Income tax विभाग ने मेल भेज कर मांगी ये जानकारी, रिफंड को लेकर कही ये बात
आयकर विभाग (Income tax department) ने 1.72 लाख आयकरदाताओं को इमेल भेजकर बकाया टैक्स डिमांड, टैक्स रिफंड और कर के भुगतान की स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा है.
आयरकर विभाग ने रिफंड की प्रक्रिया तेज की (फाइल फोटो)
आयरकर विभाग ने रिफंड की प्रक्रिया तेज की (फाइल फोटो)
आयकर विभाग (Income tax department) ने 1.72 लाख आयकरदाताओं को इमेल भेजकर बकाया टैक्स डिमांड, टैक्स रिफंड और कर के भुगतान की स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा है. इससे इन 1.72 लाख करदाताओं के टैक्स रिफंड को जल्द-से-जल्द रिलीज करने में मदद मिलेगी. इन करदाताओं (Taxpayers) में व्यक्तिगत करदाता, कंपनियां, स्टार्टअप (Startup) , छोटे एवं मझोले कारोबारी भी शामिल हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आठ अप्रैल से कोविड-19 से जुड़ी मौजूदा स्थिति में रिफंड के भुगतान की प्रक्रिया तेज कर दी है. विभाग के मुताबिक अब तक इसके तहत 9,000 करोड़ रुपये मूल्य के 14 लाख रिफंड का भुगतान किया जा चुका है. संकट के इस काल में व्यक्तिगत करदाताओं, अविभाजित हिन्दू परिवारों, प्रोपराइटर्स, कंपनियों, कॉरपोरेट, स्टार्टअप और MSMEs को ये रिफंड जारी किए गए हैं.
विभाग ने मांगी ये जानकारी
CBDT ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऐसे करदाताओं से इमेल के जरिए स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो टैक्स रिफंड के पात्र हैं लेकिन उनके ऊपर टैक्स भी बकाया है, जिसका उन्हें भुगतान करना है. CBDT ने अपने बयान में कहा है, ''विभाग आयकरदाताओं को एक मौका दे रही है ताकि वे टैक्स डिमांड का भुगतान करें या पेमेंट कर चुके हैं तो उस संबंध में आयकर विभाग को सूचित करें.
बकाया डिमांड की जानकारी देती है
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि आयकरदाताओं को बकाया डिमांड के बारे में जानकारी देनी है. आयकरदाताओं को यह बताना है कि क्या उन्होंने बकाया डिमांड का भुगतान कर दिया है या किसी अपीलीय प्राधिकरण ने इस संबंध में कोई स्टे लगाया हो तो उसकी जानकारी देनी है, ताकि विभाग रिफंड प्रोसेस (Refund process) करते समय रिफंड की राशि में से बकाया टैक्स को ना घटाए.
इन खबरों को बताया गलत
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सोशल मीडिया (social media) पर फैलाई जा रही उन सूचनाओं को पूरी तरह से निराधार एवं तथ्यात्मक दृष्टि से गलत बताया है जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि आयकर विभाग वसूली करने में जुट गया है और स्टार्ट-अप्स की बकाया मांगों को समायोजित करके उन्हें मजबूर करने के तरीकों का उपयोग कर रहा है.
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ई मेल भेजे जाने पर सीबीडीटी ने दिया ये स्पष्टिकरण
सीबीडीटी ने कहा कि उसके द्वारा भेजी गई ईमेल को उत्पीड़न के रूप में गलत नहीं ठहराया जा सकता है जिनमें उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है जो कर रिफंड पाने के हकदार हैं, लेकिन उन्हें बकाया कर का भुगतान भी करना है. ये ईमेल लगभग 1.72 लाख करदाताओं को भेजी गई हैं जिनमें करदाताओं के सभी वर्ग शामिल हैं - व्यक्ति से लेकर एचयूएफ तक एवं फर्मों से लेकर स्टार्ट-अप सहित बड़ी या छोटी कंपनियों तक. अत: यह कहना गलत है कि स्टार्ट-अप को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है.
06:25 PM IST