
Diwali 2025 Credit Card Tips: दिवाली का सीजन आते ही बाजारों और ऑनलाइन सेल्स में ऑफर्स की बाढ़ आ जाती है. हर कोई नए गैजेट, स्मार्टवॉच, iPhone 17, या लग्ज़री कार खरीदने के मूड में दिखता है. लेकिन अगर आप इस त्योहार पर अपनी क्रेडिट कार्ड लिमिट को पूरी तरह खर्च करने (Max Out) की सोच रहे हैं, तो ज़रा ठहरिए. ऐसा करना आपकी फाइनेंशियल सेहत और क्रेडिट स्कोर दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली जैसे मौकों पर बिना प्लानिंग के खर्चा बढ़ जाने से कर्ज़ का जाल (Debt Trap) बन जाता है, जिससे निकलना बाद में बहुत मुश्किल होता है.
त्योहारों के समय कई लोग क्रेडिट कार्ड से गिफ्ट, गोल्ड, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदारी करते हैं. लेकिन जब खर्चे आय से ज्यादा हो जाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट प्रोफाइल को कमजोर कर देता है. अगर समय पर पेमेंट नहीं किया गया, तो ब्याज दरें, लेट फीस और पेनल्टी आपकी जेब पर भारी पड़ सकती हैं.
भारत में क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें सालाना 12% से 45% तक होती हैं. अगर आपने कार्ड का पूरा बिल समय पर नहीं चुकाया, तो उसी राशि पर हर महीने कंपाउंड इंटरेस्ट लगने लगता है. कई बार ओवरस्पेंडिंग और डिफॉल्ट करने से क्रेडिट ब्यूरो आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) को घटा देते हैं.
कई प्लेटफॉर्म दिवाली ऑफर्स में “No-Cost EMI” का टैग लगाकर उत्पाद बेचते हैं, लेकिन वास्तव में इनमें प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी, या हिडन चार्जेज शामिल रहते हैं. इसलिए किसी भी ऑफर को चुनने से पहले टर्म्स और कंडीशंस ध्यान से पढ़ें.
दिवाली खुशियों और रोशनी का त्योहार है, कर्ज और तनाव का नहीं. त्योहार के बहाने खर्च करने के बजाय सेविंग और समझदारी को प्राथमिकता दें. अगर जरूरी हो तो सेक्योर क्रेडिट कार्ड या फेस्टिव सेविंग प्लान अपनाएं ताकि भविष्य में वित्तीय स्थिरता बनी रहे.
सोने-चांदी की खरीद, नया फोन या कार सब अच्छा है, लेकिन केवल तब जब वह आपकी वित्तीय क्षमता के भीतर हो. कर्ज़ बढ़ाकर त्योहार मनाना तात्कालिक खुशी दे सकता है, पर आगे चलकर परेशानी बढ़ा सकता है. दिवाली का असली अर्थ है अपनों के साथ सुकून और संतुलन से जश्न मनाना, न कि लिमिट तक कार्ड स्वाइप करना.
FAQs
1. क्या क्रेडिट कार्ड लिमिट फुल करने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है?
हाँ, लिमिट का 80% से ज्यादा उपयोग करने से क्रेडिट स्कोर गिर सकता है.
2. क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर कितनी होती है?
बैंकों के अनुसार यह दर 12% से 45% सालाना तक हो सकती है.
3. क्या नो-कॉस्ट EMI सच में फ्री होती है?
नहीं, इसमें कई बार प्रोसेसिंग फीस और टैक्स जैसे चार्जेज शामिल रहते हैं.
4. त्योहारों के समय सुरक्षित खर्च के क्या तरीके हैं?
बजट तय करें, रिवॉर्ड पॉइंट्स का उपयोग करें और EMI या क्रेडिट लिमिट से परहेज करें.
5. अगर पेमेंट समय पर नहीं किया तो क्या होगा?
लेट पेमेंट पर भारी ब्याज, पेनल्टी और क्रेडिट स्कोर में गिरावट हो सकती है.
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