कोरोना वायरस का इलाज भी हो सकेगा कैशलेस, IRDAI ने बनाया यह प्लान
बीमा नियामक IRDAI (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) ने बीमा कंपनियों (Insurance Companies) से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस (CoronaVirus) के इलाज का खर्च भी ‘कवर’ हो.
देश में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है. (Dna)
देश में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है. (Dna)
बीमा नियामक IRDAI (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) ने बीमा कंपनियों (Insurance Companies) से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस (CoronaVirus) के इलाज का खर्च भी ‘कवर’ हो. दुनियाभर में कोरोना वायरस से हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं. जरूरत आधारित स्वास्थ्य बीमा कवर (Health Insurance cover) उपलब्ध कराने के तहत बीमा कंपनियां विभिन्न उत्पादों से संबंधित बीमारियों के लिए उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं. इनमें मच्छरों आदि से होने वाली बीमारियां शामिल हैं. देश में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है.
बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें. IRDAI ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 (Covid 19) से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए.
बता दें कि इरडा ने पहले ही कंपनियों से कहा है कि वे हेल्थ इंश्योरेंस में शामिल नहीं होने वाली बीमारियों के लिए कवर का प्रावधान करें. बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारियां जैसे, घुटने की कैप रिप्लेसमेंट (Knee Replacement), मोतियाबिंद सर्जरी (Cataract), अल्जाइमर (Alzhiemer) और पार्किंसन्स (Parkinson) जैसे रोग, जिन्हें पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर रखा गया था, अब बीमा कंपनी द्वारा कवर किया जाएगा. इरडा ने सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को 1 अक्टूबर, 2019 से बदलावों को लागू करने और 1 अक्टूबर 2020 तक मौजूदा उत्पादों में सुझाए गए बदलावों को अपडेट करने का निर्देश दिया है.
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इरडा के मुताबिक किसी खतरनाक जगह पर काम करने के कारण होने वाली किसी भी बीमारी, कृत्रिम जीवनशैली, मानसिक बीमारी के उपचार और आंतरिक जन्मजात बीमारियों जैसे सभी स्थायी अपवादों को एक नियमित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा.
इरडा ने अब अपवादों की एक सूची तैयार की है और केवल सूचीबद्ध बीमारियों को ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर रखा जाएगा. इसका मतलब यह है कि अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सभी संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के लिए कवर करने वाला एक संपूर्ण उत्पाद होगा.
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, आज तक किसी भी स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अपवादों यानी एक्सक्लुजन (शामिल न की जाने वाली बीमारियां) का कोई मानकीकरण या पूर्व-निर्धारित प्रारूप नहीं था. नए दिशा-निर्देशों के साथ, हेल्थ इंश्योरेंस कवर में सभी एक्सक्लुजन अब पॉलिसी के नियमों और शर्तो के अनुसार पूरी तरह से मानकीकृत होंगे. इससे पहले, हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज में सभी बीमा कंपनियों के बीच एक्सक्लुजन तय नहीं थे और एक बीमा कंपनी से दूसरे के बीच व्यापक रूप से भिन्न थे. इससे पॉलिसीधारकों में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी.
पॉलिसी बाजार के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रमुख अमित छाबड़ा ने कहा, "अब आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में वयस्क व्यवहार और न्यूरोडेवलपमेंट विकार, युवावस्था शुरू होने और रजोनिवृत्ति से संबंधित विकार और आनुवंशिक रोग भी शामिल किए गए हैं जो कि पहले नहीं थे."
04:59 PM IST