
Financial Lessons from Diwali: दिवाली, ये वो त्योहार है जिसका हम पूरे साल इंतजार करते हैं. घर की साफ-सफाई, सजावट, ढेर सारी खरीदारी और फिर माता लक्ष्मी की पूजा. हम सब परिवार के साथ मिलकर इस त्योहार को खूब एन्जॉय करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, ये त्योहार सिर्फ मौज-मस्ती के लिए नहीं है? लक्ष्मी पूजन का ये पर्व हमें कुछ ऐसे फाइनेंशियल सबक भी सिखाता है, जिन्हें अगर आपने अपनी जिंदगी में उतार लिया तो आपका फाइनेंशियल फ्यूचर बहुत आसानी से बेहतर हो सकता है और आपकी पूरी लाइफ आराम से कटेगी. आइए जानते हैं दिवाली से मिलने वाले 5 खास फाइनेंशियल लेसन्स, जो आपके पैसों की कमी को दूर कर देंगे.
दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है. इस दिन लोग सोना-चांदी, घर-जमीन जैसी चीजें खरीदते हैं. लेकिन असली बात ये है कि ये दिन हमें निवेश का महत्व बताता है. ये हमें सिखाता है कि हमें अपनी आमदनी का थोड़ा-सा हिस्सा समय-समय पर निवेश करते रहना चाहिए. इन्वेस्टमेंट कभी बेकार नहीं जाता. इस पर आपको अच्छा रिटर्न मिलता है और आपका पैसा बढ़ता है. अगर आप चाहते हैं कि लाइफ में कभी पैसों की तंगी न झेलनी पड़े, तो निवेश करने की आदत आज ही डालिए.
धनतेरस के दूसरे दिन यानी छोटी दिवाली पर घर की सफाई की परंपरा होती है. उसी तरह, अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो की सफाई भी जरूरी है. पुराने या बेकार निवेशों को हटाइए, अगर कहीं लॉस हो रहा है तो उसे कट करके नए बेहतर ऑप्शन में री-इन्वेस्ट कीजिए. क्रेडिट कार्ड बिल या छोटे-मोटे लोन को क्लियर करें ताकि कर्ज का बोझ हल्का हो सके. फाइनेंशियल सफाई से आपको क्लियर विजन मिलेगा कि आपका पैसा कहां काम कर रहा है और कहां नहीं.
दिवाली के त्योहार पर हर जगह रंगबिरंगी रोशनी नजर आती है. इस रंगबिरंगी रोशनी से हमें ये सीखना चाहिए कि हमारे फाइनेंशियल पोर्टफोलियो में भी कई तरह के रंग होने चाहिए. इसका मतलब है कि अपने इन्वेस्टमेंट को किसी एक ही जगह पर मत कीजिए, बल्कि अलग-अलग जगहों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड और दूसरी स्कीम्स में पैसा लगाइए. इससे आपका जोखिम कम होता है और रिटर्न बढ़ने की संभावना रहती है.
दिवाली के दिन लोग पूरे घर को दीयों से रोशन करते हैं. इसी तरह आपको भी अपने जीवन में आर्थिक ज्ञान का दीपक जलाना चाहिए और फाइनेंस की दुनिया में अप-टू-डेट रहना चाहिए. वो कौन सी स्कीम्स हैं जो आपको बेहतर रिटर्न दे सकती हैं, आपके बुढ़ापे को सिक्योर कर सकती हैं और आपके जीवन की आर्थिक समस्याओं को दूर करने में कब और कैसे काम आ सकती हैं, इस बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. इससे आपको पैसे को सही जगह पर निवेश करने में मदद मिलेगी और आपका फाइनेंशियल पोर्टफोलियो काफी मजबूत हो जाएगा.
दिवाली के त्योहार पर दिए जलाते समय और पटाखे फोड़ते समय अपनी सुरक्षा का ख्याल रखने की बात कही जाती है. लेकिन हमें सिर्फ दिवाली पर ही नहीं, जीवन के हर दिन में अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए और इसके लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए. क्योंकि कभी भी इमरजेंसी की स्थिति किसी के भी सामने आ सकती है. इन स्थितियों से निपटने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए. साथ ही आपके पास थोड़ा इमरजेंसी फंड भी तैयार होना चाहिए. अगर ये तैयारी आपके पास होगी, तो मुश्किल समय भी आसानी से गुजर जाएगा.
FAQs
Q1: धनतेरस पर सोना खरीदना ही क्यों निवेश का महत्व सिखाता है?
A1: धनतेरस पर सोना या अन्य संपत्ति खरीदना एक पुरानी परंपरा है, जो हमें ये याद दिलाती है कि संपत्ति बनाना और उसे बढ़ाना कितना जरूरी है. ये हमें समय-समय पर पैसा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
Q2: पोर्टफोलियो में विविधता क्यों जरूरी है?
A2: पोर्टफोलियो में विविधता रखने से आपका जोखिम कम होता है. अगर एक जगह नुकसान होता है, तो दूसरी जगह से मिले मुनाफे से उसकी भरपाई हो सकती है. ये आपके इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित बनाता है.
Q3: फाइनेंशियल पोर्टफोलियो की 'गंदगी' से क्या मतलब है?
A3: फाइनेंशियल पोर्टफोलियो की 'गंदगी' का मतलब है अनचाहे छोटे कर्ज, ज्यादा ब्याज वाले लोन, या ऐसे इन्वेस्टमेंट जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. इन्हें साफ करने से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.
Q4: आर्थिक ज्ञान कैसे बढ़ाएं?
A4: आर्थिक ज्ञान बढ़ाने के लिए आप किताबें पढ़ सकते हैं, वित्तीय एक्सपर्ट्स के ब्लॉग या वीडियो देख सकते हैं, और फाइनेंसियल न्यूज को फॉलो कर सकते हैं. इससे आप अच्छी इन्वेस्टमेंट स्कीम्स और अपने पैसे को मैनेज करने के तरीके सीख सकते हैं.
Q5: इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए?
A5: इमरजेंसी फंड कम से कम 3 से 6 महीने के खर्चों के बराबर होना चाहिए. ये आपको नौकरी छूटने, बीमारी या किसी अन्य अप्रत्याशित खर्च की स्थिति में मदद करता है.