Budget 2021: आप सैलरीड हैं या बेरोजगार? इस टैक्स से नहीं बच सकते, यहां जानिए डिटेल
Indirect tax: यह एक ऐसा टैक्स है, जिसे कमाने वाला और बेरोजगार दोनों चुकाते हैं. ऐसे समझ लीजिए कि जब भी कोई प्रोडक्ट आप खरीदते हैं उसकी कीमत में टैक्स जुड़ा होता है.
Indirect tax: एक ऐसा टैक्स है जिसे कमाने वाला और बेरोजगार दोनों चुकाते हैं. (फाइल फोटो)
Indirect tax: एक ऐसा टैक्स है जिसे कमाने वाला और बेरोजगार दोनों चुकाते हैं. (फाइल फोटो)
Budget 2021: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) देश का बजट (Budget 2021) पेश करेंगी. 29 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के दोनों सदनों को संबोधन के साथ ही संसद का बजट सत्र (Budget Session) शुरू हो जाएगा. हर बार की तरह इस बार भी बजट में टैक्स में राहतों (Tax Relief) को लेकर हर वर्ग से मांग की गई है.
आम टैक्सपेयर्स (Taxpayers) से लेकर देश के कॉर्पोरेट्स वित्त मंत्री से टैक्स में राहत चाहता है. हम आपको बताने जा रहे हैं उन दो टैक्स के बारे में जो सीधे या Indirect रूप से आप पर असर डालते ही हैं.
इनडायरेक्ट टैक्स को समझिए (Understand indirect tax)
Indirect tax: यह एक ऐसा टैक्स है, जिसे कमाने वाला और बेरोजगार दोनों चुकाते हैं. ऐसे समझ लीजिए कि जब भी कोई प्रोडक्ट आप खरीदते हैं उसकी कीमत में टैक्स जुड़ा होता है. यानी आप इनडायरेक्ट तरीके से टैक्स चुकाते हैं. इस टैक्स को हम अब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कहते हैं. ये टैक्स प्रोडक्ट के साथ साथ हर उस सर्विस में जुड़ा होता है जिसे आप लेते हैं. जैसे अगर आप बाल कटवाने गए तो उस पर भी आपको टैक्स देना होता है. इस टैक्स का आपकी कमाई से कोई लेना देना नहीं होता. क्योंकि ये टैक्स आपकी कमाई पर नहीं लगता है.
सभी इनडायरेक्ट टैक्स GST में शामिल (All indirect tax included in GST)
जुलाई 2017 में पूरे देश में GST लागू किया गया था. इस नए सिस्टम ने इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को रिफॉर्म कर दिया था. दर्जनों टैक्स जैसे एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, VAT सबकुछ खत्म कर GST लागू किया गया था, जिससे Indirect system को ज्यादा पारदर्शी, आसान और बेहतर बनाया जा सका. GST का मकसद पूरे देश में एक जैसा टैक्स सिस्टम लागू करना है. जिससे टैक्स चोरी को रोका जा सके और हर प्रोडक्ट और सर्विस पर सही टैक्स वसूला जा सके.
CBDT ने किए कई टैक्स रिफॉर्म (CBDT did many tax reforms)
इस बीच CBDT ने भी डायरेक्ट टैक्स को लेकर कई तरह के रिफॉर्म किए हैं. साल 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स को 30 परसेंट से घटाकर 22 परसेंट कर दिया गया. नई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 15 परसेंट किया गया है. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को भी खत्म कर दिया गया था.
2020-21 के लिए पेश किये गये बजट में शेयर बाजार के निवेशकों के लिए एक अच्छा फैसला लिया गया था. सरकार ने बजट में डीडीटी (Dividend Distribution Tax) को खत्म कर दिया. इसके हटने का सीधा फायदा शेयर निवेशकों को मिला. डीडीटी एक सरोगेट टैक्स है, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI को प्रभावित करता था.
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05:24 PM IST