सरकारी कर्मचारियों के लिए इस दिवाली खुशखबरी की उम्मीद बढ़ गई है. चर्चा है कि मोदी सरकार इस बार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर या नवंबर तक आयोग के गठन का ऐलान हो सकता है. यानी लंबे समय से चल रही अटकलों पर अब मुहर लग सकती है. हालांकि, सिफारिशें आने और वेतन बढ़ने में वक्त लगेगा, लेकिन इस बार प्रोसेस को पहले से तेज़ रखने की तैयारी है.
क्यों माना जा रहा है कि दिवाली तक हो सकता है ऐलान?
सरकार ने जनवरी में संकेत दिए थे कि 8वां वेतन आयोग बनेगा, लेकिन अब तक इसकी Terms of Reference (ToR) अधिसूचना जारी नहीं हुई है. हालांकि, वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस दिवाली तक आयोग के गठन की औपचारिक घोषणा संभव है. कारण भी साफ है कर्मचारी यूनियनों का दबाव बढ़ा है. 2026 में 7वें आयोग की समयसीमा खत्म हो जाएगी. और चुनावी साल से पहले सरकार कर्मचारियों को संदेश देना चाहती है. ऐसे में, यह ऐलान सरकार के लिए एक बड़ा पॉलिटिकल और इमोशनल मूव हो सकता है.
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कब तक आ सकती हैं सिफारिशें
अगर आयोग का गठन नवंबर 2025 तक हो गया, तो सिफारिशें अगले 8–10 महीनों में, यानी 2026 के अंत तक तैयार हो सकती हैं।
पिछले वेतन आयोगों के रिकॉर्ड देखें तो 7वें वेतन आयोग को बनाकर सिफारिशें देने में करीब ढाई साल लगे थे। लेकिन इस बार सरकार चाहती है कि सिफारिशें जल्दी तैयार हों, ताकि 2027 की शुरुआत तक कर्मचारियों को नए वेतन का फायदा मिल सके।
कितना बढ़ सकता है वेतन?
सबसे अहम सवाल यही है- कितना फायदा मिलेगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में Fitment Factor 1.92 तक जा सकता है. हालांकि, यह सब अंतिम सिफारिशों पर निर्भर करेगा.
सरकार की प्राथमिकता- “तेज़ी से सिफारिशें, समय पर लाभ”
सरकार चाहती है कि इस बार वेतन आयोग की प्रक्रिया में देरी न हो. सूत्र बताते हैं कि मंत्रालयों को पहले से डेटा तैयार रखने को कहा गया है ताकि आयोग बनते ही रिपोर्ट का काम शुरू किया जा सके. यानी इस बार “घोषणा से अमल तक” का सफर छोटा रखा जाएगा.
कर्मचारियों के लिए क्या मायने रखता है ये ऐलान
अगर दिवाली तक 8वें आयोग का गठन होता है, तो इसका मतलब है कि
- सरकार ने वेतन सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है
- कर्मचारियों के लिए 2026–27 में वेतन बढ़ने की राह साफ होगी
- और सबसे जरूरी बात, 7वें वेतन आयोग का अंत और 8वें का नया अध्याय शुरू.
1. 8वें वेतन आयोग का ऐलान
- दरअसल, जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की- पर असली काम अभी तक शुरू नहीं हुआ.
- पहली जरूरी स्टेप है Terms of Reference (ToR) तय करना और सदस्यों की नियुक्ति करना- और वो काम अभी अधूरा है.
- इसलिए इस बयान से कि “दिवाली तक ऐलान होगा”, पूरी तैयारी और राजनीतिक मौसम दोनों का साथ होना जरूरी है.
2. इतिहास बताता क्या? (Timeline & Lessons)
- पिछले आयोगों के समय का अनुभव हमें ये कहता है कि Pay Commission पूर्ण रूप से लागू होने में 2-3 साल लगते हैं.
- 7वां पे आयोग फरवरी 2014 में बना, रिपोर्ट नवंबर 2015 में आई और लागू 1 जनवरी 2016 से हुई- मतलब लगभग 33 महीने.
