली है. प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. इसको समय पर पूरा करने के लिए सरकार भी कमर कसे है. प्रोजेक्ट को एशियाई विकास बैंक (ADB) से 50 करोड़ डॉलर (करीब 37,00 करोड़ रुपये) की फंडिंग है. 3.94 अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट में ADB कुल 7500 करोड़ रुपये कर्ज देगा. इस बीच, शुक्रवार को पहली बार NCRTC ने ट्रेन का मॉडल जारी किया.
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Lotus temple पर आधारित
यह ट्रेन दिल्ली के Lotus temple से प्रेरित है. इसमें 2x2 सीटिंग होगी. पैर फैलाने के लिए काफी स्पेस मिलेगा. मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के स्लॉट भी दिए जाएंगे. Wifi की सुविधा भी रहेगी.
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एशियाई विकास बैंक
एशियाई विकास बैंक लोन की पहली किस्त दे चुका है. यह लोन दिल्ली से सटे NCR में आने-जाने की सुविधा बनाने के लिए है. इसके तहत दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर का आधुनिक रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (RRTS) गलियारा बनाया जा रहा है.
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ये होगी स्पीड
180 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन.
हर 5-7 मिनट में मिलेगी ट्रेन सुविधा.
82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में ट्रेन सर्विस 2025 तक शुरू की जाएगी.
इस कॉरिडोर में कुल 16 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे.
रैपिड रेल चलने से दिल्ली से मेरठ की दूरी 1 घंटे से भी कम समय में पूरी होगी.
गाजियाबाद से मोदीनगर तक इस प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है.
साहिबाबाद से मेरठ तक कई हिस्सों में पिलर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है.
रैपिड रेल से महज 165 रुपये में 1 घंटे के अंदर दिल्ली से मेरठ का सफर पूरा होगा.
बिजली की 25 हाईटेंशन लाइनों को रास्ते से हटाने का काम हो चुका है.
रैपिड रेल कोच का निर्माण गुजरात के सावली में मेक इन इंडिया पहल के तहत किया जा रहा है.
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1 घंटे में दिल्ली से मेरठ
रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम गलियारे को 180 कीलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाला बनाया जाएगा और इसमें हर 5 से 10 मिनट में रेल ट्रेन सर्विस मिलेगी. यह गलियारा दिल्ली के सरायकाले खां से लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मोदीपुरम तक बनाया जा रहा है. इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी को पूरा करने में लगने वाला 3-4 घंटे का समय कम होकर 1 घंटा रह जाएगा.
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