बैंक से ज्यादा फायदेमंद है कॉर्पोरेट Fixed deposit, यहां मिलता है बेहतर रिटर्न
बैंक एफडी में ब्याज दर औसत होती है. मैच्युरिटी का समय महीनों से कई साल तक होता है.
बैंक एफडी में ब्याज दर औसत होती है. अच्छी बात ये है कि बैंक एफडी में जोखिम कम होता है.
बैंक एफडी में ब्याज दर औसत होती है. अच्छी बात ये है कि बैंक एफडी में जोखिम कम होता है.
कोरोना काल में पैदा हुए आर्थिक संकट में जहां बैंक आपनी ब्याज दरें (Interest Rates) घटाने में लगे हैं, शेयर बाजार (Share Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेशकों का मुनाफा लगातार कम हो रहा है. लेकिन बाजार में ऐसे भी कुछ ऑप्शन हैं जहां बैंक और स्टॉक मार्केट से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है.
हम बात कर रहे हैं कॉरपोरेट एफडी (Corporate Fixed Deposit) स्कीम की. बाजार में कई ऐसी कॉरपोरेट एफडी स्कीम हैं जहां ब्याज 7 से 9 परसेंट तक मिल रहा है. हालांकि इन स्कीम में बैंकों के मुकाबले रिस्क थोड़ा ज्यादा है, लेकिन इस समय बाजार में चारों तरफ रिस्क ही रिस्क है. इसलिए इस रिस्क में भी अगर ज्यादा रिटर्न मिल रहा है तो घाटे का सौदा नहीं है.
कॉरपोरेट कंपनियां अपनी एफडी स्कीम पर बैंकों के मुकाबले 3 से 3.5 फीसदी ज्यादा रिटर्न देने का वादा करती हैं. इन कॉरपोरेट एफडी स्कीमों में कंपनियों की रेटिंग देखकर निवेश करना चाहिए. जिस कंपनी की जितनी अच्छी रेटिंग होगी, रिस्क भी उतना ही कम होगा.
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रेटिंग देखकर कंपनी चुनें
कई रेटिंग एजेंसियां इन कंपनियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रेटिंग देती है. इन कंपनियों में से CRISIL की रेटिंग को इस समय ज्यादा अहमियत दी जा रही है.
इसलिए हमेशा अच्छी रेटिंग वाली कंपनियों में ही निवेश करना चाहिए. कई बार कम रेटिंग वाली कंपनी ज्यादा ब्याज ऑपर करती है, लेकिन ऐसी कंपनी में रिस्क बहुत ज्यादा होता है. जिन कंपनियों की रेटिंग AAA या AA+ हो तो उनमें निवेश किया जा सकता है.
कॉरपोरेट कंपनियों में निवेश से पहले हमें बैंक की एफडी और कॉरपोरेट एफडी में अंतर और उनके नफे-नुकसान के बारे में समझना होगा.
बैंक एफडी में ब्याज दर औसत होती है. मैच्युरिटी का समय महीनों से कई साल तक होता है. अच्छी बात ये है कि बैंक एफडी में जोखिम कम होता है. कॉरपोरेट डिपॉजिट कंपनी द्वारा जारी की जाती है. इनमें मैच्युरिटी की अवधि 6 महीने से 3 साल तक होती है. लेकिन इनमें जोखिम ज्यादा होता है.
मार्केट एक्सपर्ट कॉरपोरेट एफडी में कम समय वाली स्कीम को चुनने की सलाह देते हैं. जबकि बैंक या पोस्ट ऑफिस की स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश किया जा सकता है. क्योंकि, यहां आपके निवेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है. जहां पैसा डूबने का खतरा नहीं होता है. वहीं अगर कॉरपोरेट कंपनी डूबी तो आपके पैसे वापस मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है. इसलिए कॉरपोरेट कंपनियों में हमेशा कम समय के लिए ही निवेश करना चाहिए.
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इन कंपनियों की भी है एफडी स्कीम
बाजार में इस समय HDFC लिमिटेड, बजाज फाइनेंस, L&T फाइनेंस लिमिटेड, इंडियाबुल्स हाउसिंग, LIC हाउसिंग फाइनेंस, PNB हाउसिंग फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) फाइनेंशियल सर्विसेज, ICICI होम फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोट्र फाइनेंस, टाटा मोटर फाइनेंस और हॉकिंस कुकर जैसी कंपनियों ने एफडी स्कीम ऑफर की हुई हैं. इन स्कीम में 7 से 9 फीसदी का ब्याज ऑफर किया जा रहा है. जबकि बैंक की एफडी पर इससे कम ब्याज मिल रहा है.
03:04 PM IST