टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए CBDT ने स्टेकहोल्डर्स से मांगे सुझाव, जानिए कैसे दे सकते हैं
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स रूल्स और उससे जुड़े फॉर्म में बदलाव को लेकर स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेटेशन शुरू किया. सभी स्टेकहोल्डर्स से इसको लेकर सुझाव मांगे गए हैं.
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04:41 PM IST
इनकम टैक्स बिल, 2025 संसद में पेश किए जाने के बाद सेलेक्ट कमिटी के पास भेज दिया गया है. समिति इस पर विस्तृत विचार-विमर्श कर रही है. इस कड़ी में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स रूल्स और उससे जुड़े फॉर्म में बदलाव को लेकर स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेटेशन शुरू किया. सभी स्टेकहोल्डर्स से इसको लेकर सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद इन्हें इकट्ठा करके सेलेक्ट कमेटी को समीक्षा के लिए भेजा जाएगा.
इस पहल का मकसद है- टैक्स नियमों को स्पष्ट और आसान बनाना, अनुपालन (Compliance) का बोझ कम करना, पुराने और गैर-ज़रूरी नियमों को हटाना और टैक्स प्रक्रिया को करदाताओं (Taxpayers) के लिए अधिक सरल और पारदर्शी बनाना है. इससे Tax Compliance आसान होगा, टैक्सपेयर्स को नियमों को समझने में सुविधा होगी, फाइलिंग के दौरान गलतियां कम होंगी और प्रशासनिक बोझ भी घटेगा. इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा भी की जा रही है. बता दें कि इनकम टैक्स का नया कानून, पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो कि मौजूदा समय में पुराना पड़ चुका है और बार-बार संशोधनों के कारण काफी पेचीदा हो गया है.
4 कैटेगरी में मांगे गए सुझाव
कंसल्टेटेशन की प्रक्रिया के दौरान नियमों और प्रपत्रों की समीक्षा के लिए स्टेकहोल्डर्स से 4 श्रेणियों में सुझाव मांगे गए हैं.
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1. भाषा का सरलीकरण- नियमों और फॉर्म्स की भाषा सरल और आम लोगों के लिए समझने योग्य हो.
2. विवादों (Litigation) को कम करना - नियमों की अस्पष्टता के कारण होने वाले कानूनी विवादों को कम करने के उपाय.
3. अनुपालन बोझ में कमी - करदाताओं के लिए टैक्स फाइलिंग और अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाना.
4. अनावश्यक/अप्रचलित नियमों की पहचान - ऐसे नियमों और फॉर्म्स को हटाना जो अब प्रासंगिक नहीं हैं.
इस लिंक के जरिए दे सकते हैं सुझाव
सभी स्टेकहोल्डर्स से इस लिंक https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/ita-comprehensive-review के जरिए सुझाव देने के लिए कहा गया है. लिंक 08 मार्च 2025 से ई-फाइलिंग पोर्टल पर सभी के लिए उपलब्ध है. सुझाव देते समय नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. OTP के माध्यम से वेरिफिकेशन के बाद सुझाव स्वीकार किए जाएंगे. हर सुझाव में स्पष्ट रूप से उस आयकर नियम, 1962 के प्रावधान (जैसे – सेक्शन, सब-सेक्शन, क्लॉज, रूल, सब-रूल या फॉर्म नंबर) का जिक्र करना आवश्यक है जिससे सुझाव संबंधित है.
04:41 PM IST