आपके PF के साथ खेल करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करेगा EPFO, बनाई यह रणनीति
वे कंपनियां जो भविष्य निधि (PF) गणना में विशेष भत्ते को मूल वेतन में शामिल नहीं कर रही हैं, उनके खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट के EPF गणना में मूल वेतन के हिस्से में विशेष भत्ते को शामिल करने की व्यवस्था के एक दिन बाद ईपीएफओ ने यह निर्णय किया है. (फोटो : PTI)
सुप्रीम कोर्ट के EPF गणना में मूल वेतन के हिस्से में विशेष भत्ते को शामिल करने की व्यवस्था के एक दिन बाद ईपीएफओ ने यह निर्णय किया है. (फोटो : PTI)
वे कंपनियां जो भविष्य निधि (PF) गणना में विशेष भत्ते को मूल वेतन में शामिल नहीं कर रही हैं, उनके खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट के EPF गणना में मूल वेतन के हिस्से में विशेष भत्ते को शामिल करने की व्यवस्था के एक दिन बाद ईपीएफओ ने यह निर्णय किया है.
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी कि कर्मचारियों के भविष्य निधि गणना मामले में विशेष भत्ता मूल वेतन का हिस्सा है. कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ की सामाजिक सुरक्षा योजना मद में देना होता है. इतना ही योगदान नियोक्ता भी करता है.
मामले से जुड़े 1 सूत्र ने कहा, ‘‘फैसले को देखते हुए ईपीएफओ उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जो ईपीएफ योगदान के लिये विशेष भत्ते को उसमें शामिल नहीं करते. ईपीएफओ फैसले का अध्ययन कर रहा है और उसे लागू करने के लिये जल्दी ही विस्तृत योजना लाएगा.’’
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सूत्र ने कहा, ‘‘ईपीएफओ ने शीर्ष अदालत में कहा है कि मूल वेतन को जानबूझकर कम रखा जाता है और इसी के आधार पर ईपीएफ की गणना होती है. इस प्रकार, इसीलिए निकाय के लिये यह जरूरी है कि इसे सही तरीके से लागू करे.’’
शेयर बाजार से ऐसे बढ़ाएं अपनी कमाई, देखें VIDEO
ईपीएफओ न्यासी और भारतीय मजदूर संघ (BMS) के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम शीर्ष अदालत के निर्णय का स्वागत करते हैं. यह लंबित मामला है. वास्तव में ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने ईपीएफ देनदारी कम करने के लिये वेतन को विभिन्न मदों में विभाजित करने के मामले तथा उससे निपटने के बारे में सुझाव देने को लेकर एक समिति बनायी थी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने मसले से निपटने को लेकर अपना सुझाव दिया था. लेकिन उसी समय मामला न्यायालय में गया और विभिन्न भत्तों को मूल वेतन में शामिल करने की समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा सका.’’
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में ईपीएफ की अपील की अनुमति दे दी. इसमें ईपीएफ योगदान की गणना के लिये विशेष भत्ते जैसे भत्तों को मूल वेतन में शामिल करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था.
11:17 AM IST