अब ग्रेजुएशन के दौरान ही छात्रों को मिलेगी नौकरी, मोदी सरकार ने तैयार किया यह प्लान
राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ का बजट रखा गया है. कोई ठोस योजना नहीं होने के कारण इस समूचे बजट का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.
विभिन्न कंपनियों द्वारा अंडर ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को अपरेंटिस पर रखा जाएगा और उन्हें स्टाइपंड भी दिया जाएगा.
विभिन्न कंपनियों द्वारा अंडर ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को अपरेंटिस पर रखा जाएगा और उन्हें स्टाइपंड भी दिया जाएगा.
देश की राजनीति में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आती है. अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, निश्चित ही बेरोजगारी का मुद्दा फिर से सुर्खियों में रहेगा. नौजवानों खासकर अंडरग्रेजुएट को नौकरी के बड़े अवसर मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने संयुक्त रूप से एक बड़ा प्लान तैयार किया है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, मोदी सरकार बड़े पैमाने पर अपरेंटिस प्रोग्राम शुरू करने जा रही है. यह प्रोग्राम खासकर गैर तकनीकी छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है, ताकि ग्रेजुएशन पूरी होने पर उनके अंदर एक हुनर पैदा हो जाए और वे एक अच्छी नौकरी के लिए खुद को तैयार कर पाएं.
जानकारी के मुताबिक यह अपरेंटिस प्रोग्राम 6 से 10 महीने के अवधि का होगा. इसके तहत विभिन्न कंपनियों द्वारा अंडर ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को अपरेंटिस पर रखा जाएगा. अपरेंटिस के द्वारा उन्हें स्टाइपंड भी दिया जाएगा. यह अपरेंटिस प्रोग्राम ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है, ताकि जब वे कॉलेज से बाहर आएं तो ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ-साथ उनके हाथ में एक नौकरी भी हो.
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नॉन टेक्निकल छात्रों पर फोकस
टेक्निकल कोर्स की बात करें तो कंपनियां खुद ही यूनिवर्सिटी और कॉलेजों पर नजर रखती हैं और कैंपस प्लेसमेंट के जरिए तकनीकी शिक्षा वाले छात्रों को नौकरी मिल जाती है. असल समस्या तो गैर तकनीकी छात्र-छात्राओं के सामने आती है. इस समस्या को देखते हुए सरकार के तीनों मंत्रालय उद्योग जगत के साथ मिलकर हाई-क्लाविटी एपरेंटिस और बेसिक ट्रेनिंग का एक प्रोग्राम तैयार करवा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, तीनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर एक बैठक भी थी और नॉन टेक्निकल स्टूडेंट्स के लिए अपरेंटिस प्रोग्राम शुरू करने पर चर्चा की थी.
10,000 करोड़ का बजट
जानकारी के मुताबिक, इस प्रोग्राम को अगले साल से शुरू कर दिया जाएगा और शुरूआती चरण में इससे लगभग 10 लाख छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाएगा. इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर चलाने की तैयारी है और इसे इंटीग्रेटेड अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा.
राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ का बजट रखा गया है. कोई ठोस योजना नहीं होने के कारण इस समूचे बजट का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. नए प्लान के तहत अप्रेंटिस के लिए रखे गए प्रत्येक स्टूडेंट को मिलने वाले स्टाइपंड का 25 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती है.
03:56 PM IST