रेलवे के पटरियों के बीच लगता है तगड़ा साइंस, तब जाकर गोली की रफ्तार में दौड़ती है ट्रेन
अगर आपने कभी रेलवे ट्रैक को ध्यान से देखा होगा, तो एक चीज़ जरूर नोटिस की होगी कि पटरियों के नीचे और आसपास नुकीले पत्थर बिछे होते हैं. ये सिर्फ सजावट के लिए नहीं होते. इन पत्थरों को "बैलबास्ट" (Ballast) कहा जाता है.
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अगर आपने कभी रेलवे ट्रैक को ध्यान से देखा होगा, तो एक चीज़ जरूर नोटिस की होगी कि पटरियों के नीचे और आसपास नुकीले पत्थर बिछे होते हैं. ये सिर्फ सजावट के लिए नहीं बल्कि रेलवे ट्रैक की मजबूती और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इन पत्थरों को "बैलबास्ट" (Ballast) कहा जाता है और इनका इस्तेमाल रेलवे ट्रैक के स्थायित्व को बनाए रखने के लिए किया जाता है.
क्या है खासियत?
रेलवे ट्रैक पर लगातार ट्रेनें और भारी मालगाड़ियां गुजरती हैं, जिससे ट्रैक पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है. अगर जमीन कमजोर होगी या सही से सपोर्ट नहीं मिलेगा, तो ट्रैक धंस सकता है या हिल सकता है. नुकीले पत्थर इस समस्या को रोकने में मदद करते हैं, क्योंकि ये पटरियों को मजबूती से टिकाए रखते हैं और उनकी स्थिरता बनाए रखते हैं. जब ट्रेन तेज़ गति से दौड़ती है, तो रेलवे ट्रैक पर कंपन (वाइब्रेशन) उत्पन्न होता है. अगर कंपन को नियंत्रित नहीं किया जाए, तो इससे ट्रैक कमजोर हो सकता है और दरारें पड़ सकती हैं. बैलबास्ट के रूप में बिछाए गए ये नुकीले पत्थर कंपन को अवशोषित कर लेते हैं, जिससे ट्रैक को क्षति नहीं होती और यात्रियों को भी झटके महसूस नहीं होते.
बारिश के मौसम में करता है काम
बारिश के मौसम में अगर पानी रेलवे ट्रैक पर जमा हो जाए, तो यह पटरियों को कमजोर कर सकता है और ट्रेन संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं. लेकिन नुकीले पत्थर पानी को सोखने और बहाने में मदद करते हैं. इसके कारण ट्रैक जल्दी सूख जाता है और किसी भी प्रकार की क्षति से बचाव होता है. अगर रेलवे ट्रैक पर घास और झाड़ियां उगने लगें, तो यह ट्रैक की मजबूती और ट्रेन संचालन के लिए खतरनाक हो सकता है. नुकीले पत्थरों की परत इस समस्या से बचाने का काम करती है. इनकी वजह से मिट्टी में घास और खरपतवार नहीं उगते, जिससे ट्रैक साफ और सुरक्षित बना रहता है.
गोल पत्थर क्यों नहीं?
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कई लोगों के मन में यह सवाल आता होगा कि रेलवे ट्रैक पर गोल पत्थर क्यों नहीं बिछाए जाते? दरअसल, गोल पत्थर चिकने होते हैं और एक-दूसरे के ऊपर आसानी से फिसल सकते हैं. इससे ट्रैक अस्थिर हो सकता है और ट्रेन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. दूसरी ओर, नुकीले पत्थर अपनी जगह पर मजबूती से फंसे रहते हैं और ट्रैक को अधिक स्थायित्व प्रदान करते हैं.
09:22 AM IST