- इसी तरह 8वें आयोग को अगर उसी रफ्तार से काम करना हो, तो “दिवाली तक ऐलान होने पर” इसे आते-आते 2027 बीत जाएगा.
लेकिन, सरकार इस बार दूसरे मूड में है. दिवाली के आसपास भले ही गठन को मंजूरी मिल जाए, लेकिन पूरी सिफारिश आने में थोड़ा वक्त लगेगा. फिर भी इस बार सिफारिशें जल्दी आएंगी. सूत्रों की मानें तो 8-12 महीने की टाइमलाइन पर काम करने की तैयारी है. पैनल में जो भी होगा उसे ये टाइमलाइन ध्यान रखनी होगी.
3. अभी तक क्या हुआ है?
- सरकार ने राज्यों, मंत्रालयों और कर्मचारियों संगठनों से सलाह-मशवरा शुरू किया है.
- Kotak Institutional Equities की रिपोर्ट कहती है कि 8वें आयोग की सिफारिशें late 2026 / early 2027 तक लागू हो सकती हैं.
- बजट और वित्त मामलों में अधिसूचनाएं, Fitment Factor (मुल्यांकन गुणांक) की संभावनाएं चर्चा में हैं- कुछ विश्लेषकों ने 30–34% के करीब वेतन वृद्धि की संभावना जताई है.
- तो स्थिति ये है कि groundwork तैयारी में है, लेकिन “ऐलान + सिफारिशें लागू” की यात्रा अभी लंबी है.
4. दिवाली तक क्या हो सकता है?
- Cabinet या सलाहकार समिति की मीटिंग हो सकती है, जहां “प्रारंभिक स्वरूप/roadmap” तय हो.
- उस बैठक में ToR को मंजूरी, सदस्यों की चयन प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
- अगर rapidez मिल गई, तो छोटी श्रेणी पर “fitment factor draft” या “न्यूनतम वेतन प्रस्ताव” की झलक मिल सकती है.
- लेकिन संपूर्ण सिफारिशें और फॉर्मूला लागू करने में 12 महीने का वक्त तो तय है.
5. कर्मचारियों को क्या उम्मीद हो सकती है?
- बेसिक पे में बढ़ोतरी + नए Fitment Factor
- DA, HRA, TA, अन्य भत्तों में संशोधन
- पुरानी सिफारिशों (7वें आयोग) की तुलना में सुधरा ढांचा
- जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना
- सिफारिशों के हिसाब से एरियर्स देना (पिछली तारीख से लाभ देने की व्यवस्था)
6. चुनौतियां जो रास्ते में हैं
- ToR और सदस्यों की मंज़ूरी में देरी
- वित्तीय दबाव: वेतन वृद्धि के बोझ को बजट में समायोजित करना
- States और केंद्र सरकारों के बीच सहमति/विभाजन
- कर्मचारी मांगों और संसाधनों के बीच संतुलन
- अनुपालन प्रणाली, ग्रेडिंग सिस्टम, स्तर मर्जिंग आदि पर विवाद.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. वेतन आयोग क्या होता है?
Pay Commission वह कमिटी होती है जिसे केंद्र सरकार नियुक्त करती है और जो सिफारिश करती है कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन आदि कैसे हों.
Q2. ToR (Terms of Reference) क्या है?
यह वह दस्तावेज़ होता है जिसमें आयोग को दिए जाने वाले निर्देश और दायरा तय किया जाता है.
Q3. Fitment Factor क्या होता है?
यह वो गुणांक होता है जिससे पुराने बेसिक पे को गुणा करके नया पे तय किया जाता है.
Q4. एरियर्स क्या हैं?
जब वेतन वृद्धि या संशोधन में देरी होती है, तो वह राशि जो पिछली तारीख से Employees को दी जानी चाहिए, उसे एरियर्स कहते हैं.
Q5. राज्य कर्मचारियों को इससे क्या फायदा होगा?
अगर केंद्र में अच्छी सिफारिशें हों, राज्यों में भी समान रूप से वेतन सुधार की उम्मीद बढ़ेगी.