मध्य रेलवे के टिकट चेकिंग रेवेन्यू में 136% की बढ़ोतरी, 23.20 लाख मामलों में वसूला गया 154.57 करोड़ रुपये का जुर्माना
Indian Railways Ticket Checking Revenue: भारतीय रेल के मध्य रेलवे जोन ने 1 अप्रैल से 20 सितंबर 2022 की अवधि के दौरान 154.57 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड टिकट जांच राजस्व अर्जित किया है.
मध्य रेलवे के टिकट चेकिंग रेवेन्यू में 136% की बढ़ोतरी, 23.20 लाख मामलों में वसूला गया 154.57 करोड़ रुपये का जुर्माना (Indian Railways)
मध्य रेलवे के टिकट चेकिंग रेवेन्यू में 136% की बढ़ोतरी, 23.20 लाख मामलों में वसूला गया 154.57 करोड़ रुपये का जुर्माना (Indian Railways)
Indian Railways Ticket Checking Revenue: भारतीय रेल के मध्य रेलवे जोन ने 1 अप्रैल से 20 सितंबर 2022 की अवधि के दौरान 154.57 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड टिकट जांच राजस्व अर्जित किया है. बताते चलें कि मध्य रेलवे (Central Railway) ने पिछले साल इसी अवधि के दौरान बिना टिकट और अनियमित टिकट के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों से 65.58 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया था. मध्य रेलवे द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में अर्जित किया गया टिकट जांच राजस्व, पिछले साल के राजस्व की तुलना में 135.70 फीसदी ज्यादा है. मध्य रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय रेल के इस जोन ने पिछले साल की इसी अवधि में बिना टिकट, अनियमित टिकट और बिना बुकिंग सामान ले जाने के कुल 11.44 लाख मामले पकड़े थे. जबकि इस साल मध्य रेलवे ने ऐसे कुल 23.20 लाख मामले पकड़े हैं. ये पिछले साल की तुलना में 102.69 प्रतिशत ज्यादा है.
बिना टिकट यात्रा करने के मामलों में हुई 96.90 फीसदी की बढ़ोतरी
1 अप्रैल से 20 सितंबर 2022 की अवधि के दौरान बिना टिकट यात्रियों के कुल 20.97 लाख मामलों का पता चला, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 10.65 लाख मामले सामने आए थे. इस साल बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए मामले की संख्या पिछले साल पकड़े गए मामलों की तुलना में 96.90 फीसदी ज्यादा है. मध्य रेलवे ने पिछले साल इसी अवधि के दौरान बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से 62.71 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला था, जबकि इस साल ये जुर्माना 130.43 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 144.50 करोड़ रुपये हो गया है.
डिवीजन वाइज मामले और राजस्व
- मुंबई डिवीजन- 9.01 लाख मामले और 51.13 करोड़ रुपये का राजस्व
- भुसावल डिवीजन- 4.89 लाख मामले और 38.58 करोड़ रुपये का राजस्व
- नागपुर डिवीजन- 3.34 लाख मामले और 22.36 करोड़ रुपये का राजस्व
- सोलापुर डिवीजन- 2.72 लाख मामले और 17.59 करोड़ रुपये का राजस्व
- पुणे डिवीजन- 1.62 लाख मामले और 11.27 करोड़ रुपये का राजस्व
- मुख्यालय डिवीजन- 1.61 लाख मामले और 13.64 करोड़ रुपये का राजस्व
09:15 PM IST