नौकरी खो देना किसी के लिए भी एक बड़ा झटका हो सकता है. ये न सिर्फ आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर डालता है, बल्कि अगर आप पर होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन जैसी EMIs का बोझ हो, तो स्थिति और भी टेंशन वाली हो जाती है. ऐसे में घबराना स्वाभाविक है, लेकिन सही जानकारी और स्मार्ट प्लानिंग से आप इस मुश्किल से निकल सकते हैं. आइए जानते हैं 5 ऐसे तरीके जिनसे आप नौकरी छूटने पर भी अपनी लोन की EMIs को समझदारी से मैनेज कर सकते हैं.
1. इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करें
सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात, अगर आपके पास इमरजेंसी फंड है, तो ये ही आपका सबसे बड़ा सहारा है. इमरजेंसी फंड वो पैसा होता है जिसे आप ऐसी अचानक से आई फाइनेंशियल दिक्कतों से निपटने के लिए बचाकर रखते हैं.
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कैसे काम करता है?
आमतौर पर, एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि आपके पास कम से कम 3 से 6 महीने के रोज़मर्रा के खर्चों के बराबर का इमरजेंसी फंड होना चाहिए.
मान लीजिए आपकी कुल मासिक EMI 30,000 रुपये है और आपके अन्य खर्चे 20,000 रुपये हैं. तो आपका कुल मासिक खर्च 50,000 रुपये हुआ. अगर आपके पास 3 महीने का फंड है, तो आपके पास 1,50,000 रुपये (50,000 * 3) होने चाहिए.
फायदे
- आपको तुरंत वित्तीय राहत मिलती है.
- आपको नई नौकरी ढूंढने के लिए तनाव-मुक्त समय देता है.
- आपको EMI चुकाने के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब होने से बच जाता है.
नुकसान
- अगर नौकरी मिलने में ज़्यादा समय लगता है, तो फंड खत्म हो सकता है.
- अगर ये फंड किसी निवेश में है, तो आपको उसे लिक्विडेट करना पड़ सकता है.
2. बैंक या वित्तीय संस्थान से बात करें
बहुत से लोग नौकरी छूटने पर बैंक से बात करने में हिचकिचाते हैं. लेकिन ये सबसे महत्वपूर्ण कदम है. बैंक भी नहीं चाहते कि आप डिफॉल्ट करें, इसलिए वे अक्सर आपके साथ मिलकर कोई समाधान निकालने को तैयार रहते हैं.
क्या प्रस्ताव मिल सकते हैं?
मोराटोरियम
बैंक आपको कुछ महीनों के लिए EMI चुकाने से छूट दे सकता है. ये एक अस्थायी राहत होती है, जिसके दौरान आपको EMI नहीं देनी होती. हालांकि, इस दौरान आपके लोन पर ब्याज लगना जारी रहता है, जिससे आपकी कुल लोन राशि थोड़ी बढ़ सकती है या लोन की अवधि लंबी हो सकती है.
उदाहरण
अगर आपकी EMI 20,000 रुपये है और बैंक 3 महीने का मोराटोरियम देता है, तो आपको इन 3 महीनों में EMI नहीं देनी होगी. लेकिन चौथे महीने से आपकी EMI फिर से शुरू हो जाएगी, और आपकी लोन अवधि या कुल चुकाई जाने वाली राशि में थोड़ा बदलाव आ सकता है.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग
इसमें आपके लोन की शर्तों में बदलाव किया जाता है. आपकी EMI कम करने के लिए बैंक लोन की अवधि बढ़ा सकता है.
उदाहरण
अगर आपका पर्सनल लोन 5 साल के लिए 20,000 रुपये की EMI पर चल रहा है, तो बैंक इसे 7 साल का कर सकता है, जिससे आपकी मासिक EMI घटकर 15,000 रुपये हो सकती है. हालांकि, इससे आपको कुल मिलाकर ज़्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है.
ब्याज दर कम करना
कुछ विशेष परिस्थितियों में, बैंक अस्थायी रूप से आपकी ब्याज दर कम कर सकता है, जिससे आपकी EMI घट जाएगी. ये आमतौर पर तभी होता है जब बैंक को लगे कि आप जल्द ही सामान्य स्थिति में आ जाएंगे.
कैसे करें आवेदन?
- अपने बैंक से तुरंत संपर्क करें.
- अपनी स्थिति के बारे में ईमानदारी से बताएं.
- नौकरी छूटने का प्रमाण (जैसे टर्मिनेशन लेटर) और अपनी आय के अन्य स्रोतों के बारे में जानकारी दें.
फायदे
- EMI का बोझ कम हो सकता है.
- डिफॉल्ट से बचकर आप अपने क्रेडिट स्कोर को बचा सकते हैं.
- बैंक डिफॉल्ट के मामले में कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं.
नुकसान
- मोराटोरियम या अवधि बढ़ाने से कुल चुकाया जाने वाला ब्याज बढ़ सकता है.
- कुछ मामलों में, लोन रीस्ट्रक्चरिंग का उल्लेख आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर हो सकता है, जो भविष्य में लोन लेने पर असर डाल सकता है.
3. अपनी संपत्ति को लिक्विडेट करें या गिरवी रखें
अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं है और बैंक से भी कोई खास मदद नहीं मिल रही, तो अपनी कुछ संपत्तियों को लिक्विडेट करने या गिरवी रखने का विकल्प भी मौजूद है.
क्या लिक्विडेट कर सकते हैं?
