Mutual Fund में आपने भी किया है निवेश? स्कीम से कब निकालना चाहिए पैसा
When should redeem mutual fund schemes: कुछ ऐसी भी हालात बनते हैं, जब एक्सपर्ट निवेशकों को म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की सलाह देते हैं.
(Representational)
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Mutual Fund Investment Tips: म्यूचुअल फंड को लेकर हमेशा यह कहा जाता है कि लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए. निवेशकों को कभी भी अपनी SIP बंद नहीं करने की सलाह दी जाती है. निवेश को लेकर यह लॉजिक बिलकुल सटीक है कि लॉन्ग टर्म के निवेश में मार्केट के उतार-चढ़ाव की एवरेजिंग के साथ-साथ कम्पाउंडिंग का शानदार फायदा मिलता है. म्यूचुअल फंड्स की कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिनमें निवेशकों को डबल, ट्रिपल या इससे भी ज्यादा रिटर्न मिला है. लेकिन, कुछ ऐसे भी हालात बनते हैं, जब एक्सपर्ट निवेशकों को म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने (Mutual fund redemption) की सलाह देते हैं.
जब पड़ जाए इमरजेंसी
वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी Fintoo के सीईओ मनीष पी. हिंगर का कहना है कि अचानक कोई इमरजेंसी आ जाए और आपके पास पर्याप्त फंड नहीं हो, तो आप अपना फंड रिडीम कराकर पैसे का इस्तेमाल अपनी जरूरत पूरी करने के लिए करें. हालांकि, यहां एक सलाह यह भी है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को रिडीम कराने से पहले एकबार अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श करें. क्योंकि अगर आपकी स्कीम में डेट और इक्विटी फंड शामिल हैं, तो पहले आपको डेट फंड रिडीम कराना चाहिए. दूसरी अहम बात यह कि आपको अंडरपरफॉर्मिंग फंड्स की पहचान कर उसे पहले रिडीम कराना चाहिए. क्योंकि, आपको अपने बेहतर प्रदर्शन वाले फंड का बेनेफिट आने वाले समय में मिल सकता है.
2 साल से फंड नहीं कर रहा परफॉर्म
मनीष हिंगर कहते हैं, इमरजेंसी के अलावा आप उस स्थिति में भी अपना फंड रिडीम करा सकते हैं, जब बीते 2 साल से वह परफॉर्म नहीं कर रहा हो. इसमें बेहतर सलाह यह है कि ऐसे फंड से पैसा निकालकर बेहतर ऑप्शन में निवेश करना चाहिए.
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जब लक्ष्य के करीब हो
Manish Hingar का कहना है कि जब आप अपना लक्ष्य हासिल करने के बिलुकल करीब हों, तो फंड रिडीम करने का बेहतर समय रहता है. उस समय यह सलाह दी जाती है कि इक्विटी फंड से अपना निवेश डेट फंड में लगाएं, जिससे कि आपको जो गेन हुआ है वह सेफ रहे और मार्केट के उतार-चढ़ाव का उस पर असर न हो.
एडवाइजर से सलाह लेना न भूलें
मनीष हिंगर कहते हैं, जब अभी आप फंड से बाहर निकलने या पार्शियल रिडम्शन का फैसला करें, उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श जरूर कर लें. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको फंड से बाहर निकलने का चार्ज (एग्जिट लोड) और टैक्सेशन के बारे में समझने में आसानी होगी. क्योंकि, अगर आपने इसमें जल्दबाजी दिखाई को आपको अपने फंड से हुए लाभ का एक बड़ा खर्च चार्जेज और टैक्स में खर्च करना पड़ जाएगा.
05:08 PM IST