घर में रख सकते हैं बस इतना सोना, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी जानकारी
घर में सोना-चांदी (Gold-Silver) के गहने रखने की कोई लिमिट नहीं है. लेकिन घर पर रखे गहने के लिए इनकम का सोर्स बताना जरूरी होता है.
सरकार ने 1968 में बना गोल्ड कंट्रोल एक्ट (Gold Control Act) साल 1990 में खत्म कर दिया था. गोल्ड कंट्रोल एक्ट में गोल्ड (Gold) रखने की लिमिट तय थी.
सरकार ने 1968 में बना गोल्ड कंट्रोल एक्ट (Gold Control Act) साल 1990 में खत्म कर दिया था. गोल्ड कंट्रोल एक्ट में गोल्ड (Gold) रखने की लिमिट तय थी.
घर में सोना-चांदी (Gold-Silver) के गहने रखने की कोई लिमिट नहीं है. लेकिन घर पर रखे गहने के लिए इनकम का सोर्स बताना जरूरी होता है. नोटबंदी (Note Ban) के बाद घर पर रखे सोने का सोर्स बताना जरूरी हो गया है. 1 दिसंबर, 2016 के बाद CBDT ने ये नियम तय किए हैं.
सरकार ने 1968 में बना गोल्ड कंट्रोल एक्ट (Gold Control Act) साल 1990 में खत्म कर दिया था. गोल्ड कंट्रोल एक्ट में गोल्ड (Gold) रखने की लिमिट तय थी.
CBDT के 11 मई, 1994 के सर्कुलर में कुछ तय नियम हैं. इन नियमों के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के छापे में विवाहित महिला के पास 500 ग्राम गहने जब्त नहीं होंगे. अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम जब्त नहीं होगी. एक पुरुष के पास 100 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी (Gold Jewellery) जब्त नहीं होगी. घर में रखे सोने-चांदी के बर्तन पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
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गहनों का हिसाब रखें
आपके पास घर में लिमिट से ज्यादा ज्वेलरी (Gold Jewellery) है. तो सबसे पहले उसकी रजिस्टर्ड वैलुअर से वैल्यूएशन करवाइये. अपनी सारी ज्वेलरी की डिटेल तैयार करें और ज्वेलरी खरीदने के लिए इनकम सोर्स बताना जरूरी है.
ज्यादा गहने लगता है वेल्थ टैक्स
- बजट 2016 में वेल्थ टैक्स एक्ट खत्म कर दिया गया.
- वर्ष 2016 से पहले वेल्थ टैक्स एक्ट था.
- अब ज्यादा गहने रखने पर वेल्थ टैक्स नहीं लगता.
ITR में कब दें ज्वेलरी की जानकारी
- यदि आपकी टैक्सेबल इनकम 50 लाख से ज्यादा है.
- आपको अपनी ज्वेलरी की डिटेल ITR में देनी पड़ेगी.
- अपनी ज्वेलरी की जानकारी हमेशा अपने पास रखें.
- गहनों की रसीद हमेशा संभालकर रखें.
- IT द्वारा मांगे जाने पर ज्वेलरी के जुड़े सारे कागजात दें.
LIVE | क्या है गोल्ड रखने की लिमिट और क्या गिफ्ट में मिले सोने पर लगेगा टैक्स? #MoneyGuru में जानें क्या हैं सोने पर टैक्स के नियम? https://t.co/SUHX4A5efJ
— Zee Business (@ZeeBusiness) November 5, 2019
गोल्ड पर टैक्स का गणित
- शादी में मिले सोने पर कोई टैक्स नहीं लगता.
- गोल्ड चाहे रिश्तेदारों से मिला हो या दोस्तों से टैक्सेबल नहीं.
- शादी में मिले गोल्ड को बेचने पर टैक्स के नियम है.
- शादी में मिले गोल्ड के बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.
- गोल्ड तीन साल से पहले बेचा तो शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स.
- तीन साल के बाद बेचा तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.
- पुराने गहने को देकर नयी ज्वेलरी उसी गोल्ड से बनवाई तो टैक्स नहीं.
- पुरानी ज्वेलरी के बदले नई ज्वेलरी पर टैक्स देना पड़ेगा.
गिफ्ट में मिले गोल्ड पर टैक्स
- दुल्हन को शादी में मिली ज्वेलरी पर टैक्स नहीं लगता.
- सास-ससुर, माता-पिता से मिले गोल्ड पर टैक्स नहीं देना होता.
- सास की ज्वेलरी विरासत में मिली है तो उस पर भी टैक्स नहीं.
- गिफ्ट डीड या वसीयत में मिले गहने टैक्स के दायरा में नहीं.
जब्त हो सकते हैं गहने?
- इनकम टैक्स विभाग ज्वेलरी को जब्त कर सकता है.
- ज्वेलरी का सोर्स नहीं बताने पर IT विभाग जब्त कर सकता है.
- घर पर रखे गहनों का सोर्स नहीं बताने पर टैक्स भी लगेगा.
- IT विभाग गहने जब्त करने के साथ 138% का टैक्स भी लगाएगा.
गोल्ड कहां सुरक्षित
- गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में सोना जमा करवा सकते हैं.
- गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में 2.5% का ब्याज मिलता है.
- आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में गोल्ड नहीं गोल्ड बॉन्ड मिलता है.
- सोने के दाम में उतार-चढ़ाव नहीं चाहते तो गोल्ड बॉन्ड खरीदें.
- बच्चों के भविष्य के लिए गोल्ड से बेहतर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पर गोल्ड या उतने ही पैसे ले सकते हैं.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5% का ब्याज मिलता है.
08:06 PM IST