₹2000 से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन पर देना पड़ेगा GST? क्या सच में सरकार ने कर दिया ये ऐलान
GST on UPI transactions: सोशल मीडिया और कुछ प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ₹2000 से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने पर विचार कर रही है. कितना सच है ये दावा?
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07:36 PM IST
GST on UPI transactions: सोशल मीडिया और कुछ प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ₹2000 से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने पर विचार कर रही है. हालांकि, सरकार ने इन दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि यह खबरें पूरी तरह झूठी, भ्रामक और आधारहीन हैं. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है.
UPI पेमेंट पर नहीं हैं कोई GST
वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि GST केवल उन्हीं चार्जेस पर लगाया जाता है जो पेमेंट गेटवे या अन्य माध्यमों द्वारा लगाए जाने वाले सर्विस शुल्क (जैसे Merchant Discount Rate - MDR) से जुड़े होते हैं. लेकिन, जनवरी 2020 से CBDT ने P2M (Person to Merchant) UPI ट्रांजैक्शन पर MDR को हटा दिया है, जिसका अर्थ है कि UPI पेमेंट पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है — इसलिए जीएसटी लगाने का सवाल ही नहीं उठता.
The claims that the Government is considering levying GST on UPI transactions over ₹2,000 are completely false, misleading, and without any basis.
— CBIC (@cbic_india) April 18, 2025
👉Currently, there is no such proposal before the government.
👉GST is levied on charges, such as the Merchant Discount Rate…
UPI को बढ़ावा दे रही है सरकार
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वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट और खासकर UPI को बढ़ावा देना है. इसके तहत वित्त वर्ष 2021-22 से UPI इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है, जो विशेष रूप से कम राशि वाले P2M ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करती है.
इस योजना के तहत सरकार द्वारा अब तक दिए गए इंसेंटिव:
FY 2021-22: ₹1,389 करोड़
FY 2022-23: ₹2,210 करोड़
FY 2023-24: ₹3,631 करोड़
यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार डिजिटल भुगतान को अपनाने में छोटे व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार निवेश कर रही है.
डिजिटल पेमेंट में लीडर बन रहा भारत
ACI Worldwide की रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत 2023 में दुनिया के कुल रियल-टाइम ट्रांजैक्शनों का 49% हिस्सा रखता है, जो यह साबित करता है कि भारत डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन चुका है.
UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में भी जबरदस्त उछाल आया है – FY 2019-20 में ₹21.3 लाख करोड़ से बढ़कर मार्च 2025 तक ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. इनमें से P2M ट्रांजैक्शन ₹59.3 लाख करोड़ तक पहुंचे हैं, जो व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के बीच डिजिटल भुगतान को लेकर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.
07:36 PM IST