NASA ने की भारत के इस काम की तारीफ, कहा साथ मिलकर काम करेंगे
भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के Chandrayaan2 मिशन की तारीफ दुनिया की सबसे बेहतर मानी जाने वाली अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA ने भी की है. NASA ने कहा कि अंतरिक्ष में काम करना काफी कठिन है. उन्होंने कहा कि ISRO का चांद के दक्षिण ध्रुव पर जाने के लिए Chandrayaan2 मिशन लांच करना एक साहसी कदम है.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने Chandrayaan2 को ले कर कही ये बात (फाइल फोटो)
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने Chandrayaan2 को ले कर कही ये बात (फाइल फोटो)
भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के Chandrayaan2 मिशन की तारीफ दुनिया की सबसे बेहतर मानी जाने वाली अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA ने भी की है. NASA ने कहा कि अंतरिक्ष में काम करना काफी कठिन है. उन्होंने कहा कि ISRO का चांद के दक्षिण ध्रुव पर जाने के लिए Chandrayaan2 मिशन लांच करना एक साहसी कदम है. उन्होंने कहा कि ISRO के इस कदम से NASA को भी प्रेरणा मिली है. उन्होंने कहा कि हम आने वाले समय में साथ मिल कर काम करेंगे.
UAE ने कही ये बात
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि चंद्रयान 2 से संपर्क टूटने पर हम अपनी ओर से इसरो का पूरा सहयोग करेंगे. साथ ही भारत के इस कदम ने साबित किया है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत बड़ी भूमिका निभाएगा.
NASA: Space is hard. We commend ISRO’s attempt to land their #Chandrayaan2 mission on the Moon’s South Pole. You have inspired us with your journey and we look forward to future opportunities to explore our solar system together. pic.twitter.com/ESiOLqF3Do
— ANI (@ANI) September 7, 2019
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
ISRO ने चांद के साउथ पोल को इस लिए चुना
चंद्रयान-2 मिशन (chandrayaan-2) में भारत ने अपने यान को उतारने के लिए साउथ पोल चुना है. यह भारत की खास रणनीति है. चंद्रमा के इस इलाके में सबसे ज्यादा पानी और मिनरल है, जिस पर मानव की आजीविका चलती है. जानकारों की मानें तो अगर भारत अपनी मुहिम में सफल होता है तो भारत जल्द ही चंद्रमा पर अपनी कॉलोनी बना पाएगा वहां.
वैज्ञानिकों का जारी है प्रयास
आपको बता दें कि चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. 'विक्रम ने 'रफ ब्रेकिंग और 'फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं. अगले 14 दिनों तक यह प्रयास जारी रहेगा.
12:39 PM IST