EPF Calculator: 25 साल बाद आपके प्रोविडेंट फंड अकाउंट में कितना पैसा होगा? ऐसे करें रकम और ब्याज की पूरी कैलकुलेशन
EPF Calculator: प्रोविडेंट फंड का पैसा नौकरीपेशा के लिए काफी अहम है. लेकिन, कई लोग नौकरी छोड़ने या बदलने पर इसे निकाल लेते हैं. लंबे समय तक निवेश से मोटा फंड तैयार हो सकता है.
EPF Calculation: प्रोविडेंट फंड अकाउंट (Provident Fund Account) अच्छा सेविंग्स ऑप्शन है. EPFO करोड़ों अकाउंट होल्डर्स के खातों को मैनेज करता है. इन अकाउंट्स में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का बेसिक और डियरनेस अलाउंस मिलाकर 24 फीसदी हिस्सा डिपॉजिट होता है. हर साल इस EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज तय करती है. क्या आपको पता है कि PF अकाउंट का कैलकुलेशन (EPF calculation) कैसे किया जाता है? आमतौर पर खाताधारक यह मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड में जमा होने वाले पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता. PF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज कैलकुलेट नहीं होता है.
चेक करें कितना मिलेगा फंड
आपको हर माह सैलरी स्लिप मिलती होगी. आप अपनी सैलरी स्लिप में देख सकते हैं कि आपकी बेसिक सैलरी और डीए कितना है. हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12 फीसदी EPF अकाउंट में जाता है. कंपनी भी बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी कंट्रीब्यूट करती है. दोनों फंड को मिलाकर जो पैसा इकट्ठा होता है उस पर ब्याज मिलता है. ब्याज की समीक्षा हर साल होती है, लेकिन इसका फायदा यह है कि कंपाउंडिंग ब्याज होने से ब्याज में भी डबल फायदा होता है.
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10 हजार बेसिक सैलरी पर आपका पीएफ होगा 1.48 करोड़ रुपए
EPF मेंबर की उम्र 25 साल
रिटायरमेंट की उम्र 58 साल
बेसिक सैलरी 10,000 रुपए
इंटरेस्ट रेट 8.65%
सैलरी में इजाफा 10% (सालाना)
कुल फंड 1.48 करोड़ रुपए
15,000 बेसिक सैलरी पर कितना होगा आपका PF
EPF मेंबर की उम्र 25 साल
रिटायरमेंट की उम्र 58 साल
बेसिक सैलरी 15000 रुपए
इंटरेस्ट रेट 8.65%
सैलरी में इजाफा 10% (सालाना)
कुल फंड 2.32 करोड़ रुपए
कैसे की जाती है PF पर ब्याज की गणना
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानि मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना (PF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.
विड्रॉल से भी होता है नुकसान
अगर चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की रकम (PF Interest calculation) साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (PF Balance) उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है)+ब्याज.
ऐसे समझिए
बेसिक सैलरी+ डियरनेस अलाउंस (DA) = ₹30,000
कर्मचारी कंट्रीब्यूशन EPF = 12% of ₹30,000 = ₹3,600
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPS (subject to limit of 1,250) = ₹1,250
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPF = (₹3,600-₹1,250) = ₹2,350
कुल मासिक EPF कंट्रीब्यूशन = ₹3,600 + ₹2350 = ₹5,950
एक अप्रैल 2020 तक PF में कंट्रीब्यूशन
अप्रैल में कुल EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
EPF पर अप्रैल में ब्याज= Nil (पहले महीने में कोई ब्याज नहीं)
अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹5,950
मई में EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
मई के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹11,900
हर महीने के हिसाब से ब्याज की गणना (EPF Interest calculation)= 8.50%/12 = 0.007083%
मई के EPF पर ब्याज की गणना= ₹11,900*0.007083%= ₹84.29
लगाया जाता है यह फॉर्मूला
किसी भी वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार की तरफ से नोटिफाई की जाती है. चालू वित वर्ष खत्म होने पर ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) किया जाता है. साल के हर महीने की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि को जोड़कर उस राशि को तय ब्याज दर को भागकर 1200 से गुनाकर ब्याज राशि निकाली जाती है.
04:25 PM IST