Income tax alert; यहां से इजाजत मिलने के बाद ही पड़ेगा IT छापा
Income tax अफसर अब टैक्स रिकवरी में टैक्सपेयर पर किसी तरह की सख्ती नहीं कर पाएंगे. उन्हें सर्वे (छापे) की कार्रवाई के लिए कमिश्नर लेवल के स्तर की इजाजत लेनी होगी.
Income tax अफसर अब टैक्स रिकवरी में टैक्सपेयर पर किसी तरह की सख्ती नहीं कर पाएंगे. उन्हें सर्वे (छापे) की कार्रवाई के लिए कमिश्नर लेवल के स्तर की इजाजत लेनी होगी. CBDT ने इसका निर्देश जारी कर दिया है.
CBDT के मुताबिक जहां कहीं भी विभाग की जांच करने वाले केन्द्रीय सर्किल, अंतरराष्ट्रीय सर्किल, NEAC (राष्ट्रीय ई- आकलन केन्द्र) और राष्ट्रीय चेहरा रहित आकलन केन्द्र (NFAC) के तहत सर्वे की कार्रवाई की जरूरत है, उसके लिए पहले उच्च स्तरीय अधिकारियों के एक समूह द्वारा मंजूरी जरूरी होगी. यह निर्देश धारा 133A के तहत जारी किया गया है.
CBDT ने टैक्सेशन और दूसरे कानून (कुछ प्रावधानों में राहत और संशोधन) अधिनियम 2020 प्रभावी बनाते हुए यह कदम उठाया है. आयकर सर्वे (छापे) के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जाकर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं. आयकर कानून की धारा 1A के तहत TDS निदेशालय द्वारा कोई सर्वे उसके खुद के अधिकारी द्वारा ही किया जाएगा.
CBDT के मुताबिक जहां क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (CCIT) या मुख्य आयकर आयुक्त (TDS) पर TDS सर्किल का जिम्मा है, ऐसे मामले में सर्वे की कारवाई का काम क्षेत्र के आयुक्त (TDS) द्वारा मंजूर किया जाना चाहिए. जैसा भी मामला हो उसके तहत सर्वेक्षण का काम TDS निदेशालय के अधिकारियों द्वारा किया जाना चाहिए.
CBDT के मुताबिक सर्वे का काम केवल जांच विभाग के अधिकारियों या TDS निदेशालय के अधिकारियों द्वारा होना चाहिए. यह कदम तभी उठाया जाना चाहिए जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका.
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CBDT ने यह भी कहा कि प्रधान आयकर आयुक्त या TDS निदेशालय के आयुक्त या जांच विभाग की टीम को इस बात का ध्यान रखना चाहिये सर्वे तय सीमा के आगे नहीं होना चाहिये.
11:30 AM IST