बैंक एफडी से करीब 4% ज्यादा रिटर्न दे रही हैं ये दो फाइनैंस कंपनियां, जानिए क्या हैं फायदे-नुकसान?
इस समय बाजार में दो ऐसे NCDs हैं और ये 10.50% से लेकर 11% तक रिटर्न दे रहे हैं.
एनसीडी में निवेश करके एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न पाया जा सकता है (फोटो- Pixabay)
एनसीडी में निवेश करके एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न पाया जा सकता है (फोटो- Pixabay)
सभी अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा निवेश पाना चाहते हैं, लेकिन साथ ही अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित करने की चाहत भी सभी में होती है. इसलिए ज्यादातर लोग बैंक एफडी को पसंद करते हैं. लेकिन बैंक एफडी (Bank FD) से मिलते जुलते निवेश के कुछ साधन और भी हैं, जहां निवेश पर जोखिम कम होता है और रिटर्न अधिक. नॉन कन्वर्टेबल डेबेंचर्स (NCDs) निवेश का ऐसा ही साधन है, हालांकि इसके फायदे और नुकसान को अच्छी तरह समझकर ही निवेश करना चाहिए. इस समय बाजार में दो ऐसे NCDs हैं और ये 10.50% से लेकर 11% तक रिटर्न दे रहे हैं.
इंडियाबुल्स फाइनैंस एनसीडी
इंडियाबुल्स फाइनैंस अपने एनसीजी पर प्रतिवर्ष 10.75% से 11% रिटर्न दे रहा है और इसकी अवधि 2 साल से 5 साल तक है. इस तरह एफडी की तुलना में करीब 4 प्रतिशत ज्यादा रिटर्न है. इसमें 4 मार्च तक निवेश किया जा सकता है. इस एनसीडी में न्यूनतम 10 हजार रुपये का निवेश किया जा सकता है. इस ऑफर को बीडब्ल्यूआर ने AA+ रेटिंग दी है.
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मन्नापुरम फाइनैंस लिमिटेड एनसीडी
मन्नापुर फाइनैंस लिमिटेड के एनसीडी में 10.15 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की जा रही है और इसमें न्यूनतम 10 हजार रुपये निवेश किए जा सकते हैं. ऑफर 27 फरवरी तक खुला है. इसकी अवधि करीब 7 वर्ष की है. बीडब्ल्यूआर ने इसे AA+/Stable रेटिंग दी है.
जानिए फायदे और नुकसान
एनसीडी के जरिए कंपनियां अपनी पूंजी संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक के जगह सीधे आम लोगों से कर्ज लेती हैं. ऐसे में बैंक का मार्जिन सीधे ग्राहकों के पास चला जाता है और उन्हें अधिक ब्याज मिलता है. लेकिन बैंकों के रेग्युलेशन सख्त होने के चलते आपका पैसा अधिक सुरक्षित रहता है, जबकि किसी कंपनी भले को कर्ज देते समय उसके कारोबारी जोखिमों का असर आपके निवेश पर पड़ सकता है. हालांकि ये बात सही है कि एनसीडी के तहत कंपनियां ब्याज सहित पूरी राशि चुकाने के लिए वचनबद्ध हैं.
एनसीडी दो तरह की होती हैं. पहली सिक्योर्ड और दूसरी नॉन सिक्योर्ड. सिक्योर्ड एनसीडी के तहत कंपनियां अपनी कुछ अचल संपत्ति रिजर्व रखती हैं कि यदि किसी वजह से व्यापार में घाटा होता है, तो रिजर्व संपत्ति को बेचकर निवेशकों उनकी रकम दी जाती है. ऊपर दोनों एनसीडी सिक्योर्ड हैं. हालांकि फिर भी कंपनियों के प्रदर्शन से आपका निवेश प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता. इस जोखिम को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए.
07:35 PM IST