7th Pay Commission: चुनाव रुझानों से चमके कर्मचारियों के चेहरे, कहा बढ़ सकती है सैलरी
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर देश भर के राज्य और कर्मचारी संगठनों की भी नजर है. कर्मचारी संगठनों के अनुसार इन पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार जल्द ही पुरानी पेंशन स्कीम व अन्य मांगाें पर कुछ घोषणा कर सकती है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों से सरकारी कर्मियों को काफी उम्मीदें (फाइल फोटो)
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों से सरकारी कर्मियों को काफी उम्मीदें (फाइल फोटो)
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर देश भर के राज्य और कर्मचारी संगठनों की भी नजर है. कर्मचारी संगठनों के अनुसार इन पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार पर कर्मचारियों की वाजिब मांगों को पूरा करने का दबाव बनेगा. कर्मचारी संगठनों के अनुसार देश भर में सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को जोड़ दिया जाए तो लगभग 20 करोड़ वोटों पर सरकारी कर्मचारियों का असर होगा. वहीं चुनाव परिणामों को ध्यान में रखते हुए कुछ कर्मचारी संगठनों ने चुनाव बाद अपनी मांगों को ले कर आपात बैठक करने का निर्णया लिया है.
सभी राज्यों के कर्मचारियों की हैं कई सामान मांगें
7वें वेतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने, पुरानी पेंशन व अन्य मांगों को ले कर देश भर के राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी पिछले कुछ समय से देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं कर्मचारी संगठनों की ओर से पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार से कई बार बातचीत की है. लेकिन अब तक इनके हाथ सिर्फ आश्वासन ही लगा है. इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडेशन के महासचिव प्रेम चंद्र ने कहा कि इन पांच राज्यों के चुनाव परिणामों का असर कर्मचारियों और सरकार के बीच चल रही बातचीत पर साफ दिखेगा. दरअसल राजस्थान और मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी भी पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन स्कीम और 7वें वेतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने की मांगों को ले कर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने संभावना जताई कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग पूरानी पेंशन स्कीम की धोषणा जल्द हो सकती है. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को ले कर आगे की रणनीति तय करने के लिए संगठन की ओर से जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी.
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से सरकार पर बनेगा दबाव
केंद्रीय कर्मियों के संगठनों के संयुक्त प्लेटफार्म नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) के संयोजक व ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महासिचव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि देश भर में सरकारी कर्मचारी व उनके परिवार मिला लिए जाएं तो कुल 20 करोड़ के करीब लोग इनमें शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र सरकार इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अंदेखी किसी भी हालात में नहीं कर सकेगी. कुछ समय पहले तक सरकार बात तक करने को तैयार नहीं थी पर अब बातचीत शुरू हुई है. पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द कर्मचारियों की मांगो को पूरा करने का काम करेगी.
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कांग्रेस ने दिया कर्मचारियों की मांगों को समर्थन
रेल कर्मचारियों के संगठन उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन ने सोमवार को अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने पहुंच कर कर्मचारियों की मांगों का समर्थ किया. वहीं उन्होंने कहा कि यदि केंद्र में उनकी सरकार आती है तो कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. वहीं इस बैठक में रेल कर्मियों ने निर्णय लिया कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. यदि एक सप्ताह में सरकार की ओर से कोई घोषणा नहीं होती है तो रेल कर्मचारी हड़ताल की रणनीति पर काम करेंगे.
रेल कर्मियों ने लोकसभा चुनाव के लिए की है घोषणा
उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन की ओर से पहले ही घोषणा की गई है कि वो आने वाले लोकसभा चुनाव में उसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन करेंगे जो रेल कर्मियों की मांगों को पूरा करेगी. संगठन की ओर से अपनी मांगों को ले कर 03 से 10 दिसम्बर के बीच दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर क्रमिक भूख हड़ताल भी की गई. सोमवार को इस भूख हड़ताल के समापन के मौके पर संगठन की वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक कर्मचारियों को रेल मंत्री से से हुई मुलाकात और उनके उनके आश्वासन के बारे में बताया गया.
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
- न्यूनतम वेतन को 18000 हजार से बढ़ा कर 26000 किया जाए
- फिटमेंट फार्मूला 2.57 से बढ़ा कर 3.7 कर दिया जाए
- नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए
- ट्रैकमेनों के लिए एलडीसी ओपन कराया जाए
- सुपरवाजरों को ग्रेड पे 4600 से बढ़ा कर 4800 किया जाए
- संरक्षा श्रेणी के सभी कर्मचारियों को रिस्क एवं हार्डशिप एलाउंस दिया जाए
- संरक्षा श्रेणी में खाली 1.30 लाख खाली पदों को तुरंत भरा जाए
- रनिंग स्टॉफ के किलोमीटर अलाउंस की दरों को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाए
02:43 PM IST