भारतीय रेलवे: 1st AC, 2nd AC और 3rd AC कोच में अंतर समझिए, जानिए क्या सुविधाएं मिलती हैं
भारतीय रेलवे भारत की जीवन रेखा है और यात्रा के लिए भारतीयों की पहली पसंद भी. एक ही ट्रेन में रेलवे अलग-अलग कोच के जरिए यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है.
भारतीय रेलवे के 2nd AC कोच में कोई मिडिल बर्थ नहीं होती है (फोटो- Pixabay).
भारतीय रेलवे के 2nd AC कोच में कोई मिडिल बर्थ नहीं होती है (फोटो- Pixabay).
भारतीय रेलवे भारत की जीवन रेखा है और यात्रा के लिए भारतीयों की पहली पसंद भी. एक ही ट्रेन में रेलवे अलग-अलग कोच के जरिए यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है. सामान्य मिडिल क्लास के लोग द्वितीय श्रेणी और स्लीपर क्लास से अच्छी तरह परिचित हैं. लेकिन कई लोगों को 1st AC, 2nd AC और 3rd AC क्लास में अंतर के बारे में कम जानकारी होती है. इतना तो सभी जानते ही हैं कि ये कोच वातानुकूलित होते हैं. आइए इनकी अन्य विशेषताओं के बारे में जानें-
फर्स्ट एसी (1A)
फर्स्ट एसी क्लास भारतीय रेलवे की सबसे महंगी श्रेणी है. ये कोच पूरी तरह वातानुकूलित होते हैं. इसके प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 2 या 4 बर्थ होती हैं. 2 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट को कूप (coupe) और 4 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट केबिन (cabin) कहते हैं. प्रत्येक कम्पार्टमेंट में एक दरवाजा होता है, जिसे यात्री अंदर से बंद कर सकते हैं. फर्स्ट एसी में साइट अपर या साइड लोवर बर्थ नहीं होती हैं. प्रत्येक यात्री के लिए एक डस्टबिन और एक छोटी टेबल होती है. राजधानी जैसी रेलगाड़ियों में यात्रियों को विशेष प्लेट और कटोरियों में खाना दिया जाता है और खाने का मीनू 2nd AC और 3rd AC क्लास से अलग होता है. ट्रेन में अटेंडेंट को बुलाने के लिए प्रत्येक कम्पार्टमेंट में एक खास बटन होता है. सीट बेहद सुविधाजनक होती है.
सेकेंड एसी (Second AC)
भारतीय रेलवे का 2nd AC कोच 1st AC से सस्ता है और 3rd AC से महंगा. इसमें सुविधाएं भी थर्ड एसी के मुकाबले अधिक हैं और फर्स्ट एसी के मुकाबले कम. इसमें कोई मिडिल बर्थ नहीं होती है. हालांकि साइड अपर और लोवर सीट होती हैं. इस तरह प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 6 सीटें होती हैं. ये कोच एसी थर्ड क्लास के मुकाबले कम भीड़-भाड़ वाले होते हैं. प्रत्येक कम्पार्टमेंट में पर्दे लगे होते हैं और सीट बेहद सुविधाजनक होती हैं. यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल दिया जाता है. यहां खाना थर्ड एसी जैसा ही होता है, लेकिन अगर आप एक्स्ट्रा रोटी या दाल लेना चाहें तो ले सकते हैं. प्रत्येक बर्थ में एक रीडिंग लैंप होता है.
थर्ड एसी (Third AC)
थर्ड एसी कोच मीडिल क्लास भारतीयों की पहली पसंद है. बेहद सरल भाषा में कहा जाए तो ये कोच बिल्कुल स्लीपर क्लास की तरह होते हैं, बस स्लीपर क्लास वातानुकूलित नहीं होता है और ये कोच वातानुकूलित होते हैं. प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 8 सीटें होती हैं. लोवर बर्थ के बैकरेस्ट को ऊपर उठाकर मिडिल सीट बनाई जाती है. थर्ड एसी में सफर के दौरान तकिया, कंबल और चादर दिया जाता है. खाना सेकेंड एसी और थर्ड एसी में एक जैसा होता है. इसमें पर्दे नहीं होते हैं.
इनके अलावा भारतीय रेलवे फर्स्ट क्लास, एसी एक्जीक्यूटिव क्लास, थर्ड एसी इकनॉमी क्लास, एसी चेयर कार और सेकेंड सीटिंग कोच का संचालन भी करती है.
10:45 AM IST