आप भी दे सकते हैं महंगाई को मात, इन्वेस्टमेंट में अपनाएं ये फार्मूला
महंगाई की गणना करे बिना जो रिटर्न मिलेगा, वह नॉमिनल रिटर्न होता है और महंगाई की गणना करने के बाद जो मिलता है वह रियल रिटर्न होता है. इसलिए निवेश करते समय आप जब भी लक्ष्य तय करें तो नॉमिनल रिटर्न की बजाय रियल रेट ऑफ रिटर्न देखें.
निवेश (Investment) करते समय लंबी अवधि के लिए आप जब भी लक्ष्य तय करें तो नॉमिनल रिटर्न की बजाय रियल रेट ऑफ रिटर्न देखें. (Image- Pixabay)
निवेश (Investment) करते समय लंबी अवधि के लिए आप जब भी लक्ष्य तय करें तो नॉमिनल रिटर्न की बजाय रियल रेट ऑफ रिटर्न देखें. (Image- Pixabay)
आप डेट फंड (Debt Funds) और इक्विटी फंड (Equity Fund) में अलग-अलग जगह निवेश करते हैं. और निवेश करने का एक ही लक्ष्य होता है ज्यादा रिटर्न हासिल करना. लेकिन ज्यादा रिटर्न के मुकाबले आपको रियल रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए. आपका रियल रिटर्न वह है, जो महंगाई को मात दे सके.
रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा के मुताबिक, महंगाई (Inflation) एडजस्ट करने के बाद रियल रिटर्न (Real Return) मिलता है. जैसे आज 100 रुपये निवेश किया तो 1 साल बाद 110 रुपये मिलते हैं. आज 100 रुपये में मिलने वाली चीज 1 साल बाद 108 रुपये की हो जाती है. इस तरह महंगाई के चलते आपका रियल रेट ऑफ रिटर्न 2 फीसदी का होगा.
नॉमिनल नहीं, रियल रिटर्न देखें
निवेश (Investment) करते समय लंबी अवधि के लिए आप जब भी लक्ष्य तय करें तो नॉमिनल रिटर्न की बजाय रियल रेट ऑफ रिटर्न देखें. महंगाई की गणना करे बिना जो रिटर्न मिलेगा, वह नॉमिनल रिटर्न होता है और महंगाई की गणना करने के बाद जो मिलता है वह रियल रिटर्न होता है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) September 16, 2019
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इसलिए निवेश का टारगेट तय करते वक्त हमेशा महंगाई की गणना जरूर कर लें. महंगाई आंकने के बाद ही फंड तय करें. यह निवेश और महंगाई की यह कैलकुलेशन आपको आने वाले समय में बड़ी रकम तैयार करने में मदद करेगा.
कैसे कैलकुलेट करें महंगाई
जुलाई, 2019 के CPI आंकड़ों के मुताबिक महंगाई दर 4.24 फीसदी है. व्यक्तिगत स्तर पर खर्च साल-दर-साल काफी तेजी से बढ़ते हैं. हमारे खर्चों में हर साल 10-12 फीसदी की दर से बढ़ोतरी होती है. मेडिकल खर्च भी साल-दर-साल 15-20 फीसदी बढ़ रहा है. शिक्षा का खर्च भी साल-दर-साल 10-15 फीसदी के करीब बढ़ रहा है. ऐसे में जब भी लंबी अवधि के लक्ष्य तय करें तो औसत महंगाई की गणना 8-10 फीसदी के बीच करनी चाहिए.
निवेश पर महंगाई का असर
महंगाई, पैसे से खरीदने की ताकत को कम करती है. ज्यादा महंगाई मतलब पैसे की वैल्यू कम होना है. मान लीजिए आप 20 साल बाद रिटायर होने वाले हैं. आपके हिसाब से आज रिटायरमेंट के लिए 1 करोड़ रुपये काफी हैं. मौजूदा समय में आपका मासिक खर्च 50,000 रुपये है. महंगाई अगर 8 फीसदी की दर से बढ़ती है तो 20 साल बाद 50,000 रुपये की वैल्यू 2.30 लाख रुपये होगी. इस तरह 20 साल बाद रिटायरमेंट के लिए 4.5 करोड़ रुपये का लक्ष्य सही है.
रियल रिटर्न कैसे पाएं
टारगेट के बाद रियल रिटर्न हासिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में डेट और इक्विटी का मिक्स रखें. डेट आपको सुरक्षित रिटर्न देने में मदद करेगा. डेट इंफ्लेशन (महंगाई) एडजस्ट रिटर्न नहीं दे पाएगा. इसलिए इक्विटी (Equity) में निवेश महंगाई को मात दे सकता है. लेकिन इक्विटी में ज्यादा जोखिम भी है. इसलिए डेट-इक्विटी का मिक्स सुरक्षा भी देगा और रियल रिटर्न भी.
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कहां मिलेगा रियल रिटर्न
रियल रिटर्न पाना है तो इक्विटी फंड (Equity Fund) में निवेश बेहतर होता है. म्यूचुअल फंड (Mutual fund) से इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. स्टॉक्स में भी निवेश करने का विकल्प है. ऑफिशियल स्टॉक ब्रोकर के जरिये निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे
म्यूचुअल फंड में निवेश से जोखिम विविधता मिलती है. म्यूचुअल फंड में छोटी-छोटी अवधि से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. निवेश के लिए विशेषज्ञों की राय भी मिलती है. बाजार में कई तरह की स्कीम मौजूद हैं. इसलिए लक्ष्य के मुताबिक कहीं भी निवेश कर सकते हैं. एकमुश्त और SIP निवेश भी कर सकते हैं.
08:56 PM IST