Diesel Engine Mileage: आखिर कितना माइलेज देता है भारतीय रेल का डीजल इंजन, कभी सोचा है आपने
Diesel Engine Mileage: ट्रेन के डीजल इंजन का माइलेज कई बातों पर निर्भर करता है. इंजन कितने पावर का है, वह कितना बोझ ढो रहा है, वह कैसे इलाके में चल रहा है, उसे लाइन पर कितना ट्रैफिक मिल रहा है आदि.
Diesel Engine Mileage: आखिर कितना माइलेज देता है भारतीय रेल का डीजल इंजन, कभी सोचा है आपने (Reuters)
Diesel Engine Mileage: आखिर कितना माइलेज देता है भारतीय रेल का डीजल इंजन, कभी सोचा है आपने (Reuters)
Diesel Engine Mileage: मार्केट में कोई भी नई गाड़ी आए तो उसके फीचर्स जानने से पहले उसका माइलेज पूछा जाता है. अब चाहे कोई नई बाइक आए या नई कार, सभी की निगाहें उसकी माइलेज पर होती है. हालांकि, हमारे देश में कुछ ऐसी भी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल तो हम बड़े लेवल पर करते हैं लेकिन उसके माइलेज के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय रेल (Indian Railways) के डीजल लोकोमोटिव यानी डीजल से चलने वाले रेल इंजन की. भारतीय रेल की ट्रेनों में आप बहुत सफर करते हैं लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि डीजल से चलने वाला रेल इंजन कितना माइलेज देता है. अगर आपको भी इस सवाल का जवाब जानना है तो बिल्कुल बेफिक्र रहिए, हम यहां आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं.
कितना माइलेज देता है डीजल इंजन
बताते चलें कि देश की सेवा में दिन-रात काम करने वाली भारतीय रेल अलग-अलग पावर जनरेट करने वाले डीजल इंजन (Diesel Engine) का इस्तेमाल करती है. ट्रेन के डीजल इंजन का माइलेज कई बातों पर निर्भर करता है. इंजन कितने पावर का है, वह कितना बोझ ढो रहा है, वह कैसे इलाके में चल रहा है, उसे लाइन पर कितना ट्रैफिक मिल रहा है आदि. डीजल इंजन के माइलेज की बात करें तो 12 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन को खींचने वाला एक डीजल इंजन (Diesel Locomotive) 6 लीटर तेल में 1 किलोमीटर का माइलेज देता है. जबकि 24 डिब्बों वाली एक सुपरफास्ट को खींचने वाला डीजल इंजन भी 6 लीटर तेल में 1 किलोमीटर का ही माइलेज देता है. इसके अलावा 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन 1 किलोमीटर का माइलेज देने के लिए करीब 4.5 लीटर डीजल पीता है.
सुपरफास्ट ट्रेन के मुकाबले पैसेंजर ट्रेन चलाने वाला इंजन देता है कम माइलेज
दरअसल, पैसेंजर ट्रेन को अपने रूट पर कई जगहों पर रुकना होता है. जिसकी वजह से वह अच्छी स्पीड भी नहीं पकड़ पाता. इसके साथ ही उसे जगह-जगह रुकने के लिए बार-बार ब्रेक और एक्सिलेटर अप्लाई करना होता है. जबकि दूसरी तरफ, एक सुपरफास्ट ट्रेन के स्टॉपेज कम होते हैं, जिसकी वजह से वह शानदार स्पीड के साथ पटरियों पर दौड़ती है. इसके अलावा उसे बार-बार ब्रेक भी अप्लाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसलिए सुपरफास्ट ट्रेन को खींचने वाला डीजल इंजन, पैसेंजर ट्रेन को खींचने वाले डीजल इंजन की तुलना में ज्यादा माइलेज देता है.
मालगाड़ी खींचने वाले डीजल इंजन का माइलेज हो जाता है और भी कम
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
अगर यही डीजल इंजन किसी मालगाड़ी को खींचे तो उसका माइलेज और भी ज्यादा कम हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मालगाड़ी का वजन, एक यात्री गाड़ी के मुकाबले काफी ज्यादा होता है. इसके अलावा जब कोई डीजल इंजन किसी ट्रेन को पहाड़ी इलाके से लेकर गुजरती है तो उस पर काफी दबाव पड़ता है, ऐसी स्थिति में भी उसका माइलेज काफी कम हो जाता है. जिस ट्रेन को अपने रूट में जगह-जगह रेड सिग्नल होने की वजह से रुकना पड़ता है, उस इंजन का माइलेज भी काफी कम हो जाता है.
08:09 PM IST