- सोना: सोने पर आसानी से लोन मिल जाता है या उसे बेचा जा सकता है.
- शेयर या म्यूचुअल फंड: अगर आपने निवेश किया है, तो उन्हें बेचकर पैसा जुटाया जा सकता है. हालांकि, बाजार की स्थिति देखकर ही ये फैसला लें, ताकि आपको नुकसान न हो.
- FD (फिक्स्ड डिपॉजिट): अगर आपके पास FD है, तो उसे तोड़कर पैसा निकाल सकते हैं. इस पर कुछ पेनल्टी लग सकती है.
- जीवन बीमा पॉलिसी (अगर इसमें कैश वैल्यू है): कुछ एंडोमेंट या ULIP पॉलिसी में कैश वैल्यू होती है, जिसे आप लोन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं या सरेंडर कर सकते हैं.
क्या गिरवी रख सकते हैं?
- सोना: गोल्ड लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इस पर ब्याज दर पर्सनल लोन से कम होती है.
- शेयर/म्यूचुअल फंड: आप अपनी सिक्योरिटीज के बदले लोन ले सकते हैं.
- प्रॉपर्टी: अगर आप पर पहले से होम लोन नहीं है, तो आप अपनी प्रॉपर्टी पर लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) ले सकते हैं.
फायदे
- तुरंत नकद: आपको तुरंत पैसे मिल जाते हैं.
- EMI का भुगतान: आप अपनी EMI का समय पर भुगतान कर सकते हैं.
नुकसान
- निवेश में नुकसान: अगर आप घाटे में बेचते हैं तो नुकसान हो सकता है.
- ब्याज का बोझ (गिरवी रखने पर): गिरवी रखने पर आपको उस पर ब्याज देना होगा.
- संपत्ति खोने का जोखिम: अगर आप गिरवी रखी गई चीज़ का भुगतान नहीं कर पाते, तो वो खो सकती है.
4. अन्य स्रोतों से आय अर्जित करें
नौकरी छूटने का मतलब ये नहीं कि आय के सभी रास्ते बंद हो गए हैं. इस समय का उपयोग वैकल्पिक आय स्रोत तलाशने में करें.
क्या कर सकते हैं?
- फ्रीलांसिंग: अगर आपके पास कोई विशेष कौशल है (जैसे लिखना, ग्राफिक डिज़ाइन, वेब डेवलपमेंट), तो आप फ्रीलांस प्रोजेक्ट ले सकते हैं.
- कंसल्टेंसी: अपने अनुभव के आधार पर सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं.
- ट्यूशन/ऑनलाइन टीचिंग: अगर आप किसी विषय में माहिर हैं, तो आप छात्रों को पढ़ा सकते हैं.
- अस्थायी या पार्ट-टाइम नौकरी: कम समय के लिए कोई पार्ट-टाइम या कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी ढूंढ सकते हैं.
- गिग इकोनॉमी: राइड-शेयरिंग, डिलीवरी सर्विसेज या ऑनलाइन टास्क जैसी चीज़ों से पैसे कमा सकते हैं.
फायदे
- भले ही आमदनी कम हो, लेकिन ये EMI चुकाने में मदद करेगी.
- आप नए स्किल्स विकसित कर सकते हैं या मौजूदा कौशल को निखार सकते हैं. ये आगे भी आपके काम आएगा.
- आपको दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.
नुकसान
- फ्रीलांसिंग या पार्ट-टाइम काम में आय निश्चित नहीं होती.
- वैकल्पिक आय स्रोत बनाने में समय और मेहनत लगती है.
5. खर्चों में कटौती करें और बजट बनाएं
जब आय कम हो, तो खर्चों पर नियंत्रण रखना सबसे ज़रूरी है. एक कठोर बजट बनाना और गैर-ज़रूरी खर्चों में कटौती करना आपको वित्तीय रूप से मज़बूत बना सकता है.
क्या करें?
- ज़रूरी और गैर-ज़रूरी खर्चों की पहचान: एक लिस्ट बनाएं जिसमें आपके सभी खर्चे हों. फिर तय करें कि क्या ज़रूरी है (जैसे खाना, किराया, EMI) और क्या गैर-ज़रूरी (जैसे बाहर खाना, मनोरंजन, सब्सक्रिप्शन).
- गैर-ज़रूरी खर्चों में कटौती: जिम मेंबरशिप कैंसिल करें, कम बार बाहर खाएं, ऑनलाइन शॉपिंग कम करें, महंगी हॉबीज़ पर रोक लगाएं.
- ईंधन और बिजली की बचत: छोटे-छोटे तरीकों से बिजली और ईंधन बचाएं.
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करें: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि ये आपको और ज़्यादा कर्ज में धकेल सकता है.
- सख्त बजट बनाएं: हर महीने के लिए एक सख्त बजट बनाएं और उसका ईमानदारी से पालन करें.
- लोन रीपेमेंट के लिए प्राथमिकता तय करें: तय करें कि कौन से लोन सबसे पहले चुकाने हैं (जैसे ज़्यादा ब्याज वाले पर्सनल लोन).
फायदे
- खर्च कम होने से आपके पास EMI के लिए ज़्यादा पैसा बचेगा.
- आप वित्तीय रूप से अधिक अनुशासित बनेंगे.
- ये मुश्किल समय आपको बचत का महत्व सिखाएगा.
नुकसान
आपको अपनी जीवनशैली में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं, जो शुरुआत में मुश्किल लग सकते हैं.