Retirement Planning: किस तरह से करें रिटायरमेंट प्लानिंग कि बुढ़ापा एकदम आराम से कटे, यहां जानिए
अगर आप अगर 25 से 30 की उम्र के बीच ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देंगे, तो बुढ़ापे में तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से फंड इकट्ठा कर सकते हैं.
कहा जाता है कि किसी भी शख्स को अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग पहली सैलरी के साथ शुरू कर देनी चाहिए. लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो 30 से पहले रिटायरमेंट प्लानिंग के बारे में कुछ सोचते हैं. ज्यादातर लोग 30 की उम्र से पहले जो सेविंग करते हैं, उसे घूमने-फिरने के शौक, बच्चों की एजुकेशन, मेडिकल खर्च आदि के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट दीप्ति भार्गव का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आराम से जीने के लिए लोगों को अपने मौजूदा सालाना खर्च का लगभग 30 गुना रकम जमा करना चाहिए.
ये रकम अच्छी खासी होती है. ऐसे में अगर आप अगर 25 से 30 की उम्र के बीच ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देंगे, तो बुढ़ापे में तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से फंड इकट्ठा कर सकते हैं. आप जितना लेट प्लान करेंगे, आपको उतना ही ज्यादा अग्रेसिव होकर निवेश करना होगा. ऐसे में आपकी जेब पर भी ज्यादा बोझ पड़ेगा. जानिए रिटायरमेंट के लिए फंड जोड़ने के मकसद से आपको निवेश की क्या रणनीति अपनानी चाहिए.
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सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें
रिटायरमेंट के लिए आपको कितना पैसा जोड़ना है, इसके लिए आपको एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा. इसके बाद आपको ये तय करना होगा कि आप अपने निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए कितना रिस्क ले सकते हैं. अगर आप रिस्क लेने की स्थिति में हैं, तो हाई रिटर्न वाली चीजों को टार्गेट करें. हालांकि इसमें पैसा डूबने का भी रिस्क होता है. इसलिए अपना निवेश किसी एक जगह पर नहीं, बल्कि अलग-अलग स्कीम्स में करें. रियल एस्टेट में भी आप निवेश कर सकते हैं, ये भविष्य में आपके लिए बेहतर सौदा साबित हो सकता है.
धीरे-धीरे निवेश की रकम बढ़ाएं
समय के साथ आप ग्रोथ करते हैं और आपकी आमदनी भी बढ़ती है, ऐसे में आप 20-30 साल की उम्र में रिटायरमेंट के लिए अपनी आमदनी की 20 फीसदी रकम को बचाकर उससे निवेश की शुरुआत करें. 30 से 40 साल की उम्र में 30% और 40 से 50 साल की उम्र के बीच 40% या जो भी अधिक से अधिक रकम आपकी आय और बचत के हिसाब से ठीक बैठती हो, उसे निवेश करें. लेकिन समय के साथ अपने निवेश के अमाउंट को भी बढ़ाएं. इससे आपका वेल्थ क्रिएशन तेजी से होगा.
मॉनिटरिंग
समय-समय पर अपने निवेश को मॉनिटर करते रहें. मॉनिटरिंग का फायदा ये है कि आपको इस बात का अंदाजा रहेगा कि कौन सा असेट आपको बेहतर रिटर्न दे रहा है और कौन सा लंबे समय से अच्छा रिटर्न नहीं दे पा रहा है. ऐसे में आप पैसे को निकालकर खराब निवेश विकल्प से बाहर आ सकते हैं और उस रकम को किसी दूसरी स्कीम में लगा सकते हैं.
05:35 PM IST