आपके PF के पैसे से जुड़ी बड़ी खबर! 10% हो सकता है आपका EPF कंट्रीब्यूशन! फैसला जल्द
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Feb 04, 2020 12:53 PM IST
बजट में केंद्र सरकार ने आपके पैसे से जुड़े कई प्रावधान किए हैं. आने वाले दिनों में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को भी संशोधित किया जा सकता है. इसके अलावा अब आपके पीएफ के पैसे से जुड़ा नियम भी बदल सकता है. दरअसल, EPFO जल्द ही आपके प्रोविडेंट फंड के कंट्रीब्यूशन को घटा सकता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड (PF) में कटने वाला हिस्सा कम हो सकता है. इसे 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जा सकता है.
1/6
कम हो सकता है पीएफ कंट्रीब्यूशन
सूत्रों के मुताबिक, EPFO की तरफ से इस दिशा में काम किया जा रहा है. नए नियम में एम्प्लॉई को यह अधिकार दिया जा सकता है कि वह अपने 12 फीसदी हिस्से को घटाकर कम कर सकें. हालांकि, इस न्यूनतम लिमिट क्या होगी यह अभी तय नहीं है. लेकिन, नए नियम का असर कंपनी पर नहीं होगा. कंपनी को प्रोविडेंट फंड में 12 फीसदी ही जमा करना होगा.
2/6
क्या है नया नियम?
नए नियम का मकसद है कि कर्मचारी के हाथ में ज्यादा सैलरी जाए. कर्मचारी के पास अधिकार होगा कि वह अपनी सैलरी से कम पीएफ योगदान दे. मतलब 12 फीसदी के मुकाबले 10 फीसदी पीएफ की राशि कटेगी. इसके साथ ही कर्मचारी को सैलरी कंपोनेंट में दूसरा विकल्प दिया जा सकता है. वह किसी और स्कीम में निवेश कर सके. इसमें नई पेंशन स्कीम का कंपोनेंट जोड़ा जा सकता है. केंद्रीय कैबिनेट से सोशल सिक्योरिटी कोड बिल को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. यह नियम भी उसी बिल का हिस्सा होगा. हालांकि, इसे नोटिफाई करने के लिए संसद में बिल पेश करना होगा. बजट सत्र के दूसरे फेज में यह बिल पेश हो सकता है.
TRENDING NOW
3/6
क्या होगा फायदा?
प्रोविडेंट फंड के हिस्से को कम करने से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी (हाथ में आने वाली सैलरी) बढ़ जाएगी. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार का मकसद है कि लोगों को उनके हाथ में ज्यादा पैसा मिले. इससे खर्च करने की क्षमता में इजाफा होगा. हालांकि, प्रोविडेंट फंड का नया नियम चुनिंदा सेक्टर्स पर ही लागू होगा. सूत्रों के मुताबिक, नए नियम में प्रोविडेंट फंड का हिस्सा 10 फीसदी हो सकता है. लेकिन, नियोक्ता (एम्प्लॉयर) का हिस्सा 12 फीसदी ही रहेगा.
4/6
क्या होगा नुकसान?
5/6
अभी क्या है नियम?
मौजूदा नियम के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का 12-12 फीसदी अंशदान (Contribution) होता है. ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों को बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने प्रोविडेंट फंड में जमा करना होता है. अब नए नियम में इसे थोड़ा सरल बनाया जा रहा है. खासकर MSME, टेक्सटाइल और स्टार्टअप्स जैसे सेक्टर्स के लिए नए नियम को लागू किया जा सकता है. लेकिन, दूसरे सेक्टर्स में इसका कितना असर होगा, यह बिल आने के बाद पता चलेगा.
6/6