7वां वेतन आयोग : रेलवे कर्मचारियों ने इस नियम के तहत काम करने की घोषणा की, बढ़ेगी यात्रियों की मुश्किल
रेलवे कर्मचारियों ने 7 वें वेतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने व अन्य मोंगों को ले कर 19 नवम्बर से 'वर्क टू रूल' नीयमों के तहत काम करने की घोषणा कर दी है.
रेलवे कर्मचारियों ने 19 नवम्बर से वर्क टू रूल नियमों के तहत काम करने की घोषणा की (फाइल फोटो)
रेलवे कर्मचारियों ने 19 नवम्बर से वर्क टू रूल नियमों के तहत काम करने की घोषणा की (फाइल फोटो)
रेलवे कर्मचारियों ने 7 वें वेतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने व अन्य मोंगों को ले कर 19 नवम्बर से 'वर्क टू रूल' नीयमों के तहत काम करने की घोषणा कर दी है. इस संबंध में सरकार को 45 दिनों का नोटिस भी जारी कर दिया गया है. रेलवे के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की ओर से यह निर्णय लिया गया है . ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 7 वें वेतन आयोग के तहत भत्ते, पुरानी पेंशन स्कीम सहित कई अन्य मांगो को ले कर रेल कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार की ओर से अब तक कर्मचारियों की मांगों को ले कर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. ऐसे में कर्मचारी वर्क टू रूल नियम के तहत काम करने की तैयारी कर रहे हैं. रेल मंत्रालय को वर्क टू रूल के तहत काम करने का 45 दिनों का नोटिस भी दिया गया है. इस नोटिस की अविध पूरा होने पर 19 नवम्बर से पूरे भारतीय रेलवे में वर्क टू रूल नियमों को लागू कर दिया जाएगा. सभी रेल कर्मी इन्हीं नीयमों के तहत काम करेंगे.
क्या है वर्क टू रूल
वर्तमान समय में रेलवे में लगभग 2.5 लाख कर्मचारियों की कमी है. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे बहुत से ऐसे कर्मचारी हैं जो ट्रेनों के बेहतर परिचालन के लिए जिम्मेदार हैं. रेलवे कर्मचारियों के संगठन एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते बाकी कर्मचारियों पर काम का काफी दबाव है. एक कर्मचारी को 8 घंटे की नौकरी करनी होती है पर कई बार काम के दबाव के चलते कर्मचारी 12 घंटे तक की नौकरी कर रहे हैं. गाड़ियों में चल रहे ड्राइवरों पर कई बार अधिक देर तक गाड़ी चलाने का दबाव बनाया जाता है जिससे उन्हें जरूरी आराम भी नहीं मिल पाता. ऐसे में रेल कर्मी अपनी मांगों को ले वर्क टू रूल के तहत काम करेंगे.
दिसम्बर में संसद घेरने की तैयारी
रेलवे कर्मचारी व अन्य केंद्र सरकार के कर्मचारी दिसम्बर में संसद सत्र के दौरान अपनी मांगों को ले कर संसद का घिराव करने की तैयारी कर रहे हैं. इस प्रदर्शन के दौरान सरकार पर 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत भत्ते देने व पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा.
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ये हैं रेल कर्मचारियों की मांगें
रनिंग कर्मचारियों पर निर्धारित काम के घंटे से अधिक समय तक गाड़ी चलाने के लिए अनुचित दबाव न डाला जाए.
इंजन कैब और गार्ड ब्रेकवान में मूलभूत सुविधाओं का अभाव दूर किया जाए.
रनिंग कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएं.
कर्मचारियों को विश्राम के लिए पर्याप्त समय दिया जाए.
महिला रनिंग स्टाफ के लिए रनिंग रूप में अलग से समुचित व्यवस्था की जाए.
रनिंग कर्मचारियों को लगातार 4 रात से अधिक काम करने के लिए विवश न किया जाए.
09:28 AM IST