बजट में सरकार LTCG में दे छूट तो और मजबूत होगा बाजार, एक्सपर्ट का सुझाव
कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) दो तरह का होता है, शॉर्ट टर्म (STCG) और लॉन्ग टर्म (LTCG). इन पर टैक्स की दर भी अलग-अलग होती है.
बजट में सभी लोग लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (long Term Capital Gain Tax) को समाप्त करने की सभी लोग आशा कर रहे हैं. (Zeebiz Image)
बजट में सभी लोग लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (long Term Capital Gain Tax) को समाप्त करने की सभी लोग आशा कर रहे हैं. (Zeebiz Image)
Budget 2021: इस साल उतार-चढ़ाव से भरे सफर के बावजूद मार्केट (Share Market) ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं. मार्केट की इस चाल से कोरोना काल (Covid-19 Pandemic) की घटनाओं से निवेशकों की निराशा खुशियों में बदल गई. महामारी के मोर्चे पर भी यह साल सकारात्मक का मैसेज लेकर आया है.
अब निवेशकों के सामने बड़ा सवाल यह है कि क्या मार्केट में आया बूम लगातार जारी रहेगा या नहीं. अब जब 2021 में बाजार नए आयाम स्थापित कर रहा है, वहीं सभी निगाहें केंद्रीय बजट पर टिकी हैं. बजट से हर कोई मार्केट की रफ्तार कायम रखने के लिए प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहा है. रिटेल इनवेस्टर की टॉप उम्मीदें यह हैं.
सबसे ज्यादा चर्चा में रहे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (long Term Capital Gain Tax) को समाप्त करने की सभी लोग आशा कर रहे हैं. एलटीसीजी को लेकर सरकार पर काफी दबाव भी है.
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के निदेशक जशन अरोड़ा के मुताबिक, एक निवेशक के लिए निवेश में रिस्क होने के बावजूद रिटर्न का एक हिस्सा टैक्स में देने के लिए समझौता करना काफी पीड़ादायक होता है. इसलिए रिटेल इनवेस्टर्स को काफी उम्मीद है और उनकी ओर से यह मांग की जा रही है कि इक्विटी पर एलटीसीजी को या तो समाप्त किया सके या इसे रखने की अवधि 2 साल तक बढ़ाई जाए.
इससे निपटने का एक और तरीका इक्विटी निवेश में मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स की गणना करते हुए इंडेक्सेशन लाभ को इसमें जोड़ना है.
सेक्शन 80 डी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाएं (Section 80c Deduction)
जशन अरोड़ा कहते हैं कि इस महामारी ने हम सभी को एक बात सिखाई है कि एकाएक आने वाले मेडिकल खर्चों से निपटने के लिए हमारे पास हर समय पर्याप्त साधन रहने चाहिए.
यह भी पढ़ें- क्या होता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, अनिल सिंघवी से जानें सरल भाषा में
करदाताओं को सेक्शन 80-डी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाने की बहुत उम्मीद है. वह टैक्स के मामले में कुछ राहत चाहते हैं. क्योंकि वह अपनी मेहनत से की गई कमाई का निवेश भविष्य में मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए करना चाहते हैं, जो कभी-कभी आवश्यक निवेश की जगह अतिरिक्त उपाय की तरह लग सकता है. यह काफी अहम है क्योंकि, टैक्स कटौती से मिलने वाले लाभ को फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने की ओर मोड़ा जा सकता है.
इक्विटी में डीडीटी को हटाना
नियमित आय वाले निवेश में लगातार गिरावट आने के साथ जो निवेशक नियमित आय चाहते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई को जोखिम भरे फंड्स में निवेश करना पड़ता है इससे उन्हें निश्चित आमदनी मिलती है.
इससे उनका डर दोगुना हो गया है क्योंकि पहले तो उन्हें इक्विटी में निवेश करने का जोखिम उठाना पड़ता है. दूसरे डीडीटी में कटौती के बाद उन्हें प्राप्त होने वाली रकम से समझौता करना पड़ता है. इसलिए रिटेल निवेशक वित्त मंत्री की ओर देख रहे हैं कि वह इस बजट में इक्विटी योजना में डीडीटी को हटाएं.
क्या होता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ( What is long Term Capital Gain Tax)
जो लोग ज्यादा पैसा कमाते हैं, सरकार उनसे टैक्स (Tax) भी ज्यादा लेती है. इक्विटी, इक्विटी म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में वे ही लोग पैसा लगाते हैं जिनकी कमाई बहुत है और तमाम खर्चे करने के बाद अच्छी बचत हो जाती है. ऐसे में सरकार इस तरह के निवेश से होने वाली कमाई (Income form Investment) पर भी टैक्स लेती है. इस टैक्स को कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं.
कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) दो तरह का होता है, शॉर्ट टर्म (STCG) और लॉन्ग टर्म (LTCG). इन पर टैक्स की दर भी अलग-अलग होती है.
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
09:37 PM IST