इस क्षेत्र खाली हैं 50000 पद, नौकरी करने वाले नहीं मिल रहे?
देश में स्किल्ड वर्कफोर्स नहीं होने के कारण डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में 50,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं.
ज्यादातर कंपनियां मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में निवेश कर रही हैं.
ज्यादातर कंपनियां मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में निवेश कर रही हैं.
भारत में डिजिटल ग्रोथ में तेजी आए के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में स्किल्ड वर्कफोर्स नहीं होने के कारण डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में 50,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं.
प्रमुख एजुकेशन टेक्नालॉजी प्लेटफार्म ग्रेट लर्निंग की एक रिपोर्ट में पाया गया कि बड़ी संख्या में अखबारों और जॉब साइट पर नौकरियों के विज्ञापन देने के बाद भी स्किल्ड प्रोफेशनल नहीं मिल रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक डेटा साइंस के क्षेत्र में नौकरी खोजने वालों का रुझान तो बढ़ा है, लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग अनस्किल्ड हैं.
ये रिपोर्ट देश भर में 3000 संगठनों के 28,000 लोगों के बातचीत करके तैयार की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस स्पेस में रोजगार चाहने वालों के मुकाबले कहीं अधिक रोजगार हैं. उपलब्ध टैलेंट के मुकाबले रोजगार की संख्या दोगुनी है.'
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ग्रेट लर्निंग के सह-संस्थापक हरि कृष्णन ने कहा, 'अधिक से अधिक रोजगार अब डेटा आधारित होते जा रहे हैं, ऐसे में वक्त की मांग है कि प्रोफेशनल्स दौड़ में बने रहने के लिए अपनी स्किल में इजाफा करें.'
उन्होंने बताया, 'पिछले एक साल के दौरान हमने पाया है कि आईटी, बीएफएसआई और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में कंपनियों की दिलचस्पी डेटा साइंस के प्रोफेशनल्स की ओर बढ़ी है.' एडेलवाइस, वेरिज़ोन और टीसीएस जैसी कंपनियों ने पिछले छह महीनों के दौरान मशीन लर्निंग और डेटा साइंट के क्षेत्र में कई भर्तियां की हैं. गार्टनर के मुताबिक भारत में पंजीकृत 10 लाख कंपनियों में करीब 75 प्रतिशत ने मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में निवेश करने के लिए दिलचस्पी दिखाई है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
03:20 PM IST