प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का नाम सुनते ही भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले फंड के तौर पर उभर कर आता है. प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट खाताधारक के नाम से खोला जाता है लेकिन इसका मेंटेनेंस या बदलाव की जिम्मेदारी सरकारी निकायों के पास होती है. इसमें सब्सक्राइबर एक तय रकम हर महीने निवेश करता है. यह फंड जीवन में काफी मददगार होते हैं. इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड का प्रबंधन करने वाला सरकारी संस्थान ईपीएफओ ने ट्विटर पर भी इसके फायदे भी गिनाए हैं
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तीन तरह के होते हैं प्रोविडेंट फंड
प्रोविडेंट फंड मुख्य तौर पर तीन तरह के होते हैं. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF). तीनों में बहुत अंतर होता है. सरकार समय-समय पर तीनों की ब्याज दर में बदलाव करती है. जनरल प्रोविडेंट फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है.
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ज्यादा ब्याज मिलता है
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इसके फायदे बताए हैं. इसमें कहा गया है कि पीएफ बचत पर आपको ज्यादा ब्याज मिलता है. साथ ही आपको EPS'95 के तहत आजीवन पेंशन भी मिलती है.
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प्रोविडेंट फंड पर टैक्स छूट
अगर आप प्रोविडेंट फंड के सब्सक्राइबर हैं तो आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी (80C) के तहत इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है.
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विपरीत समय में एडवांस निकासी की सुविधा
प्रोविडेंट फंड में किए गए निवेश में से आपको कोरोनावायरस जैसी महामारी, बेरोजगारी या तत्काल नौकरी छूटने पर आपको नियमानुसार एडवांस में पैसे निकालने की भी सुविधा मिलती है.
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नॉमिनी को मिलता है भुगतान
इस फंड के अकाउंट होल्डर की दुर्भाग्ययवश मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को मिनिमम तय राशि का भुगतान प्रोविडेंट फंड का मैनजेमेंट करने वाल सरकारी संस्थान की तरफ से किया जाता है.
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