कोरोना वायरस से सहमा बाजार, गिरते मार्केट में क्या SIP रोकने में है समझदारी?
मौजूदा निवेशक बाजार की इस अस्थिरता में घबराएं नहीं और अनिश्चित बाजार की वजह से निवेश न बदलें. बाजार की चाल देखकर जल्दबाजी में निर्णय न लें.
नोवेल कोरोना वायरस (Corona virus) के असर से दुनिया हलकान है. बाजार में चौतरफा अफरातफरी मची हुई है. भारत समेत दुनिया के बाजार तेजी से गिर रहे हैं. परेशानी वाली बात ये है कि अकेले चीन में 3000 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी कोरोना वायरस का अभी तक कोई तोड़ नहीं निकल पाया है.
निवेशक सहमे हुए हैं. उनके सामने सवाल है कि बाजार में बने रहें या फिर निकल जाएं. पुराने निवेश को चलता रहने दें या फिर उसे रोककर कोई नया विकल्प तलाशा जाए, इन तमाम सवालों के जवाब के लिए हमारे साथ हैं एटिका वेल्थ मैनेजमेंट के निखिल कोठारी.
बीते 28 फरवरी को भारतीय बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी. बताया जा रहा है कि साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद की यह सबसे बड़ी गिरावट है. शेयर बाजार (Stock Market) में बिकवाली हावी रही.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
ऐसे में निखिल कोठारी सलाह देते हैं कि मौजूदा निवेशक बाजार की इस अस्थिरता में घबराएं नहीं और अनिश्चित बाजार की वजह से निवेश न बदलें. बाजार की चाल देखकर जल्दबाजी में निर्णय न लें. क्योंकि, पोर्टफोलियो में बदलाव लंबी अवधि के लिए हानिकारक हो सकता है. हमेशा लंबी अवधि में इक्विटी में निवेश फायदेमंद होता है और निवेश जारी रखने पर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है.
गिरते बाजार में क्यों ना रोकें SIP? जानने के लिए देखिए #MoneyGuru https://t.co/WP9IDav2Dr
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 2, 2020
गिरते बाजार में नया निवेशक
नए निवेशक को जरूर सतर्क रहना चाहिए. बाजार की अस्थिरता में सावधान रहें. क्योंकि, निवेश में जागरूकता ही बचाव है. कभी भी छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से न घबराएं और लंबी अवधि का लक्ष्य निर्धारित करें.
निवेश जारी रखने का फायदा
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) वाले निवेशक जरूर सोच रहे होंगे कि गिरते बाजार में उन्हें सिप (SIP) जारी रखना चाहिए या बंद कर देना चाहिए. मार्केट एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बाजार की अस्थिरता में SIP न रोकें. क्योंकि ऐसे में कम नेट असेट वैल्यू (Net asset value-NAV) में ज्यादा यूनिट खरीदने का फायदा मिलता है. सिस्टमैटिक निवेश लंबी अवधि के लिए फायदेमंद होता है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
SIP से हमेशा कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. गिरते बाजार में रूपी कॉस्ट एवरेजिंग (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है.
रूपी कॉस्ट एवरेजिंग
रूप कॉस्ट एवरेजिंग निवेश का एक अप्रोच है. आप तय अवधि पर कुछ निवेश करते हैं. जब कीमत कम तब ज्यादा निवेश होता है और जब कीमत ज्यादा तो कम खरीदारी होती है. कुछ समय के लिए बाजार का मिजाज बिगड़ता है. SIP मेथड रूपी कॉस्ट एवरेजिंग पर काम करता है. इसमें निवेश बनाए रखते हैं तो गिरावट का ज्यादा असर नहीं होता है.
08:32 PM IST