इस ट्रेन में यात्रा करना होगा बेहद खुबसूरत अनुभव, गाड़ी का गार्ड ही बेचता है टिकट
गुजरात राज्य के नवसारी जिले के बिलिमोरा नाम के एक छोटे शहर से चल कर गुजरात के दक्षिणी हिस्से वघई तक एक नैरो गेज ट्रेन चलाई जाती है. ये ट्रेन वघई आदिवासी बाहुल क्षेत्र में लोगों की लाइफलाइन है. 105 वर्ष पुरानी बिलीमोरा-वघई नैरो गेज ट्रेन में यात्रा करना बेहद खूबसूरत अनुभव है.
गुजरात राज्य के नवसारी जिले के बिलिमोरा नाम के एक छोटे शहर से चल कर गुजरात के दक्षिणी हिस्से वघई तक एक नैरो गेज ट्रेन चलाई जाती है. ये ट्रेन वघई आदिवासी बाहुल क्षेत्र में लोगों की लाइफलाइन है. 105 वर्ष पुरानी बिलीमोरा-वघई नैरो गेज ट्रेन में यात्रा करना बेहद खूबसूरत अनुभव है.
दिन में दो बार चलती है ट्रेने
दिन में दो बार अपने निर्धारित समय पर चलती है. इस ट्रेन में टिकट बेचने का काम गार्ड का ही है. सारी टिकट बिकने के बाद ही गार्ड ट्रेन को आगे चलाने के निर्देश देता है.
ट्रेन से आपको दिखेंगे बेहद खूबसूरत नजारे
इस ट्रेन में पांच कोच हैं और ये 20 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलती है. इसका ट्रैक लगभग 63 किलोमीटर लम्बा है. ये ट्रेन बेहद खूबसूरत प्राकृतिक खूबसूरती के बीच होकर गुजरती है. रास्ते में एक नेशनल पार्क भी पड़ता है.
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रास्ते में पड़ेंगे ये नौ स्टेशन
बिलीमोरा-वघई नैरो गेज ट्रेन रास्ते में नौ स्टेशनों पर रुकती है. इन स्टेशनों में गांद्वी, चिखली रोड, रैंकवा, ढोलिकुआ, अनवल, उनाई, वांसा रोड, केवड़ी रोड, काला अम्बा, डुंग्डा और वघई रोड स्टेशन शामिल हैं. रास्ते में कई क्रासिंग पड़ती है पर वहां ट्रेन में मौजूद व्यक्ति ही क्रासिंग बंद करता है और खोलता है. इस ट्रेन में 1937 में डीजल इंजन लगाया गया है.
06:30 AM IST